Jharkhand: समुदाय विशेष के दबंगों ने 50 दलित परिवारों को गांव से भगाया, जानें पीड़ितों की पूरी कहानी

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झारखंड में मुस्लिम युवक शाहरुख द्वारा दुमका की बेटी अंकिता सिंह को जिंदा जला देने की घटना के बाद कट्टरपंथियों का एक और हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है। यहां के पलामू जिले में कथित तौर पर समुदाय विशेष के लोगों ने 50 दलित परिवारों को उस गांव से निकाल दिया, जहां वे पिछले चार दशकों से रह रहे थे। फिलहाल इस मामले में 12 लोगों और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक घटना  जिले के पांडू प्रखंड में मुरूममातु की है। मुरूममातु  मुस्लिम बहुल गांव है। यहां मुसहर जाति के लोगों के भी कुछ घर हैं। गांव वालों ने आरोप लगाया कि सोमवार को कई दबंगों ने हमला करके उनके घरों को तोड़ दिया। इतना ही नहीं, दंबगों ने जबरदस्ती उन लोगों के अंगूठे लगवाकर उनकी सहमति भी ले ली। इसके बाद दबंगों ने ग्रामीणों का सामान वाहनों में लाद कर  पास के जंगल में छोड़ दिया। गांववालों ने ये आरोप भी लगाया है कि उनके साथ मारपीट भी की गई थी। साथ ही इस संबंध में पुलिस से संपर्क करने से मना किया गया था। दबंगों ने पुलिस के पास जाने पर उन्हें मारने की धमकी दी थी। 

सूचना मिलने पर एसडीओ मेदिनीनगर, राजेश कुमार साह और एसडीपीओ विश्रामपुर सुरजीत कुमार पांडु थाना क्षेत्र के टोंगरी पहाड़ी इलाके में पहुंचे। उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में 12 लोगों और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। 

पलामू के उपायुक्त ए डोडे ने बताया कि घटना के संबंध में पुलिस को शीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। डीसी ने यह भी बताया कि सभी 50 परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर एक ही गांव में पुनर्वास का आश्वासन दिया गया है। 

उपायुक्त के आश्वासन के बाद एसडीपीओ ने कहा कि पीड़ितों उसी स्थान पर बसाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने ये भी बताया कि कि प्रखंड विकास अधिकारी द्वारा पीड़ितों के लिए कपड़े और खाने की व्यवस्था की गई है। एसडीपीओ ने आगे बताया कि आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा रही है। 

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झारखंड में मुस्लिम युवक शाहरुख द्वारा दुमका की बेटी अंकिता सिंह को जिंदा जला देने की घटना के बाद कट्टरपंथियों का एक और हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है। यहां के पलामू जिले में कथित तौर पर समुदाय विशेष के लोगों ने 50 दलित परिवारों को उस गांव से निकाल दिया, जहां वे पिछले चार दशकों से रह रहे थे। फिलहाल इस मामले में 12 लोगों और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक घटना  जिले के पांडू प्रखंड में मुरूममातु की है। मुरूममातु  मुस्लिम बहुल गांव है। यहां मुसहर जाति के लोगों के भी कुछ घर हैं। गांव वालों ने आरोप लगाया कि सोमवार को कई दबंगों ने हमला करके उनके घरों को तोड़ दिया। इतना ही नहीं, दंबगों ने जबरदस्ती उन लोगों के अंगूठे लगवाकर उनकी सहमति भी ले ली। इसके बाद दबंगों ने ग्रामीणों का सामान वाहनों में लाद कर  पास के जंगल में छोड़ दिया। गांववालों ने ये आरोप भी लगाया है कि उनके साथ मारपीट भी की गई थी। साथ ही इस संबंध में पुलिस से संपर्क करने से मना किया गया था। दबंगों ने पुलिस के पास जाने पर उन्हें मारने की धमकी दी थी। 

सूचना मिलने पर एसडीओ मेदिनीनगर, राजेश कुमार साह और एसडीपीओ विश्रामपुर सुरजीत कुमार पांडु थाना क्षेत्र के टोंगरी पहाड़ी इलाके में पहुंचे। उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में 12 लोगों और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। 

पलामू के उपायुक्त ए डोडे ने बताया कि घटना के संबंध में पुलिस को शीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। डीसी ने यह भी बताया कि सभी 50 परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर एक ही गांव में पुनर्वास का आश्वासन दिया गया है। 

उपायुक्त के आश्वासन के बाद एसडीपीओ ने कहा कि पीड़ितों उसी स्थान पर बसाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने ये भी बताया कि कि प्रखंड विकास अधिकारी द्वारा पीड़ितों के लिए कपड़े और खाने की व्यवस्था की गई है। एसडीपीओ ने आगे बताया कि आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा रही है।