हिमाचल में लैंडस्लाइड-बादल फटने की 34 घटनाएं: मंडी में मकान पर मलबा गिरा; बिस्तर पर मां से लिपटे मिले बच्चों के शव

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शिमला9 घंटे पहले

कांगड़ा जिले में पिछले 24 घंटे से भारी बारिश हो रही है, जिस वजह से चक्की खड्‌ड में उफान आ गया। इसके बाद जो बाढ़ आई, उसमें खड्‌ड पर 1929 में बना 800 मीटर लंबा पठानकोट-जोगिंद्रनगर नैरो गेज रेलवे पुल बह गया।

हिमाचल में बारिश से भारी तबाही हुई है। बाढ़, लैंडस्लाइड और बादल फटने की 34 घटनाओं में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 22 हो गया है, जबकि 6 लापता हैं। कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में कुदरत का कहर सबसे ज्यादा बरपा। मंडी में 14, चंबा के भटियात में 3 और कांगड़ा व शिमला जिले में 2-2 लोगों की मौत हो गई। इनमें एक 9 साल की एक बच्ची भी है जिसकी कांगड़ा के शाहपुर में मकान गिरने से जान चली गई।

मंडी में पहाड़ धंसा, एक ही परिवार के 8 लोग दबे

मंडी जिले में बारिश का कहर सबसे ज्यादा बरपा। यहां गोहर में पहाड़ी धंसने से काशन पंचायत के जड़ोन गांव में पंचायत प्रधान खेम सिंह के परिवार के 8 सदस्य इसकी चपेट में आ गए। सभी के शव बरामद कर लिए गए। हादसे में पंचायत प्रधान खेम सिंह के साथ-साथ उनके परिवार के 8 सदस्यों की मौत हो गई। शुक्रवार देर रात हुई लैंड स्लाइड के समय सभी घर में सो रहे थे।

पुलिस ने जब शवों को बाहर निकालने के लिए घर तोड़ा तो देखा कि बिस्तर पर मां की लाश पड़ी थी और बच्चों के शव उसके सीने से चिपके थे। मंडी जिले में ही तीन अन्य हादसों में 4 और लोगों की जान चली गई।

मंडी जिले के गोहर एरिया के काशन गांव में शुक्रवार-शनिवार दरम्यानी रात हुए लैंड स्लाइड की चपेट में पंचायत प्रधान खेम सिंह का घर आ गया। घर में सो रहे उनके परिवार के 8 लोगों की मौत हो गई। इनमें खुद खेम सिंह भी शामिल है। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए शनिवार दोपहर तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

मंडी जिले के गोहर एरिया के काशन गांव में शुक्रवार-शनिवार दरम्यानी रात हुए लैंड स्लाइड की चपेट में पंचायत प्रधान खेम सिंह का घर आ गया। घर में सो रहे उनके परिवार के 8 लोगों की मौत हो गई। इनमें खुद खेम सिंह भी शामिल है। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए शनिवार दोपहर तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

भारी बारिश के बाद चक्की खड्‌ड पर बने कांगड़ा को पंजाब के पठानकोट से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे के पुल को रातभर के लिए बंद कर दिया गया। पुल को ट्रैफिक के लिए खोलना है या नहीं, रविवार सुबह NHAI के अधिकारी पुल का निरीक्षण करने के बाद इसका फैसला लेंगे। इससे पहले चक्की खड्‌ड पर बना रेलवे ब्रिज शनिवार सुबह बह गया।

हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य के चीफ सेक्रेटरी आरडी धीमान ने अधिकारियों की इमरजेंसी मीटिंग ली। इसमें बारिश से अस्त-व्यस्त हो चुके कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने के निर्देश दिए गए। बाकी जिलों के डीसी भी हालात के अनुसार स्कूल-आंगनवाड़ी सेंटर बंद करने का फैसला ले सकेंगे।

कांगड़ा जिले में ज्वालामुखी के SDM मनोज ठाकुर चंबापत्तन पुल के पास ब्यास नदी के तेज बहाव में बहने से बाल-बाल बच गए। हालांकि इस घटना में SDM की निजी गाड़ी बह गई। आसपास के लोगों ने SDM को बचा लिया। हादसे के बाद ट्रैक्टर की मदद से उनकी कार पानी से निकाली गई।

