12वीं की परीक्षा दे चुकी हूं, इंजीनियर बनना चाहती हूं: B.Tech के साथ ब्रिज कोर्स दिलाएगा अच्छा पैकेज, यूपी-स्टेट कॉलेज मिला तो सालभर की फीस 20 हजार

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28 मिनट पहलेलेखक: देवांशु तिवारी

यूपी बोर्ड परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं। अब दिमाग में टेंशन होगी कि आगे क्या किया जाए? फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ यानी PCM से 12वीं की पढ़ाई कर चुके कुछ स्टूडेंट्स B.Tech की डिग्री लेना चाह रहे होंगे, तो कुछ BSc की। ऐसे में छात्रों के मन में इंजीनियरिंग फील्ड में आगे की पढ़ाई, कॉलेज, फीस, बेस्ट ऑप्शन, यहां तक कि 12वीं के बाद ही सरकारी नौकरी पाने जैसे कई सवाल हैं। इन्हीं सवालों को लेकर हमने इंजीनियरिंग की तैयारी करवाने वाले TOP-10 कोचिंग इंस्टीट्यूट FIIT-JEE के मैथ्स एक्सपर्ट प्रो. SN मिश्रा और संजीव कुमार पांडे से बात की। आइए विस्तार से पढ़वाते हैं इटरव्यू…

सवाल 1: मैंने PCM से 12वीं पास किया है। सपना है इंजीनियर बनने का। इस फील्ड में करियर बनने के लिए क्या करूं?

मिश्रा बीते 30 साल से 12वीं पास आउट स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग की तैयारी करवा रहे हैं।

मिश्रा बीते 30 साल से 12वीं पास आउट स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग की तैयारी करवा रहे हैं।

जवाब: PCM से 12वीं पास करने के बाद स्टूडेंट्स के पास इंजीनियरिंग फील्ड में करियर बनाने के 2 ऑप्शन हैं। पहला: JEE-Mains के थ्रू NIT या IIIT में जा सकते हैं। दूसरा : JEE– Advanced से IIT में एडमिशन ले सकते हैं। इन 2 तरीकों से छात्र जल्दी इंजीनियर बन सकते हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि IIT में सिलेक्ट होने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ विषयों में 75% नंबर लाना जरूरी है। हालांकि, स्टेट लेवल के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज 50% के ऊपर का पर्सेंटाइल मांगते हैं।

JEE-Mains क्लियर करने के बाद अगर NIT में सिलेक्शन होता है, तो भी अच्छी बात है। सलाह ये है कि स्टूडेंट्स Advanced के चक्कर में न पड़ कर बेस्ट NIT’S में ही एडमिशन ले लें। क्योंकि NIT’S में भी IIT लेवल का प्लेसमेंट मिलता है।

सवाल 2: मैंने हिन्दी मीडियम से पढ़ाई की है। अंग्रेजी नहीं आती। क्या ये करियर में रुकावट ला सकता है?

जवाब: अगर बच्चा हिंदी मीडियम से पढ़ा है और उसे सिलेबस अच्छी तरह से तैयार किया है, तो उसके लिए अवसर अपने आप बढ़ जाते हैं। आजकल इंजीनियरिंग की तैयारी कराने वाले संस्थान हिंदी और अंग्रेजी दोनों मीडियम के हिसाब से तैयारी करवाते हैं। बस आपको करना ये है कि JEE-Mains में बैठने से पहले 10वीं और 12वीं दोनों का सिलेबस अच्छे से प्रिपेयर कर लें। 90% प्रश्न इसी से आते हैं। ऐसे में JEE-Mains और Advanced क्लियर करने के लिए आपका बोर्ड लेवल का सिलेबस ही काफी है।

सवाल 3: पॉलिटेक्निक कोर्स करने से क्या बेहतर जॉब अपॉर्च्युनिटी मिल सकती है। किस स्ट्रीम में डिप्लोमा करने से ज्यादा फायदा मिलेगा?

