अमित शाह फेक वीडियो केस- FIR में क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी जोड़ी: दिल्ली पुलिस बोली- हमें बड़े षड्यंत्र का इशारा मिला

नई दिल्ली13 मिनट पहले

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27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे कांग्रेस के कई हैंडल्स ने शेयर किया था। - Dainik Bhaskar

27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे कांग्रेस के कई हैंडल्स ने शेयर किया था।

गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले में दर्ज FIR में दिल्ली पुलिस ने आपराधिक षड्यंत्र का मामला भी जोड़ा है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि हमने FIR के तहत IPC की धारा 120B (क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी के तहत सजा) को जोड़ा है, क्योंकि जांच के दौरान बड़े षड्यंत्र का इशारा मिला है।

गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेट सेंटर की तरफ से शिकायत पर स्पेशल सेल ने रविवार को इस मामले में सेक्शन 153 (दंगा भड़काने की मंशा से भड़काऊ बात फैलाना), 153A (धर्म, जाति, पैदा होने के स्थान के आधार पर अलग-अलग समुदाय के बीच नफरत फैलाना), 465 (किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए झूठ कहना), 171G (चुनाव के संबंध में गलत बयान देना) के तहत FIR दर्ज की थी।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पहले चार सेक्शंस में FIR दर्ज की थी, इसमें एक और धारा जोड़ी गई है।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पहले चार सेक्शंस में FIR दर्ज की थी, इसमें एक और धारा जोड़ी गई है।

शुक्रवार को पुलिस ने तेलंगाना कांग्रेस के सदस्य को गिरफ्तार किया था
एक दिन पहले ही पुलिस ने कांग्रेस के एक सदस्य को गिरफ्तार किया था। आरोपी की पहचान अरुण बीरेड्डी के रूप में की गई है। वह तेलंगाना में कांग्रेस के सोशल मीडिया विंग का नेशनल कोऑर्डिनेटर है। गिरफ्तारी के बाद रात को उसे एक कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उसे तीन दिन की कस्टडी में भेज दिया गया।

पुलिस के स्पेशल सेल ने बीरेड्‌डी से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, बीरेड्‌डी कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम का अहम सदस्य है और उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने अमित शाह के फर्जी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसके साथ ही अपने परिवार के साथ भी शेयर किया था। आरोपी ने अपने फोन से अहम सबूत भी डिलीट किए हैं। उसके फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

इससे पहले गुरुवार को तेलंगाना पुलिस ने इस मामले में कांग्रेस के 5 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इनमें कांग्रेस के तेलंगाना सोशल मीडिया संयोजक भी शामिल हैं। राज्य की भाजपा यूनिट ने इनके खिलाफ शिकायत की थी।

अमित शाह का आरक्षण पर बयान से जुड़ा एक फेक वीडियो 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

अमित शाह का आरक्षण पर बयान से जुड़ा एक फेक वीडियो 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

क्या है अमित शाह का डीपफेक वीडियो मामला?
27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और CM रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं।

PTI की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी। इस मामले को लेकर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की। पुलिस ने तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी को भी तलब किया है। हालांकि, रेड्डी ने जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा है।

गुवाहाटी में अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओरिजिनल और फेक वीडियो दिखाया था।

गुवाहाटी में अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओरिजिनल और फेक वीडियो दिखाया था।

अहमदाबाद से 2, असम से 1 की गिरफ्तारी हुई थी
शाह के फेक वीडियो केस में 30 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद से भी 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक का नाम सतीश वंसुला है और दूसरे का नाम आरबी बारिया है। वंसुला विधायक जिग्नेश मेवाणी के PA हैं और बारिया AAP कार्यकर्ता हैं। इससे पहले सोमवार 29 अप्रैल को असम से एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने इस केस में झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों के कई राजनीतिक दलों के लगभग 22 लोगों को नोटिस दिया है। इन सभी को गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल यूनिट की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) के सामने पेश होने कहा गया है। हालांकि, गुरुवार को किसी भी राजनीतिक दल का कोई सदस्य पेश नहीं हुआ था।

अहमदाबाद से गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्ति (ग्रे और सफेद टीशर्ट में)।

अहमदाबाद से गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्ति (ग्रे और सफेद टीशर्ट में)।

तेलंगाना CM को दोबारा भेजा जाएगा नोटिस
शाह के फर्जी वीडियो को अपलोड और शेयर करने के मामले में दिल्ली पुलिस, तेलंगाना कांग्रेस के सदस्यों को दूसरा नोटिस जारी कर सकती है। तेलंगाना कांग्रेस के चार सदस्य बुधवार को IFSO ऑफिस नहीं पहुंचे थे।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के चार सदस्यों – शिव कुमार अंबाला, अस्मा तसलीम, सतीश मन्ने और नवीन पेटम को CrPC की धारा 91 और 160 के तहत समन जारी किए गए हैं।

हालांकि, अगर किसी शख्स को CrPC की धारा 160/91 के तहत नोटिस दिया जाता है, तो वह शख्स या तो खुद जांच अधिकारी के सामने पेश हो सकता है या अपना कानूनी प्रतिनिधि भेज सकता है।

बुधवार को रेड्डी के वकील जांच अधिकारी के सामने हाजिर हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का शाह के भाषण का फेक वीडियो बनाने या पोस्ट करने से कोई लेना-देना नहीं है।

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