3500 दिव्यांग बच्चों को नॉर्मल लाइफ देने वाले टीचर: जिनको पागल-मंदबुद्धि बोला गया…आज अभय की बदौलत रेलवे-बैंक में नौकरी कर रहे

2 घंटे पहलेलेखक: देवांशु तिवारी

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7 साल का हंसता-खेलता जीतेंद्र, अचानक दिमागी बुखार आया। आधे शरीर में लकवा मार गया। घरवालों ने जैसे-तैसे अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। बताया- जीतेंद्र अब पहले की तरह चल और बोल नहीं सकता। उसका शरीर अकड़ गया है…दोनों हाथ बेदम हो चुके हैं। इसलिए अब पूरी जिंदगी उसे पैरों से ही काम करना पड़ेगा।

1 दिन पहले जो बच्चा खुद से स्कूल जाता था। सारे काम करता था,