5 दिन का विशेष सत्र 4 दिन में खत्म: पुरानी से नई संसद में शिफ्ट हुए सांसद, दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पास

नई दिल्ली14 मिनट पहले

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राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद महिला सांसदों ने पीएम मोदी के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई। - Dainik Bhaskar

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद महिला सांसदों ने पीएम मोदी के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई।

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। मगर यह सेशन चार दिन में ही खत्म हो गया। इस दौरान कार्यवाही पुरानी से नई संसद में शिफ्ट हुई।

21 सितंबर की देर रात राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पास होते ही लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।

इससे पहले 20 सितंबर को महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) लोकसभा में पेश किया गया था। जहां बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े थे वहीं विरोध में दो वोट पड़े थे।

दोनों सदनों में बिल के पास होने के बाद अब यह राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा।

संसद में चार दिन की कार्यवाही…

18 सितंबर (पहला दिन) – मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी

पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया।

18 सितंबर को संसद के स्पेशल सत्र की शुरुआत हुई। पहले दिन की कार्यवाही संसद के पुराने भवन में हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा- ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था।

उन्होंने कहा, ‘सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन ने दिया। पढ़ें पूरी खबर…

19 सितंबर (दूसरा दिन) – PM सहित सभी सांसद पैदल नए संसद भवन पहुंचे, लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश

पीएम सहित सभी सांसद पुरानी संसद से निकलकर पैदल ही नए संसद भवन पहुंचे।

पीएम सहित सभी सांसद पुरानी संसद से निकलकर पैदल ही नए संसद भवन पहुंचे।

विशेष सत्र के दूसरे दिन पीएम मोदी सहित सभी सांसद पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल पहुंचे। यहां पीएम, उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर, दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष ने स्पीच दी। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से बुलाने का प्रस्ताव रखा। सेंट्रल हॉल में मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर इसकी सहमति दी। मोदी ने कहा- पुराने सदन की गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए। संविधान सदन से हमारी प्रेरणा बनी रहेगी।

इसके बाद सभी सांसदों ने सेंट्रल हॉल के पास एक साथ फोटो सेशन भी कराया। PM मोदी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सत्ता और विपक्ष के सभी सांसद मौजूद रहे। जिसके बाद पीएम सहित सभी सांसद पैदल पुरानी संसद से नई संसद पहुंचे।

नई संसद में पहले दिन की कार्यवाही में ही 128वां संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया। इसके मुताबिक लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…

20 सितंबर (तीसरा दिन) – बिल पर 7 घंटे बहस हुई, दो तिहाई वोटों से बिल लोकसभा में पास

सोनिया गांधी ने जहां बिल से राजीव गांधी का सपना पूरा होने की बात कही। वहीं, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और सपा की डिंपल यादव ने ओबीसी महिलाओं को भी फायदा देने की वकालत की।

सोनिया गांधी ने जहां बिल से राजीव गांधी का सपना पूरा होने की बात कही। वहीं, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और सपा की डिंपल यादव ने ओबीसी महिलाओं को भी फायदा देने की वकालत की।

20 सितंबर को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक नारी शक्ति वंदन विधेयक पर बहस हुई। बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, महुआ मोइत्रा सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने बिल का समर्थन तो किया, साथ ही इसमें कुछ सुझाव दिए। शाम तक चली इस बहस के बाद पर्ची से वोटिंग हुई। बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। विरोध करने वाले दोनों सांसद AIMIM के थे। पढ़ें पूरी खबर…

21 सितंबर (चौथा दिन) – राज्यसभा में बिल सर्वसम्मति से पास हुआ

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और जेपी नड्डा ने अपनी बात रखी।

राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और जेपी नड्डा ने अपनी बात रखी।

संसद के स्पेशल सेशन के चौथे दिन राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पेश किया गया जो देर रात सर्वसम्मति से पास हो गया। बिल के खिलाफ किसी ने वोट नहीं दिया। हाउस में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…

अब समझिए महिला आरक्षण बिल को…
महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा। लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा। इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है। यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।

परिसीमन के बाद ही लागू होगा बिल
नए विधेयक में सबसे बड़ा पेंच यह है कि यह डीलिमिटेशन यानी परिसीमन के बाद ही लागू होगा। परिसीमन इस विधेयक के पास होने के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर होगा। 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले जनगणना और परिसीमन करीब-करीब असंभव है।

इस फॉर्मूले के मुताबिक विधानसभा और लोकसभा चुनाव समय पर हुए तो इस बार महिला आरक्षण लागू नहीं होगा। यह 2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों से लागू हो सकता है।

तीन दशक से पेंडिंग था महिला आरक्षण बिल
संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से पेंडिंग है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था।

तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन UPA सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। तभी से महिला आरक्षण बिल पेंडिंग था।

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4 प्रधानमंत्री, 11 कोशिशें, 27 साल: महिला आरक्षण विधेयक की पूरी राजनीतिक कहानी

पहली बार प्रस्तावित होने के 14 साल बाद महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। उसके बाद से 13 साल हो गए, ये बिल लोकसभा में पास नहीं हो सका। अब 2023 में मोदी सरकार ने भी इसे लोकसभा में पेश कर दिया है। अगर ये पारित हो गया तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित हो जाएंगी। पढ़ें पूरी खबर…

महिला आरक्षण विधेयक से जुड़े 11 सवालों के जवाब

मोदी सरकार ने नए संसद भवन की पहली कार्यवाही में मंगलवार को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पेश किया। महिला आरक्षण पारित कराने के लिए पिछले 27 साल में मौजूदा सरकार समेत 4 सरकारों की ये 11वीं कोशिश है। ये बिल कैसे पारित होगा, कब से लागू होगा, कितने दिनों के लिए है, किन सीटों पर होगा; जैसे जरूरी सवालों के जवाब जानने के लिए भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़ें…

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