गुलाम नबी ने CWC को बताया मीनिंगलेस: बोले- चौकीदार चोर है का सपोर्ट किसी नेता ने नहीं किया पर राहुल का मकसद पर्सनल अटैक

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नई दिल्ली7 मिनट पहले

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कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस संस्था का कोई मतलब नहीं रह गया है। यह अब अर्थहीन हो गई है। उन्होंने पीएम मोदी की लगातार आलोचना करने के राहुल गांधी की पॉलिसी पर भी निशाना साधा है।

एनडीटीवी के हवाले से आजाद ने बताया कि मौजूदा CWC अर्थहीन है। सोनिया गांधी के नेतृत्व में सिर्फ CWC ही अहम थी। लेकिन बीते 10 सालों में इस कमेटी में 25 सदस्य हो गए हैं और 50 लोगों को खास इनवाट देकर जोड़ा गया है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी नेताओं से सलाह लेकर फैसले लेने में यकीन करते थे, लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में यह सब बर्बाद हो गया।

सोनिया ने मुझपर भरोसा किया, मैंने रिजल्ट दिया
आजाद ने कहा कि 1998 से 2004 के बीच सोनिया गांधी वरिष्ठ नेताओं से राय लेती रहीं। वे उनकी सलाह मानती थीं और उनके पूछे बिना कोई फैसला नहीं लेती थीं। उन्होंने मुझे 8 राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी, मैंने उसमें से सात राज्यों में जीत दिलाई। उन्होंने मेरे काम में दखलंदाजी नहीं की।

लेकिन जब राहुल गांधी आए, तो 2004 के बाद सोनिया गांधी वरिष्ठ नेताओं की बजाय राहुल गांधी की ही बात मानने लगीं। राहुल के पास राय देने का कोई अनुभव या कला नहीं है, फिर भी सोनिया गांधी चाहती थीं कि सभी नेता राहुल के हिसाब से काम करें।

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‘चौकीदार चोर है’ नारे ने कांग्रेस में डाली दरार
आजाद ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और राहुल गांधी के बीच दरार तब साफ हुई, जब राहुल ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया। किसी वरिष्ठ नेता ने इस नारे का समर्थन नहीं किया। राहुल ने पार्टी मीटिंग में पूछा था कि जिन्हें नारा अच्छा लगा वे हाथ ऊपर उठाएं। तब कई बड़े नेताओं ने इस नारे को लेकर असहमति दर्ज कराई थी। उस बैठक में मनमोहन सिंह, एके एंटनी और पी चिदंबरम भी थे।

बड़े नेताओं पर पर्सनल अटैक कहां तक सही?
आजाद ने कहा, ‘हमने अपनी राजनीतिक पढ़ाई इंदिरा गांधी के नेतृत्व में की है। जब मैं जूनियर नेता था, तो वे एमएल फोटेदार और मुझे कहा करती थी कि हम अटल बिहारी वाजपेयी जी से मिलते रहें। हमें सिखाया गया था कि हमें अपने से बड़ों की इज्जत करनी चाहिए और विपक्ष के नेताओं को उतना ही सम्मान देना चाहिए जितना अपनी पार्टी के नेताओं को देते हैं। लेकिन राहुल की पॉलिसी सिर्फ मोदी पर हमला करने की है। वे हर तरफ से मोदी पर हमलावर रहते हैं।’

आजाद ने कहा कि उनके मन में राहुल गांधी के प्रति कोई निजी द्वेष नहीं है। वे एक अच्छे इंसान हैं, लेकिन राजनीतिज्ञ के तौर पर उनमें वो बात नहीं है। उनमें हार्डवर्क करने की कुशलता नहीं है।

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