शरद यादव पंचतत्व में विलीन: पुलिस ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर, बेटी सुभाषिनी और बेटे शांतनु ने दी मुखाग्नि

नर्मदापुरम/भोपाल4 घंटे पहलेलेखक: धर्मेंद्र दीवान

पूर्व केंद्रीय मंत्री और JDU (जनता दल यूनाइटेड ) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पैतृक गांव आंखमऊ (नर्मदापुरम) में उनकी बेटी सुभाषिनी और बेटे शांतनु में मुखाग्नि दी। इससे पहले पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

दोपहर में दिल्ली से चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए पार्थिव देह को राजाभोज एयरपोर्ट भोपाल लाया गया। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने श्रद्धांजलि दी।

दोपहर 3 बजे पार्थिव देह भोपाल एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव आंखमऊ पहुंची। दिग्विजय सिंह भी आंखमऊ तक साथ आए। दिग्विजय सिंह ने जब नर्मदा परिक्रमा की थी, उस वक्त शरद यादव भी उनकी परिक्रमा में शामिल हुए थे। शरद यादव का गुरुवार को 75 साल की उम्र में दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।

CM बोले, शरद यादव ने नैतिकता की राजनीति की
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, वे अचानक चले गए। मेरे तो वे पड़ोसी थे। मेरा गांव नर्मदा के इस पार था, उनका गांव नर्मदा के उस पार था। बचपन से प्रखर और जुझारू थे। अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले शरद भाई छात्र जीवन में ही राष्ट्रीय राजनीति में छा गए थे। वे जेपी के आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे। वे जेल में रहते हुए चुनाव जीते। भारत की राजनीति पर छा गए। उन्होंने 80-90 के दशक में राष्ट्रीय राजनीति की दशा बदली। मंडल कमीशन लागू कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी। समाज के कमजोर और पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए उन्होंने अपने जीवन को होम दिया था।

वे ऐसे नेता थे कि जो गलत होता था, उसका विरोध करते थे। उन्होंने नैतिकता की राजनीति की। जब इंदिरा जी ने इमरजेंसी लगाई और संसद का कार्यकाल 6 साल कर दिया था, तब शरद जी ने संसद से इस्तीफा देकर कहा था कि जनता ने हमें 5 साल के लिए चुना है, 6 साल के लिए नहीं।

शरद यादव के बेटे शांतनु और बेटी सुभाषिनी ने चिता को मुखाग्नि दी।

शरद यादव के बेटे शांतनु और बेटी सुभाषिनी ने चिता को मुखाग्नि दी।

बिहार से आए नेता सहनी बोले- यादव के बताए रास्ते पर चलेगी पार्टी

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी भी शरद यादव को अंतिम विदाई देने शनिवार को आंखमऊ गांव पहुंचे। जहां वे दिवंगत नेता की अंतिम यात्रा में शामिल हुए और उन्हें अंतिम विदाई दी। अंत्येष्टि में शामिल होने के बाद सहनी ने शरद यादव के साथ अनुभव को याद किया और कहा कि उनके बताए गए संघर्ष के रास्ते पर आज भी उनकी पार्टी चल रही है और आगे भी चलेगी। उन्होंने खुद को खुशनसीब बताते हुए कहा कि शरद यादव जी के साथ काम करने अवसर मिला और उनके सानिध्य में राजनीतिक तथा सामाजिक कार्यों में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला।

बिहार के क्षेत्रीय दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी भी शरद यादव को अंतिम विदाई देने पहुंचे।

बिहार के क्षेत्रीय दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी भी शरद यादव को अंतिम विदाई देने पहुंचे।

शरद यादव की शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए।

शरद यादव की शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए।

शरद यादव की पार्थिव देह जैसे ही उनके पैतृक गांव आंखमऊ पहुंची, परिवार के लोगों के आंसू निकल आए।

शरद यादव की पार्थिव देह जैसे ही उनके पैतृक गांव आंखमऊ पहुंची, परिवार के लोगों के आंसू निकल आए।

अपडेट्स

  • शाम करीब 5:10 बजे शरद यादव की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी गई।
  • शाम करीब 4:25 बजे शरद यादव की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाया गया।
  • शाम करीब 4 बजे शरद यादव की अंतिम यात्रा शुरू हुई। उन्हें अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाया जा रहा है। इसमें केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल समेत अन्य लोग मौजूद हैं।
  • दोपहर करीब 3 बजे शरद यादव की पार्थिव देह भोपाल से सड़क मार्ग के जरिए आंखमऊ पहुंची। लोगों ने नारे लगाए- जब तक सूरज-चांद रहेगा, शरद तेरा नाम रहेगा। शरद यादव अमर रहे अमर रहे।
  • दोपहर 12.54 बजे पार्थिव देह भोपाल से सड़क मार्ग के जरिए आंखमऊ के लिए टवेरा कार से रवाना हुई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी आंखमऊ के लिए रवाना हुए।
  • पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनके बेटे जयवर्धन सिंह, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • कांग्रेस के सीनियर लीडर और विधायक पीसी शर्मा ने स्टेट हैंगर पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा- वे एकमात्र हिंदुस्तान के ऐसे नेता हैं, जो तीन राज्यों के नेता रहे। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से सांसद बनकर आए।
  • दोपहर 12 बजे चार्टर्ड प्लेन शरद यादव की पार्थिव देह लेकर दिल्ली से भोपाल आया। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धांजलि दी। CM ने कहा- अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से होगा।
भोपाल में स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शरद यादव को श्रद्धांजलि दी। उनके परिवार को ढांढस बंधाया।