जवाब: बहुत से बच्चे जल्दी पैसे कमाने के चक्कर में मैकेनिकल की पढ़ाई करने के बाद सॉफ्टवेयर में शिफ्ट हो जाते हैं। कोडिंग सीख लेते हैं या फिर तरह-तरह के हाईटेक कम्प्यूटर कोर्स कर लेते हैं। ऐसा न करें। अच्छे से माइंड मेकअप कर लें कि आपको मैकेनिकल, केमिकल स्ट्रीम में जाना है या इलेक्ट्रिकल में। पॉलिटेक्निक कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए मेरी सलाह है कि वो मैकेनिकल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा कोर्स करें। क्योंकि सबसे ज्यादा जॉब अपॉर्च्युनिटी इसी में मिलती है।

सवाल 4: मेरी इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल दोनों स्ट्रीम में रुचि है। इनमें से कौन सी फील्ड चुनना अच्छा रहेगा?

जवाब: मैकेनिकल इंजीनियरिंग को ‘फादर ऑफ ऑल स्ट्रीम’ माना जाता है। ये वो सिंगल विंडो है, जिससे आप जो चाहें वो कर सकते हैं। एक मैकेनिकल इंजीनियर स्टील प्लांट से लेकर ऑटोमोबाइल प्लांट और टेक्सटाइल प्लांट तक में काम कर सकता है। ऐसे में पहली प्रेफरेंस मैकेनिकल को ही देनी चाहिए।

रही बात इलेक्ट्रिकल स्ट्रीम की तो ये न्यू जनरेशन जॉब्स के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वालों के लिए आज सेमीकंडक्टर डेवलेपमेंट से लेकर इलेक्ट्रिकल वेहकिल सेक्टर में बहुत ज्यादा स्कोप खुल गया है।

सवाल 5: इंजीनियरिंग के लिए कौन सा कॉलेज सही रहेगा?

जवाब: इंजीनियरिंग फील्ड में करियर बनाने के लिए सबसे अच्छे कॉलेज IIT’S, IIIT’S और NIT’S हैं। इन तीनों के बाद CFTI’S भी अच्छे कॉलेजों में शुमार हैं। अगर इनमें एडमिशन मिल जाता है, तो मान लीजिए की आपने इंजीनियर बनने के सपने की पहली सीढी चढ़ ली हैं। माइनिंग में इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट्स के लिए IIT धनबाद बेस्ट कॉलेज है।

  • अब यहां रुकते हैं। खबर में आगे बढ़ने से पहले इस ग्राफिक्स के जरिए देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों के बारे में जान लीजिए…

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानी AICTE के मुताबिक, हर साल भारत में औसतन 15 लाख छात्र इंजीनियरिंग लाइन में कैरियर बनाने के लिए आगे की पढ़ाई करते हैं। 12वीं के बाद इंजीनियरिंग की परीक्षाओं को क्लियर करने पर स्टूडेंट्स के लिए सबसे जरूरी होता है कॉलेज का सिलेक्शन। देश का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग प्लेटफॉर्म IIT को माना जाता है। लेकिन रैंक के हिसाब से स्टूडेंट्स को कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।

सवाल 6: मैं मिडिल क्लास फैमिली से हूं। कम खर्च में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के क्या-क्या ऑप्शन हैं?

जवाब: कम खर्च में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का सबसे सरल और इकलौता ऑप्शन है आपकी मेहनत। JEE एग्जाम में मेहनत कर के अच्छी रैंक लाइए। इससे आपको गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा। इसके दो फायदे हैं। पहला: गर्वनमेंट कॉलेज में चुने हुए बच्चे आते हैं, जिनके साथ उठने-बैठने, थॉट शेयरिंग से बच्चों में रेपिड डेवलपमेंट दिखता है। दूसरा: अगर आपका एडमिशन स्टेट इंजीनियरिंग कॉलेज में हो जाता है तो आपकी सालभर की पढ़ाई का खर्च महज 20 हजार में पूरा हो जाएगा।

यूपी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी स्कीम है। अगर बच्चा BPL श्रेणी के परिवार से है और उसका एडमिशन स्टेट कॉलेज में हो गया है तो उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च स्टेट गवर्नमेंट रिइंबर्स करेगी। लेकिन इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है मेहनत कर के अच्छे स्टेट लेवल इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पाना।

सवाल 7: इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन के बाद नौकरी मिली को कितने का पैकेज मिलेगा?