कांगड़ा जिले में ज्वालामुखी के SDM मनोज ठाकुर चंबापत्तन पुल के पास ब्यास नदी के तेज बहाव में बहने से बाल-बाल बच गए। हालांकि इस घटना में SDM की निजी गाड़ी बह गई। आसपास के लोगों ने SDM को बचा लिया। हादसे के बाद ट्रैक्टर की मदद से उनकी कार पानी से निकाली गई।

लोगों की सुरक्षा को देखते हुए बंद किया ब्रिज

हिमाचल के ऊपरी इलाकों में हुई भारी बरसात की वजह से चक्की खड्‌ड उफान पर है। चक्की खड्‌ड पर मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे और रेलवे के ब्रिज अगल-बगल में बने हुए थे। शनिवार सुबह खड्ड में आए उफान में रेलवे ब्रिज ढह गया जबकि नेशनल हाईवे के ब्रिज को नुकसान पहुंचा। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताने के बाद लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए शनिवार देर शाम पुल को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया।

पंजाब और दूसरे राज्यों से मंडी-कांगड़ा की तरफ आने वाले ट्रैफिक को दूसरे रास्तों पर डाइवर्ट कर दिया गया। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारी अनिल सैन ने बताया कि भारी बारिश को देखते हुए फिलहाल पुल को ट्रैफिक के लिए बंद किया गया है। रविवार सुबह पुल का निरीक्षण करके आगे का फैसला लिया जाएगा।

शिमला जिले के माइपुल में शनिवार दोपहर बाद UP नंबर की गाड़ी पर एक बड़ी चट्टान आ गिरी। कार में चार लोग सवार थे, जिनमें से 2 की मौके पर ही मौत हो गई। उनके 2 घायल ठियोग अस्पताल में भर्ती हैं। यह लोग UP से रोहड़ू जा रहे थे। मरने वालों की पहचान उमेश चंद भाटी और पिंकू के रूप में हुई। उमेश नोएडा के सेक्टर-101 में आते शिलारपुर गांव और पिंकू गाजियाबाद के कनोली गांव का रहने वाला था।

शिमला जिले के माइपुल में शनिवार दोपहर बाद UP नंबर की गाड़ी पर एक बड़ी चट्टान आ गिरी। कार में चार लोग सवार थे, जिनमें से 2 की मौके पर ही मौत हो गई। उनके 2 घायल ठियोग अस्पताल में भर्ती हैं। यह लोग UP से रोहड़ू जा रहे थे। मरने वालों की पहचान उमेश चंद भाटी और पिंकू के रूप में हुई। उमेश नोएडा के सेक्टर-101 में आते शिलारपुर गांव और पिंकू गाजियाबाद के कनोली गांव का रहने वाला था।

धर्मशाला में बारिश ने तोड़ा 64 साल का रिकॉर्ड

कांगड़ा जिले के धर्मशाला में 24 घंटे में 333 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही यहां बारिश का 64 साल का रिकार्ड टूट गया। इससे पहले 6 अगस्त 1958 को यहां 314.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। हमीरपुर में 6 से 7 घर ब्यास नदी में डूब गए। इनमें फंसे 19 लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर लिया गया।

ब्यास नदी ने कांगड़ा से मंडी तक भारी नुकसान पहुंचाया। ​​​​​हिमाचल के अलग-अलग जिलों में 742 सड़कें ब्लॉक हो गईं। बिजली के 2000 ट्रांसफॉर्मर बंद हो गए और 172 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं।

राज्य के 12 में से 11 जिलों में अगले 46 घंटे भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि अगले 36 से 46 घंटे तक राज्य में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। इस दौरान लाहौल स्पीति को छोड़कर बाकी सभी 11 जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। प्रदेश में मौसम 24 अगस्त के बाद ही साफ होने की उम्मीद है।

चक्की रेलवे ब्रिज बंद था ट्रेनों के लिए

​कांगड़ा में चक्की खड्‌ड पर बना पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाला रेलवे पुल शनिवार सुबह बह गया। हालांकि, इस पुल को एक हफ्ते पहले ही असुरक्षित घोषित कर किया जा चुका था। यहां ट्रेनों का परिचालन अगस्त के पहले हफ्ते में ही बंद कर दिया गया था।