भोपाल में स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शरद यादव को श्रद्धांजलि दी। उनके परिवार को ढांढस बंधाया।

शरद यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव आंखमऊ में होगा।

शरद यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव आंखमऊ में होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्टेट हैंगर पर शरद यादव को श्रद्धांजलि दी। सीएम के लेफ्ट में BJP प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और शरद यादव के परिजन।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्टेट हैंगर पर शरद यादव को श्रद्धांजलि दी। सीएम के लेफ्ट में BJP प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और शरद यादव के परिजन।

भोपाल में स्टेट हैंगर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह। (लेफ्ट टू राइट)

भोपाल में स्टेट हैंगर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह। (लेफ्ट टू राइट)

भोपाल में शव वाहन बदला गया

भोपाल से शरद यादव की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव तक ले जाने के लिए पहले मारुति ईको गाड़ी बुक की गई थी, लेकिन ये गाड़ी छोटी होने की वजह से इसे सजवाया नहीं गया। अब टवेरा कार बुलाई गई है। नगर निगम की ओर से भी तीसरा शव वाहन पहुंचा है। कांग्रेस के प्रदेश संगठन महामंत्री राजीव सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा भी स्टेट हैंगर पहुंचेंगे।

भोपाल से पैतृक देह आंखमऊ तक ले जाने के लिए पहले मारुति ईको गाड़ी बुक की गई थी। इसके बाद टवेरा को बुलाया गया। नगर निगम की ओर से भी शव वाहन स्टेट हैंगर पहुंचा।

भोपाल से पैतृक देह आंखमऊ तक ले जाने के लिए पहले मारुति ईको गाड़ी बुक की गई थी। इसके बाद टवेरा को बुलाया गया। नगर निगम की ओर से भी शव वाहन स्टेट हैंगर पहुंचा।

शरद यादव के पैतृक गांव आंखमऊ में उनका अंतिम संस्कार होगा। इसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं। भोपाल से सड़क मार्ग से उनकी पार्थिव देह को पैतृक गांव ले जाया जा रहा है।

शरद यादव के पैतृक गांव आंखमऊ में उनका अंतिम संस्कार होगा। इसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं। भोपाल से सड़क मार्ग से उनकी पार्थिव देह को पैतृक गांव ले जाया जा रहा है।

दिल्ली से पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश के लिए रवाना हुई।

दिल्ली से पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश के लिए रवाना हुई।

दिग्विजय सिंह ने जब नर्मदा परिक्रमा की थी, उस वक्त शरद यादव भी उनकी परिक्रमा में शामिल हुए थे। - फाइल फोटो

दिग्विजय सिंह ने जब नर्मदा परिक्रमा की थी, उस वक्त शरद यादव भी उनकी परिक्रमा में शामिल हुए थे। – फाइल फोटो

फोटोज में देखिए…

दिल्ली में गुरुवार को लोगों ने श्रद्धांजलि दी

शरद यादव की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए गुरुवार को उनके दिल्ली स्थित आवास पर रखा गया था।

शरद यादव की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए गुरुवार को उनके दिल्ली स्थित आवास पर रखा गया था।

अमित शाह ने शरद यादव को श्रद्धांजलि दी। उनके परिवार वालों से भी बात की।

अमित शाह ने शरद यादव को श्रद्धांजलि दी। उनके परिवार वालों से भी बात की।

राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि देने के बाद शरद यादव के परिवार वालों के साथ कुछ वक्त बिताया।

राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि देने के बाद शरद यादव के परिवार वालों के साथ कुछ वक्त बिताया।

तीन राज्यों में राजनीति की, गांव से विशेष लगाव रहा
शरद यादव MP के नर्मदापुरम के माखननगर ब्लॉक के छोटे से गांव आंखमऊ में जन्मे। जबलपुर से राजनीति शुरू की और उत्तर प्रदेश और बिहार में भी काम किया। लेकिन, उनका अपने पैतृक गांव से लगाव उतना ही था। उन्हें जब भी मौका मिलता था वो अपने गांव आते रहते थे। वे यहां किसी सामान्य व्यक्ति की तरह आकर लोगों से मिलते थे।

उनके दोस्त कहते हैं कि वे बचपन से ही साहसी और निडर थे। 12 साल की उम्र में उन्होंने गांव के कुएं में कूदकर महिला की जान बचाई थी। उनकी याददाश्त के इतनी पक्की थी कि बचपन के मित्रों को कभी नहीं भूले थे। ऐसी ही शरद यादव के बचपन से जुड़े अनसुनी कहानियां हमने उनके बचपन के मित्र, बड़े भाई से सुनी। पढ़िए, शरद के अनसुने किस्से मित्र, बड़े भाई की जुबानी…