जवाब: इंजीनियरिंग फील्ड में सैलरी पैकेज कॉलेज-टू-कॉलेज वैरी करता है। इंफैक्ट यही पैटर्न IIT से IIT वैरी करता है। उदाहरण के तौर पर आज भी पुराने IIT’S जैसे कि IIT-कानपुर, IIT-खडगपुर में प्लेसमेंट सबसे अच्छा है। वहीं, IIT-पटना या फिर IIT-मंडी में प्लेसमेंट कम्पेरेटिवली बहुत अच्छा नहीं है।

दूसरी जरूरी बात: सैलरी पैकेज कैंडिडेट-टु-कैंडिडेट पर भी निर्भर करता है। आप देखेंगे कि सेम कैंपस इंटरव्यू में एक बच्चा 2.5 करोड़ का पैकेज ले जाता है तो दूसरा 12 लाख का। यानी आपकी सैलरी इस पर डिपेंड करती है कि आपने खुदपर कितना काम किया है। आप कितने बिकाऊ हैं जॉब मार्केट में। आपकी स्किल्स कितनी सेलेबल हैं।

सवाल 8: बी.टेक करने की इच्छा नहीं है। क्या दूसरी स्ट्रीम से भी इंजीनियर बना जा सकता है?

जवाब: बी.टेक करने का मन नहीं है तो आप इंजीनियरिंग से मैचिंग कोर्स कर सकते हैं। इंजीनियरिंग में दूसरे करियर ऑप्शन के तौर पर आप BSc in IT, BSC in Science & Technology, BSc in Computing & Maths, BSc in Data साइंस या फिर BSc in Bio-Technology कर सकते हैं। यानी BSC की ही बहुत सारी फील्ड हैं, जिसमें आप NET क्लियर कर के या रिसर्च कर के अच्छा करियर बना सकते हैं।

सरकार आजकल कोर साइंसेज में काफी फोकस कर रही है। हमारे देश में 7 IISER इंस्टिट्यूट्स हैं। आप वहां जा सकते हैं। यहां आकर आप इंजीनियर नहीं बनेंगे। लेकिन यहां से आपको BS यानी बैचलर ऑफ साइंस और MS मास्टर ऑफ साइंस डिग्री जरूर मिल जाएगी। IISER में जाने पर पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार देती है। यहां आपको मंथली स्टाइपेंड भी मिलेगा। इससे बच्चों का मॉनेट्री लोड कम हो जाता है।

सवाल 9: इंजीनियरिंग करने के बाद क्या सरकारी नौकरी भी मिल सकती है?

जवाब: इंजीनियरिंग करने के बाद आप हर सरकारी नौकरी में जा सकते हैं। सिविल इंजीनियर्स के लिए PWD से लेकर जल निगम में बड़ी जॉब अपॉरट्युनिटीज हैं। कैमिकल इंजीनियरिंग से आप ONGC में अच्छी नौकरी पा सकते हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव और कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डिंग सर्विस में शानदार जॉब्स मिलती हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बाद NTPC, कोल इंडिया या BHEL में करियर अपॉरट्युनिटीज हैं।

गवर्नमेंट सेक्टर में जाना है तो सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है आपका GATE-स्कोर। ज्यादातर गवर्नमेंट अंडरटेकिंग कंपनी कैंडिडेट्स के GATE परीक्षा में मिले अंकों को देखती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अच्छे मार्कस के साथ GATE क्वालिफाई कर लीजिए।

सवाल 10: B.Tech से ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी नहीं मिलती है, तो क्या करेंगे?

जवाब: B.Tech करने के बाद नौकरी नहीं मिली है तो इसका सीधा मतलब है कि आपने सिंसियर होकर पढ़ाई नहीं की है। लेकिन मेहनत के बावजूद नौकरी नहीं मिलती है तो आपको समय रहते इंजीनियरिंग से मिलता-जुलता एक ब्रिज कोर्स कर लेना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर आपने सिविल इंजीनियरिंग की है। लेकिन नौकरी नहीं मिली है तो आप AutoCAD या हाइयर स्ट्रक्चर डिजाइंनिंग कोर्स कर सकते हैं।

