शराब नीति केस में अगली सुनवाई 20 मई को: ED ने 17 मई को 8वीं चार्जशीट दायर की थी, इसमें केजरीवाल-AAP को आरोपी बनाया है

नई दिल्ली2 घंटे पहले

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यह तस्वीर 11 मई की है। अरविंद केजरीवाल तिहाड़ से जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने पहली स्पीच दी थी। - Dainik Bhaskar

यह तस्वीर 11 मई की है। अरविंद केजरीवाल तिहाड़ से जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने पहली स्पीच दी थी।

दिल्ली शराब नीति में ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में 17 मई को 8वीं चार्जशीट दाखिल की थी। शनिवार (18 मई) को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दाखिल चार्जशीट पर विचार के लिए 20 मई की तारीख तय की है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा मामले की सुनवाई करेंगीं।

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, जिस पर 17 मई को सुनवाई हुई थी। SC ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। साथ ही कहा था कि केजरीवाल जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं। वहीं, ED ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) को आरोपी बनाया है।

इसके कुछ देर बात ही ED की एक टीम दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची थी और शराब नीति केस में 8वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इसमें केजरीवाल और AAP का नाम शामिल है।

जांच एजेंसी ने 21 मार्च को केजरीवाल को अरेस्ट किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को 21 दिन यानी एक जून तक अंतरिम जमानत दी है। 2 जून को उन्हें सरेंडर करना होगा। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की थी। ED की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू और केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं थीं।

ED की टीम ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में शराब नीति केस में 8वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की। ED के मुताबिक, अब चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और AAP को आरोपी बनाया गया है। शराब नीति मामले ये पहली चार्जशीट है, जो केजरीवाल के खिलाफ दायर की गई।

ED की टीम ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में शराब नीति केस में 8वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की। ED के मुताबिक, अब चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और AAP को आरोपी बनाया गया है। शराब नीति मामले ये पहली चार्जशीट है, जो केजरीवाल के खिलाफ दायर की गई।

17 मई का कोर्ट रूम लाइव…

जस्टिस खन्ना- हम मनीष सिसोदिया के बाद और केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले का कोई बयान चाहते हैं। हम फाइलों को भी देखेंगे।

सिंघवी- धारा 70 का मुद्दा खुला छोड़ा जा सकता है। जल्दबाजी में दिए गए फैसले का असर भी बड़ा हो सकता है।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच फाइलें देख रही है।

सिंघवी- डेढ़ साल तक उन्होंने जांच की। केजरीवाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जुलाई-अगस्त 2023 में ED के पास जो सबूत थे। उसके आधार पर गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं थी। शरथ रेड्डी ने चुनावी बॉन्ड खरीदे। पीठ दर्द पर जमानत दे दी गई। क्या वह इतना भरोसेमंद है कि मुझे सलाखों के पीछे डाल सके? अब मेरा नाम विजय नायर से जोड़ दिया। उनके पास विजय नायर के खिलाफ मामला है। उन्होंने मुझे यह कहते हुए फंसा लिया कि वह मेरा सहयोगी था।

सिंघवी- वह एक आईटी कंसल्टेंट हैं। वह अक्सर गेस्टरूम का इस्तेमाल करता था। एक्साइज पाॉलिसी के बारे में कोई बयान दर्ज नहीं किया गया। ED मान रही है कि विजय नायर ने मुझे रिपोर्ट की थी। गिरफ्तारी का आधार करीबी सहयोगी है।

जस्टिस खन्ना- हम इन सबमें नहीं जा सकते।

जस्टिस खन्ना- आपने गोवा में प्रचार किया और उस होटल में रुके?

