ब्रज में जन्मे कन्हैया, बाल स्वरूप के दर्शन: चांदी के कमल पर अभिषेक, फूल-इत्र की बारिश; तस्वीरों में जन्माष्टमी के रंग

मथुरा22 मिनट पहले

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मथुरा में रात 12 बजते ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म हो गया। मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बज उठे। पूरा शहर नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की…से गूंज उठा। 500 किलो गुलाब के फूल और इत्र की बारिश हुई।

भगवान कृष्ण के चल विग्रह को चांदी से बने कमल पुष्प के सिंहासन पर विराजमान कर अभिषेक किया गया। 500 किलो गुलाब के फूल और इत्र की बारिश हुई। 251 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया।

बाल-गोपाल को अभिषेक के बाद नवरत्न कंठा, स्वर्ण निर्मित बांसुरी, कंगन के साथ जरी से बना गोटा मुकुट ब्रज रत्न पहनाया गया। पंजीरी, मेवा पाग का भोग लगाया। कृष्ण जन्मभूमि और बांके बिहारी में 2-3 किलोमीटर लंबी लाइन दर्शन के लिए लगी रही। भीड़ इतनी थी कि कुछ गलियों की सील कर दिया गया।

  • आइए मथुरा के मंदिरों की तस्वीर आपको दिखाते हैं…
श्री कृष्ण जन्मभूमि में जन्म के बाद भगवान को गर्भगृह से बाहर लाकर अभिषेक किया गया। भक्तों में जबरदस्त उत्साह रहा।

श्री कृष्ण जन्मभूमि में जन्म के बाद भगवान को गर्भगृह से बाहर लाकर अभिषेक किया गया। भक्तों में जबरदस्त उत्साह रहा।

भगवान के जन्म के साथ ही पूरा जन्मभूमि मंदिर जय कन्हैया लाल के जयकारे से गूंज उठा। भक्त उत्साह में नाचने और गाना गाने लगे।

भगवान के जन्म के साथ ही पूरा जन्मभूमि मंदिर जय कन्हैया लाल के जयकारे से गूंज उठा। भक्त उत्साह में नाचने और गाना गाने लगे।

तड़के करीब ढाई बजे बांके बिहारी की मंगला आरती हुई। इस दौरान पुलिसकर्मियों की काफी भीड़ रही।

तड़के करीब ढाई बजे बांके बिहारी की मंगला आरती हुई। इस दौरान पुलिसकर्मियों की काफी भीड़ रही।

श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर में भक्तों को कान्हा के बाल स्वरूप के दर्शन कराते पुजारी। इस दौरान कान्हा की एक झलक पाने को श्रद्धालु मामूली धक्का-मुक्की करते नजर आए।

श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर में भक्तों को कान्हा के बाल स्वरूप के दर्शन कराते पुजारी। इस दौरान कान्हा की एक झलक पाने को श्रद्धालु मामूली धक्का-मुक्की करते नजर आए।

जन्म स्थान मंदिर में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कान्हा के दर्शन को पहुंचे थे लेकिन पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाओं के चलते सभी को आसानी से दर्शन हुए।

जन्म स्थान मंदिर में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कान्हा के दर्शन को पहुंचे थे लेकिन पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाओं के चलते सभी को आसानी से दर्शन हुए।

जन्मभूमि मंदिर में चांदी की कामधेनु गाय के जरिए भगवान कृष्ण को अभिषेक किया गया। महंत महंत नृत्य गोपाल दास महाराज भी भगवान के दर्शन पूजन के लिए पहुंचे थे।

जन्मभूमि मंदिर में चांदी की कामधेनु गाय के जरिए भगवान कृष्ण को अभिषेक किया गया। महंत महंत नृत्य गोपाल दास महाराज भी भगवान के दर्शन पूजन के लिए पहुंचे थे।

रात के 12 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही ढोल नगाड़े बजने लगे। नंद गोपाल के जयकारे लगे।

रात के 12 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही ढोल नगाड़े बजने लगे। नंद गोपाल के जयकारे लगे।

भगवान रंगनाथ को पुजारियों के साथ ही श्रद्धालुओं ने भी झूला झुलाया। इस दौरान श्रद्धालु भक्ति में सराबोर दिखे।