आपने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। लेकिन नौकरी नहीं मिली है तो आप इंस्ट्रूमेंटशन का कोई ब्रिज प्रोग्राम लेकर अपने पोर्टफोलियो को स्ट्रॉन्ग बनाकर कहीं भी अप्लाई कर सकते हैं। इसी तरह हर स्ट्रीम के लिए अलग से ब्रिज प्रोग्राम होते हैं, जिन्हें कर के अच्छी जॉब मिल सकती है।

अब…
इंजीनियरिंग में करियर बनाने को लेकर सवाल-जवाब का ये सिलसिला यहां खत्म होता है। आगे 12वीं के बाद इंजीनियरिंग फील्ड से जुड़े बेस्ट ऑप्शन जान लेते हैं…

इंजीनियरिंग करने वालों के लिए खुले हैं ये 18 ऑप्शन

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद आजकल एयरोस्पेस और ऑटोमोटिव सेक्टर में सबसे ज्यादा स्कोप है। इन सेक्टर की कंपनी अच्छे पैकेज पर इंजीनियर्स हायर करती हैं।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद आजकल एयरोस्पेस और ऑटोमोटिव सेक्टर में सबसे ज्यादा स्कोप है। इन सेक्टर की कंपनी अच्छे पैकेज पर इंजीनियर्स हायर करती हैं।

12वीं के बाद इंजीनियर बनने के लिए आप मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, पैकेजिंग टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, अप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, माइनिंग इंजीनियरिंग, मेटलॉर्जिकल इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, केमिकल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग इन प्लास्टिक एंड पॉलिमर्स, पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग, एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियरिंग, ऑफिस मैनेजमेंट एंड कम्प्यूटर ऐप्लिकेशन, कम्प्यूटर साइंस जैसे कोर्स कर सकते हैं।

इंजीनियर बनने के लिए नेशनल, स्टेट और यूनिवर्सिटी लेवल की होती हैं परीक्षाएं
12वीं के बाद इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए नेशनल, स्टेट और यूनिवर्सिटी लेवल पर एंट्रेंस एग्जाम होते हैं। इनमें ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम – मेन यानी JEE Main, ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम, JEE एडवांस्ड,उत्तर प्रदेश राज्य एंट्रेंस एग्जाम, वीआईटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम, महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट जैसी परीक्षाएं होती हैं।

JEE एडवांस्ड परीक्षा है इंजीनियर बनने का सबसे शॉर्टकट तरीका
PCM से 12वीं पास करने के बाद आप तुरंत ही JEE एडवांस्ड परीक्षा में भाग ले सकते हैं। अगर आप इस एग्जाम को क्लियर कर लेते हैं तो आपको सीधे IIT में दाखिला मिला जाएगा। JEE एडवांस्ड परीक्षा में बैठने के लिए 12वीं में PCM सब्जेक्ट के साथ 75% स्कोर करना जरूरी है।

इस साल JEE एडवांस्ड परीक्षा 4 जून 2023 को होगी यानी इस साल पास हुए छात्रों के पास भी IIT इंजीनियर बनने का मौका है। परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन 23 अप्रैल से 5 मई के बीच होगा। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कैंडिडेट्स jeeadv.ac.in वेबसाइट पर जाएं। JEE एडवांस्ड परीक्षा के लिए SC/ST/PWD/ महिला उम्मीदवारों को 1450 रुपए का शुल्क देना होगा। जबकि जनरल कैटगरी को 2900 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी।

कम नंबर मिले तो पॉलिटेक्निक से करिए इंजीनियरिंग का डिप्लोमा

लखनऊ पॉलिटेक्निक में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए अप्लाई किया जा सकता है।

लखनऊ पॉलिटेक्निक में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए अप्लाई किया जा सकता है।

12वीं के बाद इंजीनियरिंग कोर्स में अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए पॉलिटेक्निक अच्छा ऑप्शन है। यूपी पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा हर साल होती है, इसे पास करने के बाद सरकारी और प्राइवेट पॉलिटेक्निक संस्थानों में इंजीनियरिंग में 3 साल का डिप्लोमा कोर्स करने का मौका मिलता है। पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद लेटरल एंट्री के रास्ते आप बीटेक की डिग्री 2 साल में हासिल कर सकते हैं। डिप्लोमा कोर्स करने के लिए बोर्ड परीक्षा में 50% नंबर लाना जरूरी है।