सिंघवी- एनसीटी ने बिल भरे। 1 लाख रुपए या कुछ और…

जस्टिस खन्ना- हवाला ऑपरेटरों ने नहीं, हवाला ऑपरेटर ने पेमेंट नहीं किया है।

सिंघवी- शरथ रेड्डी को छोड़ दें तो गिरफ्तारी के आधार में किसी और बयान का उल्लेख नहीं है। गिरफ्तारी होने तक केजरीवाल पर किसी भी तरह के अपराध का आरोप नहीं था।

कोर्ट रूम लाइव

सिंघवी- 30 अक्टूबर 2023, ED का पहला समन आया था, उसमें मैं (केजरीवाल) आरोपी नहीं था। ईडी ने अपने जवाब में कहा था कि मैं आरोपी नहीं हूं। आखिरी समन 16 मार्च का था। इसमें 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया। तब भी मै आरोपी नहीं था। 5 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

सिंघवी- केजरीवाल ने अपराध की आय का इस्तेमाल कैसे किया, उसके बारे में एक शब्द भी नहीं। गिरफ्तारी के आधार पर बताया गया सारा मटेरियल जुलाई-अगस्त 2023 से पहले का है। कुल 15 लोग, मैंने हवाला ऑपरेटरों को भी शामिल किया है। ये सारे सबूत अगस्त 2023 से पहले के हैं। इस केस (केजरीवाल) में नया क्या है?

ASG राजू- जब वे इस तरह की दलीलें देते हैं तो वे मुझ पर दबाव डालते हैं।

जस्टिस खन्ना- अगर यह गलत है तो यह उनके खिलाफ जाएगा।

सिंघवी- कुल 15 लोग, मैंने हवाला ऑपरेटरों को भी शामिल किया है। ये सारे सबूत अगस्त 2023 से पहले के हैं। केजरीवाल में नया क्या है?

ASG राजू- जब वह इस तरह की दलीलें देते हैं तो वे मुझ पर दबाव डालते हैं।

जस्टिस खन्ना- अगर यह गलत है तो यह उनके खिलाफ जाएगा।

इन दलीलों के बीच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सिंघवी के बीच बहस हो गई।

जस्टिस खन्ना- आप एक-दूसरे को नहीं, हमें बताएं। सिसोदिया के फैसले के बाद क्या मटेरियल है।ASG राजू- मैंने लिखित निवेदन दे दिया है। अब हमें केजरीवाल और हवाला ऑपरेटरों के बीच की चैट मिली है।

सिंघवी- ये कोर्ट के लिए है या मीडिया के लिए? क्या वह आज तक इस बात को दबाए हुए था?

सिंघवी- यह अंतिम समय में संदेह पैदा करने के लिए है। वह निष्पक्ष नहीं है। यह बात वे शुक्रवार शाम 4:30 बजे कहते हैं।

तुषार मेहता जवाब देते हैं…

सिंघवी- बहुत सुविधाजनक। ऐसा लगता है कि मार्च से लेकर आज तक वे सबूत दबा रहे थे।

10 मई से पहले सुप्रीम कोर्ट में 5 बार सुनवाई हुई…

  • 7 मई को केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर फैसला सुनाए बिना सुप्रीम कोर्ट की बेंच उठ गई। सुबह साढ़े 10 बजे सुनवाई शुरू होने के बाद लंच से पहले तक कोर्ट ने जमानत की शर्तें तय कर ली थीं। हालांकि तब ED ने कहा कि केजरीवाल के वकील को 3 दिन सुना गया। हमें भी पर्याप्त समय दिया जाए। पूरी खबर पढ़ें…
  • 3 मई को सुनवाई दो घंटे चली थी। इस लंबी बहस के बाद बेंच ने कहा था कि मेन केस यानी जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें। पूरी खबर पढ़ें…
  • 30 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे। ED से पूछा था कि चुनाव के पहले ऐसा क्यों किया? पूरी खबर पढ़ें…
  • 29 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल से ED के नोटिस पर सवाल पूछे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजर अंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। पूरी खबर पढ़ें…
  • 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस देकर गिरफ्तारी पर जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान हलफनामे में ED ने कहा कि कई बार समन भेजे जाने के बावजूद उन्होंने एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया। ED ने यह भी कहा कि केजरीवाल को किसी दुर्भावना या दूसरे कारणों से गिरफ्तार नहीं किया गया है। उनकी गिरफ्तारी जांच का हिस्सा है। पूरी खबर पढ़ें…

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