भगवान रंगनाथ को पुजारियों के साथ ही श्रद्धालुओं ने भी झूला झुलाया। इस दौरान श्रद्धालु भक्ति में सराबोर दिखे।

जन्म स्थान मंदिर में शाम से श्रद्धालु कान्हा की भक्ति में लीन दिखे। भक्त पूरी रात उत्साह से भजन गाते हुए झूमते रहे।

जन्म स्थान मंदिर में शाम से श्रद्धालु कान्हा की भक्ति में लीन दिखे। भक्त पूरी रात उत्साह से भजन गाते हुए झूमते रहे।

चंद्रोदय मंदिर में कान्हा दूध, गंगाजल और पंचामृत से पुजारियों ने अभिषेक किया। यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे थे।

चंद्रोदय मंदिर में कान्हा दूध, गंगाजल और पंचामृत से पुजारियों ने अभिषेक किया। यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे थे।

यह फोटो रंगनाथ मंदिर की है। यहां पर भगवान का सहस्त्र धारा, पंचामृत अभिषेक और श्रृंगार किया गया।

यह फोटो रंगनाथ मंदिर की है। यहां पर भगवान का सहस्त्र धारा, पंचामृत अभिषेक और श्रृंगार किया गया।

श्रीकृष्ण जन्म भूमि मंदिर में श्रद्धालुओं ने लाइन में लगकर कान्हा के दर्शन किए। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि श्रद्धालु सिर्फ कान्हा को पलभर देखकर मंदिर के बाहर जा रहे थे।

श्रीकृष्ण जन्म भूमि मंदिर में श्रद्धालुओं ने लाइन में लगकर कान्हा के दर्शन किए। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि श्रद्धालु सिर्फ कान्हा को पलभर देखकर मंदिर के बाहर जा रहे थे।

जन्मस्थान को चंद्रयान 3 की थीम पर सजाया गया। इस दौरान भक्तों को मंदिर के साथ सेल्फी लेते हुए भी देखा गया।

जन्मस्थान को चंद्रयान 3 की थीम पर सजाया गया। इस दौरान भक्तों को मंदिर के साथ सेल्फी लेते हुए भी देखा गया।

द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह ठाकुर जी का दूध से अभिषेक किया गया। इसके बाद रात में भी पूजा की गई।

द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह ठाकुर जी का दूध से अभिषेक किया गया। इसके बाद रात में भी पूजा की गई।

राधा दामोदर मंदिर में अभिषेक किया गया। मान्यता है कि यहां की 4 परिक्रमा करने से गोवर्धन की एक परिक्रमा का फल मिलता है।

राधा दामोदर मंदिर में अभिषेक किया गया। मान्यता है कि यहां की 4 परिक्रमा करने से गोवर्धन की एक परिक्रमा का फल मिलता है।

  • अब यूपी के अन्य शहरों में जन्माष्टमी का उत्सव देखिए…
आगरा इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण राधा का पंचामृत से अभिषेक किया गया। यहां पर कान्हा के स्वरूप को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए।

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कानपुर के प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर में कृष्ण पोशाक में 5 साल के आरव और 3 साल की ऋषिका ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

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कानपुर के जेके टेंपल में कान्हा के जन्म लेते ही श्रद्धालु झूमने लगे। यहां पर कान्हा की चांदी की मूर्ति लगी है। खास बात यह है कि मंदिर के दरवाजे भी चांदी के हैं।

कानपुर के जेके टेंपल में कान्हा के जन्म लेते ही श्रद्धालु झूमने लगे। यहां पर कान्हा की चांदी की मूर्ति लगी है। खास बात यह है कि मंदिर के दरवाजे भी चांदी के हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में जन्माष्टमी मनाने पहुंचे थे। उन्होंने बच्चों को टॉफी बांटी और भगवान कृष्ण को झूला भी झुलाया।

सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में जन्माष्टमी मनाने पहुंचे थे। उन्होंने बच्चों को टॉफी बांटी और भगवान कृष्ण को झूला भी झुलाया।

आगरा की सेंट्रल जेल में कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति बंदियों संग भजन कीर्तन करते हुए।

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सांसद रवि किशन संग SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने गया भजन।

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