पिछले 24 घंटे में कांगड़ा में सबसे ज्यादा 346.6 मिमी बारिश
हिमाचल में बीते 24 घंटे के दौरान कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 346.6 मिलीमीटर बारिश हुई। मंडी में 119.6 मिमी, डलहौजी में 111 मिमी, पालमपुर में 113 मिमी, सुंदरनगर में 77.7 मिमी, धर्मशाला में 333 मिमी, बरठीं में 60, शिमला में 57.7 मिमी और कुफरी में 69 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

मंडी जिले के करसोग में भूस्खलन के बाद पहाड़ से गिरे बड़े-बड़े पत्थरों की वजह से सड़क बंद हो गई। इस वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं।

मंडी जिले के करसोग में भूस्खलन के बाद पहाड़ से गिरे बड़े-बड़े पत्थरों की वजह से सड़क बंद हो गई। इस वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं।

हिमाचल की बारिश से जुड़े अन्य अपडेट्स

  • राज्य में बारिश से 1,135 करोड़ रुपए की सरकारी और निजी संपत्ति तबाह हो गई है।
  • इस मानसून में सड़क हादसों, बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन में अब तक 217 लोगों की जान चली गई है। शिमला जिले में 35 और कुल्लू में 31 लोगों की मौत हुई।
  • राज्य की अधिकांश नदियों पर बने बांध खतरे के निशान पर पहुंच गए हैं। लारजी बांध खतरे के निशान 970 मीटर की तुलना में 969 मीटर तक भर चुका है। नाथपा डेम 1494.5 मीटर की तुलना में 1494 मीटर, सैंज 1753 की तुलना में 1752 मीटर, चांजू-एक 1441 की अपेक्षा 1440.10 मीटर तक भर गया है।
कांगड़ा में भारी बारिश के बाद जलमग्न हुआ जयसिंहपुर का कंवर दुर्गाचंद डिग्री कॉलेज कॉलेज। आसपास के कई घर भी पानी में डूबे।

कांगड़ा में भारी बारिश के बाद जलमग्न हुआ जयसिंहपुर का कंवर दुर्गाचंद डिग्री कॉलेज कॉलेज। आसपास के कई घर भी पानी में डूबे।

मंडी के खलयार में वार्ड नंबर 4 में गिरा मलबा JCB से हटाते हुए अधिकारी। दो बाइक और दो गाड़ियां इसकी चपेट में आईं।

मंडी के खलयार में वार्ड नंबर 4 में गिरा मलबा JCB से हटाते हुए अधिकारी। दो बाइक और दो गाड़ियां इसकी चपेट में आईं।

मंडी के हनोग में भारी भूस्खलन। दो घरों को नुकसान। एक व्यक्ति मलबे में दबने के बाद से लापता।

मंडी के हनोग में भारी भूस्खलन। दो घरों को नुकसान। एक व्यक्ति मलबे में दबने के बाद से लापता।

मंडी के गोहर की काशन पंचायत के जडोंन गांव में पहाड़ी धंसने से परिवार के 7 लोग इसकी चपेट में आ गए। देर रात हुए हादसे के वक्त परिवार सो रहा था। राहत एवं बचाव कार्य में जुटे स्थानीय लोग।

मंडी के गोहर की काशन पंचायत के जडोंन गांव में पहाड़ी धंसने से परिवार के 7 लोग इसकी चपेट में आ गए। देर रात हुए हादसे के वक्त परिवार सो रहा था। राहत एवं बचाव कार्य में जुटे स्थानीय लोग।

चंबा के भटियात में भूस्खलन की चपेट में आया घर। मलबे के हटाते हुए परिवार के सदस्य।

चंबा के भटियात में भूस्खलन की चपेट में आया घर। मलबे के हटाते हुए परिवार के सदस्य।

कांगड़ा के घुमराउं में नदी के बीचोंबीच टापू पर फंसे लोगों को सेना और NDRF के जवानों ने 11 घंटे बाद रेस्क्यू कर लिया।

कांगड़ा के घुमराउं में नदी के बीचोंबीच टापू पर फंसे लोगों को सेना और NDRF के जवानों ने 11 घंटे बाद रेस्क्यू कर लिया।

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