आप बीटेक उसी विषय से कर सकते हैं, जो आपने पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स में चुना था। बस ध्यान देने वाली बात यह है कि बीटेक या बीई कोर्स करने के लिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स में 60% अंकों से पास होना जरूरी है।

  • आइए आखिर में इंजीनियरिंग की 4 सबसे बड़ी स्ट्रीम्स और उनमें अप्लाई करने की योग्यता के बारे में जान लेते हैं…

सिविल इंजीनियरिंग: लोगों का जीवन आसार करना ही सिविल इंजीनियरिंग है। रहने के लिए घर, यातायात के लिए सड़क, हवाई अड्‌डा, बंदरगाह, रेलवे। बाढ़ से बचने और सिंचाई के लिए डेम बनाने का काम सिविल इंजीनियर करते हैं।

योग्यता: सिविल इंजीनियरिंग करने के लिए आपके पास 2 ऑप्शन हैं। पहला: 2 साल का डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग। दूसरा: 4 साल का फुल टाइम बीटेक सिविल इंजीनियरिंग कोर्स। IIT और NIT कॉलेजों से सिविल इंजीनियरिंग करने के लिए आपको बोर्ड में 75% नंबरों से पास होना जरूरी है। स्टेट यूनिवर्सिटी या प्राइवेट कॉलेज में 50% से ऊपर अंक लाने होंगे।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग: ऑटोमोबाइल, एविएशन, एनर्जी, कंस्ट्रक्शन, ऑयल एंड गैस जैसी फील्ड में भी मैकेनिकल इंजीनियरों की जरूरत होती है। कमाई के लिहाज से भी यह छात्रों के लिए करियर बनाने का बेहतर ऑप्शन है। हालांकि, इंजीनियरिंग की दूसरी स्ट्रीम्स की तुलना में मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश मिलना मुश्किल है, क्योंकि बड़े संस्थानों में हर सीट के लिए 100 से ज्यादा कैंडिडेट रजिस्टर्ड होते हैं।

योग्यता: फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ के साथ 12वीं करने वाले छात्र मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंडर ग्रेजुएट यानी UG कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसमें IIT में JEE के जरिए दाखिला मिलता है, जिसके लिए हर साल 10 से 12 लाख छात्र आवेदन करते हैं। IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करना हर इंजीनियर का सपना होता है, इसलिए इसकी सीट जल्दी भर जाती है। IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के लिए 12वीं में PCM के साथ 75% स्कोर जरूरी है।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: इलेक्ट्रिकल मशीनरी, पॉवर प्लांट्स, रेलवे, सिविल एविएशन, टेलिकम्युनिकेशन और इलेक्ट्रिकल एनर्जी के डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स की खूब डिमांड है। वैसे तो चीन की पहचान दुनिया में एक मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में होती है। लेकिन केंद्र सरकार की मेक-इन-इंडिया कैंपेन में भारत को एशिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने ध्यान दिया जा रहा है। यानी आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स की डिमांड बढ़ने वाली है।

योग्यता: IIT से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स करने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ विषयों के साथ 75% नंबर लाना जरूरी है।

केमिकल इंजीनियरिंग: केमिकल इंजीनियरिंग में केमिकल प्लांट्स के डिजाइन, मेंटेनेंस और रॉ मैटीरियल को उपयोग के लायक बनाने का काम होता है। इस प्रक्रिया के दौरान रॉ मैटीरियल से केमिकल वेस्ट को निकालकर कंपनियों के लिए नए प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। इक्विपमेंट और प्लांट डिजाइन, टेस्टिंग और मैन्युफैक्चरिंग जैसे काम केमिकल इंजीनियर करते हैं।

योग्यता: केमिस्ट्री, फिजिक्स और मैथ्स में 50% अंकों के साथ आप किसी भी स्टेट लेवल कॉलेज या पॉलिटेक्निक से केमिकल इंजीनियरिंग का बैचलर कोर्स कर सकते हैं। IIT से बीटेक कोर्स में प्रवेश के लिए JEE में 75% से ऊपर स्कोर करना जरूरी होता है। हालांकि, कुछ संस्थान खुद का एंट्रेंस टेस्ट भी करवाते हैं। बैचलर डिग्री के अलावा 3 साल का डिप्लोमा कोर्स भी छात्रों के लिए अच्छा ऑप्शन है।

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