सुप्रीम कोर्ट से गोधरा कांड दोषियों की जमानत याचिका खारिज: कहा- ट्रेन जलाना गंभीर अपराध, इसमें किसी एक की नहीं, कईयों की मौत हुई

दिल्ली39 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- गोधरा कांड बहुत ही गंभीर घटना थी। यह किसी एक व्यक्ति की अकेली मौत का मामला नहीं है - Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- गोधरा कांड बहुत ही गंभीर घटना थी। यह किसी एक व्यक्ति की अकेली मौत का मामला नहीं है

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2002 के गोधरा कांड के तीन दोषियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। इन तीनों को उम्रकैद की सजा मिली हुई है।

सुनवाई कर रहे CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा- गोधरा कांड से भड़के सांप्रदायिक दंगे गंभीर घटना थी। इसमें किसी एक व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी।

हालांकि, गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली इस याचिका को SC ने दूसरी बेंच के पास लिस्टिंग के लिए परमिशन दे दी है।

गोधरा ट्रेन कांड देश का सबसे चर्चित दंगा रहा

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दोषियों के वकील संजय हेगड़े ने कहा- दो आरोपी छोटे मामलों में दोषी हैं

दोषियों की तरफ से पेश SC के सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने SC में दलील दिया। उन्होंने कहा दोषी सौकत यूसुफ इस्माइल मोहन, बिलाल अब्दुल्ला इस्माइल बादाम घांची और सिद्दीक को ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इनमें से एक 17 साल और 6 महीने सजा काट चुका है।

जबकि दूसरा 20 साल से सजा जेल में बंद हैं। आगे हेगड़े ने कहा कि दो दोषी छोटे केस में दोषी हैं। उनके ऊपर हिंसा के दौरान पत्थर फेंकने और गहने चोरी के आरोप लगे थे। जबकि उन गहनों का अभी तक पता नहीं चल सका। SC ने दोषियों के पक्ष सुनने के बाद बेल देने से मना कर दिया।

गोधरा में उग्र भीड़ ने ट्रेन को आग के हवाले किया था

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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- एक आरोपी मुख्य साजिशकर्ता का दोषी है

SC में सोमवार को गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा- दोषियों के खिलाफ गोधरा कांड के दौरान पत्थर फेंकने और गहने लूटने का ही दोष नहीं बल्कि एक आरोपी मुख्य साजिशकर्ता होने का भी दोषी है।

उस पर भीड़ को उकसाने और खतरनाक हथियार लोगों तक पहुंचाने का भी आरोप है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दोषियों के वकील संजय हेगड़े के हर दलील पर आपत्ति जताई। SC ने दोनों वकीलों के दलीलों को सुनकर दोषियों की बेल रिट को रद्द कर दिया।

गोधरा कांड में सजा काट रहे 8 दोषियों को SC जमानत दे चुकी है

SC ने 21 अप्रैल को गोधरा कांड में सजा काट रहे 8 दोषियों के जमानत याचिका स्वीकार कर ली थी। SC ने कहा था- दोषी 17-18 साल से जेल में हैं और उनकी अपील पर सुनवाई में समय लगेगा। हालांकि, कोर्ट ने मामले में मौत की सजा काट रहे 4 दोषियों को किसी तरह से राहत देने से इनकार दे दिया था।

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SC ने गोधरा कांड के 8 दोषियों को जमानत दी:4 की याचिका खारिज, तीन दिन पहले 11 को जमानत देने से इनकार किया था

उम्रकैद की सजा काट रहे 8 दोषियों को जमानत मिली

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सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2023 को 2002 के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगी जलाने के 8 दोषियों को जमानत दे दी। ये दोषी उम्रकैद की सजा काट रहे थे, कोर्ट ने जेल में बिताए गए 17-18 साल के समय और अपराध में उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए जमानत दी। पूरी खबरें पढ़ें

गुजरात दंगों से जुड़े 9 में से 8 केस बंद:सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इतना वक्त बीतने के बाद इन पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े 9 में से 8 केस बंद करने का आदेश दिया। इन सभी मामलों से जुड़ी कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित थीं। CJI जस्टिस यूयू ललित की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि इतना समय गुजरने के बाद इन मामलों पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। पूरी खबरें पढ़ें

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