पायलट-क्रू मेंबर्स का परफ्यूम लगाना बैन हो सकता है: DGCA का ड्राफ्ट तैयार, कहा- इसमें अल्कोहल ज्यादा, ब्रेथएनालाइजर टेस्ट पर असर संभव

नई दिल्ली4 घंटे पहले

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डीजीसीए के मसौदे में ये भी कहा गया है कि क्रू मेंबर्स जब ड्यूटी पर जा रहे हों और उन्हें माउथवॉश चीजें इस्तेमाल करनी हों तो कंपनी के डॉक्टर की सलाह लें। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

डीजीसीए के मसौदे में ये भी कहा गया है कि क्रू मेंबर्स जब ड्यूटी पर जा रहे हों और उन्हें माउथवॉश चीजें इस्तेमाल करनी हों तो कंपनी के डॉक्टर की सलाह लें। (फाइल फोटो)

भारतीय पायलटों और क्रू मेंबर्स के परफ्यूम लगाने पर पाबंदी लग सकती है। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि पायलटों और क्रू मेंबर्स के परफ्यूम इस्तेमाल करने पर रोक लगानी चाहिए।

DGCA का तर्क है कि परफ्यूम में अल्कोहल की ज्यादा मात्रा होती है, लिहाजा इससे ब्रेथएनालाइजर टेस्ट पर असर पड़ सकता है। ब्रेथलाइजर टेस्ट से ये जांच की जाती है कि सामने वाले ने शराब पी है या नहीं और इसकी मात्रा कितनी है।

माउथवॉश और टूथ जेल इस्तेमाल ना करने का भी प्रपोजल
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक डीजीसीए के नए प्रपोजल में कहा गया है कि कोई भी क्रू मेंबर माउथवॉश, टूथ जेल, परफ्यूम या फिर ऐसा प्रोडक्ट यूज नहीं करेगा, जिसमें अल्कोहल हो। अगर क्रू ये चीजें (माउथवॉश, टूथ जेल, परफ्यूम) इस्तेमाल करेगा तो उसका ब्रेथएनालाइजर टेस्ट पॉजिटिव आने की संभावना ज्यादा रहेगी।

डीजीसीए के मसौदे में ये भी कहा गया है कि क्रू मेंबर्स जब ड्यूटी पर जा रहे हों और उन्हें ये चीजें इस्तेमाल करनी हों तो कंपनी के डॉक्टर की सलाह लें। हालांकि, डीजीसीए प्रमुख ने ये भी कहा है कि फिलहाल ये सिर्फ ड्राफ्ट कार यानी सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (जरूरत) है। इसे अमल में लाने से पहले पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा।

डीजीसीए का कहना है कि माउथवॉश में जो अल्कोहल की मात्रा होती है, वो ब्रेथएनालाइजर टेस्ट को प्रभावित कर सकती है।

डीजीसीए का कहना है कि माउथवॉश में जो अल्कोहल की मात्रा होती है, वो ब्रेथएनालाइजर टेस्ट को प्रभावित कर सकती है।

कैमरे के सामने होता है ब्रेथएनालाइजर टेस्ट
डीजीसीए समेत भारत में एयरलाइंस कंपनियां किसी भी ऑपरेशन से पहले ब्रेथएनालाइजर टेस्ट को लेकर बहुत सख्त हैं। यही वजह है कि ऐसे परीक्षण हमेशा कैमरे की निगरानी में होते हैं।

दुनियाभर में विमानन कंपनियां ड्यूटी से पहले पायलट्स-क्रू मेंबर्स की हेल्थ कंडीशंस की जांच करती हैं, इसके बाद ही उन्हें फ्लाइट में जाने की परमिशन होती है।

दुनियाभर में विमानन कंपनियां ड्यूटी से पहले पायलट्स-क्रू मेंबर्स की हेल्थ कंडीशंस की जांच करती हैं, इसके बाद ही उन्हें फ्लाइट में जाने की परमिशन होती है।

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