4 सितंबर तक बाड़ेबंदी में ही रहेंगे UPA के MLAs: आज रायपुर लौट सकते हैं चारों मंत्री; भूपेश बोले- BJP नेताओं का अपहरण करती है

रांची5 मिनट पहले

झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच हेमंत सोरेन ने एक बड़ा दांव खेला है। सरकार ने 5 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान सोरेन सरकार अपना बहुमत पेश कर सकती है। इसके अलावा कुछ बड़ा निर्णय लेने की बात भी सामने आ रही है।

इसके मद्देनजर अब सीएम हेमंत सोरेन के फिलहाल रायपुर आने की संभावना कम है। वे झारखंड में रहकर ही सियासी समीकरण को साध सकते हैं, जबकि UPA के 30 विधायक फिलहाल रायपुर के मेफेयर होटल में ही रहेंगे।

वहीं चर्चा इस बात की भी है कि UPA के 4 मंत्री जो कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को रांची गए थे, वे शुक्रवार को एक बार फिर से रायपुर लौट सकते हैं। फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विधानसभा सत्र से ठीक एक दिन पहले सभी के रांची लौटने की सूचना सामने आ रही है।

BJP को विपक्ष बर्दाश्त नहीं​​​​​​​: भूपेश बघेल

​​​​​​​​​​​​​​झारखंड के विधायकों के छत्तीसगढ़ आने को लेकर बीजेपी के बयान पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह बताएं कि यहां हमारी पार्टी के, गठबंधन के विधायक(झारखंड से) आए हैं। वे(BJP) तो दूसरी पार्टी के नेताओं का अपहरण करके ले जाते हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और अभी महाराष्ट्र के विधायकों को ले गए थे। भाजपा विपक्ष को बर्दाश्त नहीं कर पा रही।

3 लेयर की सिक्योरिटी, विधायकों के दहलीज लांघने पर भी है पाबंदी
30 अगस्त की शाम से UPA के विधायक रायपुर के मेफेयर गोल्फ रिजॉर्ट में हैं। इन विधायकों को छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से इतनी सख्त सुरक्षा में रखा गया है कि परिंदा भी पर न मार सके। मेन गेट से विधायकों तक पहुंचने के लिए तीन लेयर में सिक्योरिटी को तैनात किया गया है। इसमें 24 घंटे तीन डीएसपी रैंक के अधिकारी तैनात हैं। इसके अलावा 24 से ज्यादा सुरक्षा बल की नियुक्ति की गई है, जो तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं।

रिसॉर्ट में VVIP को भी एंट्री नहीं
मेफेयर गोल्फ रिसॉर्ट के अंदर एक रेसिंडेशियल इलाका भी है। यहां बड़े लेवल पर कंस्ट्रक्शन का भी काम चल रहा है। ऐसे में विधायकों की यहां बाड़ेबंदी कर देने से इन लोगों की परेशानी बढ़ गई है। रेसिडेंशियल इलाके में रहने वालों को अपना पुख्ता प्रमाण देना पड़ रहा है। VVIP को भी बिना होटल प्रबंधन या सरकार के अधिकारी की अनुमति के एंट्री नहीं मिल रही है।

विधायकों ने कहा- उन्हें बाहर निकलने की इजाजत नहीं
यहां रह रहे विधायक चाह कर भी बाहर नहीं निकल सकते हैं। सभी के लिए अलग-अलग कमरे की बुकिंग की गई है और सभी को अपने कमरे में ही रहना है। पाबंदी केवल कमरे के अंदर रहने भर की नहीं है, उन्हें अपनी बात किसी भी सोशल मीडिया पर रखने से मना किया गया है। यही कारण है कि जो विधायक लतरातू डैम के ट्रिप की फोटो सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे थे। यहां की अभी तक एक भी फोटो शेयर नहीं कर पाए हैं।

जिस रिसॉर्ट में विधायक बंद हैं उसकी खासियत जान लीजिए
जिस रिसॉर्ट में झारखंड के विधायक ठहरे हुए हैं वो धरती पर जन्नत से कम नहीं है। वहां ऐश-ओ-आराम से लेकर मनोरंजन के हर साधन चहारदिवारी के भीतर उपलब्ध हैं। ये रिसॉर्ट 178 कमरे और सुइट का फाइव स्टार डिलक्स होटल है। यहां 4 स्वीमिंग पूल लेक में बोटिंग के साथ अलग-अलग स्पोर्ट्स एक्टिविटी की व्यवस्था है। होटल के वेबसाइट पर दी गई जानाकारी के मुताबिक रूम का एक रात का किराया…

एग्जिक्यूटिव 15,200 रुपए

स्पा सुइट 20,900 रुपए

प्रेसिडेंसियल सुइट 1,20,650 रुपए

महाराज और महारानी सुइट 85,000 रुपए है।

विधायकों के लिए मेफेयर रिसॉर्ट को ही क्यों चुना गया?
मेफेयर अभी तक कांग्रेस विधायकों के लिए सबसे अभेद रहा है। पिछले साल जब असम में विधानसभा चुनाव हुए थे और वहां विपक्ष के विधायकों की खरीद-फरोख्त शुरू हुई थी, तब वहां विपक्ष के लगभग एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को रायपुर के इसी मेफेयर रिसॉर्ट में लाया गया था। वहीं जब हरियाणा में राज्यसभा चुनाव होना था, तो वहां भी बीजेपी की तरफ से खरीद-फरोख्त की बात सामने आई, इस पर हरियाणा के विधायकों को मेफेयर में ही ठहराया गया था। अब जब झारखंड सरकार के सामने संकट आया है तो विधायकों को यहां लाया गया है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को क्राइसिस मैनेजमेंट का मास्टर माना जाता है।

कोलकाता कैश कांड के बाद बिगड़ा खेल
RPN सिंह की प्लानिंग लगभग पूरी तरह लागू भी हो गई थी, लेकिन इससे ठीक पहले कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी कैश के साथ कोलकाता में धरे गए। इसके बाद टूट का खेल बिगड़ गया। कांग्रेस के प्रभारी ने उन्हें इस पूरे खेल का खुलासा करने के लिए कहा, लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो अब पार्टी उनके खिलाफ एक्शन लेने के मोड में है। उनकी विधायकी पर भी तलवार लटक सकती है।

चुनाव आयोग को राज‌‌भवन के पत्र का इंतजार
चुनाव आयोग के एक बड़े पदाधिकारी की मानें तो गेंद अभी भी राजभवन के पाले में हैं। चुनाव आयोग ने पहले ही मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद अपना निर्णय सुना दिया है। आदेश राज्यपाल को जारी करना है। राजभवन के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राजभवन इस संबंध में गैजेट जारी करेंगे, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग विधानसभा स्पीकर को देगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

सोरेन की पत्नी का नाम सबसे आगे
अगर सोरेन की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाती है तो इस पद के लिए सबसे पहला नाम सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का है। दूसरे और तीसरे नंबर पर जोबा मांझी और चंपई सोरेन हैं। दोनों सोरेन परिवार के काफी करीबी और विश्वस्त हैं। कांग्रेस ने भी इन नामों पर अभी तक किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई है।

क्या है खनन पट्टे का मामला?
10 फरवरी को पूर्व CM रघुवर दास के नेतृत्व में BJP के एक डेलिगेशन ने गवर्नर से मुलाकात की थी। BJP ने राज्यपाल से CM सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। BJP ने आरोप लगाया था कि CM सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। BJP का आरोप है कि यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। गवर्नर ने BJP की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी।

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