LCA MK2 फाइटर जेट को सरकार की मंजूरी: 2024 में हो सकती है पहली उड़ान; मिराज-2000, मिग-29 से बेहतर

नई दिल्ली7 मिनट पहले

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डिफेंस कैबिनेट की मीटिंग ने LCA MK2 फाइटर जेट को मंजूरी मिल गई है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) इस फाइटर जेट को डिजाइन और विकसित करेगी। ADA के हेड गिरीश देवरधरे ने बताया कि LCA MK2 17.5 टन का सिंगल इंजन का एयरक्राफ्ट है। एयरफोर्स में इसके आने से मिराज-2000, जगुआर और मिग-29 को हटाया जा सकता है। सरकार ने इसके लिए करीब 10,000 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।

गिरीश ने बताया कि फाइटर जेट की पहली उड़ान 2024 में हो सकती है। इसके पूरा डेवलप होने में पांच साल लगेंगे। 2027 तक इसका पूरी तरह से उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने से LCA MK1A को भी बढ़ावा मिलेगा। गिरीश ने यह भी बताया कि LCA MK2 के प्रोटोटाइप एक साल में डेवलप हो जाएगा। डेवलपेंट के समय ही ट्रायल का काम पूरा कर लिया जाएगा।

LCA MK2 की पहली उड़ान 2024 में हो सकती है। जो 6500 KG का वेट लेकर उड़ सकेगा।

LCA MK2 की पहली उड़ान 2024 में हो सकती है। जो 6500 KG का वेट लेकर उड़ सकेगा।

6500 KG का वेट लेकर उड़ने में सक्षम

खास बात यह है कि इसमें दो क्रू बैठ सकते हैं। फाइटर जेट की लंबाई करीब 40 फीट होगी। यह 6500 किलोग्राम का वेट लेकर उड़ने में सक्षम है। इसकी स्पीड 2385 KM/H होगी। इसके उड़ान की रेंज 2500 किलोमीटर है। यह अधिकतम 56758 फीट तक की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इसमें 13 अलग-अलग हथियार लगाए जा सकते हैं।

राफेल के समान LCA MK 2 में 13 अलग-अलग हथियार लगाए जा सकते हैं।

राफेल के समान LCA MK 2 में 13 अलग-अलग हथियार लगाए जा सकते हैं।

LCA MK 2 फाइटर जेट हवा से मार करने वाली MICA, ASRAAM, Meteor, Astra, NG-CCM, हवा से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस-NG ALCM, LRLACM स्टॉर्म शैडो के लगाने की योजना है। इसमें प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन यानी बम लगाए जा सकते हैं।

राफेल की तरह है LCA MK2

LCA MK 2 का इंजन भारत में बन सकता है। प्राइमरी प्रोजेक्ट के बाद इसके इंजन का काम शुरू होगा।

LCA MK 2 का इंजन भारत में बन सकता है। प्राइमरी प्रोजेक्ट के बाद इसके इंजन का काम शुरू होगा।

DRDO के मुताबिक LCA MK2 की एवियोनिक्स और अन्य क्षमता देखें तो इसे राफेल की श्रेणी में रखा जा सकता है। इसका वेट राफेल के वेट से कम है। इसका इंजन भारत में बनना चाहिए। प्राइमरी प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यह काम शुरू होगा। GE-414 के इंजन का विकास करेगा। जो GE-404S का एडवांस वर्जन होगा। भारतीय वायुसेना के पास 30 LCA तेजस विमान मौजूद हैं।

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