बचपन मित्र ने उन्हें नहीं पहचाना, वे नहीं भूले

सराफा व्यापारी रमेशचंद्र सोनी शरद यादव के बचपन के मित्र रहे हैं।

सराफा व्यापारी रमेशचंद्र सोनी शरद यादव के बचपन के मित्र रहे हैं।

शरद यादव के बचपन के मित्र सराफा व्यापारी रमेश चंद सोनी निवासी माखननगर (आंखमऊ) ने बताया कि शरद की याददाश्त बेजोड़ थी। वे कभी किसी को भूलते नहीं थे। करीब 20 साल पुरानी बात है, जब शरद बिहार से गांव आए थे। मैं और वो माखननगर में एक दुकान पर बैठे थे। मोहनलाल हलवाई शख्स हमारे सामने खड़े थे। मैंने शरद से पूछा कि इसे तुम जानते हो, तो शरद ने कहा था कि मैं तो जानता हूं, ये मोहनलाल है, लेकिन यह मुझे नहीं पहचानता। फिर हमने मोहनलाल से कहा था कि इन्हें जानते हो। उन्होंने कहा नहीं।

बचपन से साहसी थी शरद यादव
रमेश चंद ने बताया कि 6वीं-7वीं क्लास की बात है। जब हम करीब 11-12 साल के थे। तब गांव में कसेरा मोहल्ला में अस्पताल के पास स्थित एक कुआं था। उसमें एक महिला गिर गई थी। शरद ने बिना कुछ-समझे सीधे छलांग लगा दी थी। उस महिला को बाहर लाकर जान बचाई थी। वे शुरू से ही साहसी और निडर थे।।

मृदुल स्वभाव, हंसमुख और मिलनसार थे- गुरुदयाल

गुुरुदयाल यादव ने बताया कि हम शरद यादव को भैया जी कहकर बुलाते थे।

गुुरुदयाल यादव ने बताया कि हम शरद यादव को भैया जी कहकर बुलाते थे।

आंखमऊ के 74 साल के बुजुर्ग गुरुदयाल यादव ने बताया हम शरद यादव को “भैया जी” कहकर संबोधित करते थे। मैं उनसे उम्र में छोटा था। उनके घर कई साल से काम कर रहा हूं। भैया जी जब भी बिहार से गांव आते थे हमसे प्रेम से बातचीत करते थे। बैठाकर हालचाल लेते और समझाते थे। वे राष्ट्रीय नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद उनका स्वभाव में परिवर्तन नहीं दिखा। वे मृदुल स्वभाव, हंसमुख और मिलनसार थे।

भाई की अंतिम बार नए साल पर हुई थी बातचीत

एसपीएस यादव। (शरद यादव के बड़े भाई)

एसपीएस यादव। (शरद यादव के बड़े भाई)

रिटायर्ड जिला शिक्षा अधिकारी बड़े भाई एसपीएस यादव ने बताया छोटे भाई शरद यादव से आखिरी बार उनकी बातचीत 1 जनवरी 2023 को हुई थी। नए साल के पहले दिन शरद ने कॉल कर मुझे कहा कि नया साल मुबारक हो भैया। चार महीने पहले बीमार रहे। दिल्ली में डायलिसिस होता था। इसलिए वे गांव नहीं आ पाएं। जब भी समय मिलता था, एक-दो साल में वे जरूर गांव आते थे। पिछले साल 2022 में गांव आएं थे।

युवावस्था में बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान।

युवावस्था में बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान।

शरद यादव का राजनीतिक सफर

1974 पांचवीं लोकसभा उप-चुनाव में चुने गए
1977 छठी लोक सभा (दूसरे कार्यकाल) में फिर से निर्वाचित, अध्यक्ष-युवा जनता दल
1978 महासचिव – लोक दल, अध्यक्ष-युवा लोक दल
1986 राज्यसभा में चुने गए
1989 9वीं लोक सभा (तीसरी बार) में चुने गए
1989-97 महासचिव-जनता दल, अध्यक्ष-जनता दल संसदीय बोर्ड
1989-90 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री – कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
1991 10 वीं लोकसभा (चौथी अवधि) के लिए फिर से निर्वाचित; सदस्य, लोक लेखा समिति
1993 नेता, जनता दल संसदीय पार्टी
1995 कार्यकारी अध्यक्ष, जनता दल
1996 11 वीं लोकसभा (5 वीं अवधि) के लिए फिर से निर्वाचित; अध्यक्ष, वित्त समिति
1997 अध्यक्ष, जनता दल
1999 13 वीं लोकसभा (6 वीं अवधि) के लिए फिर से निर्वाचित; लालू प्रसाद यादव को हराया
13 अक्टूबर 1999- 31अगस्त 2001 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री – नागरिक उड्डयन
1 सितम्बर 2001- 30 जून 2002 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, श्रम
1 जुलाई 2002- 15 मई 2004 केंद्रीय कैबिनेट मंत्री – उपभोक्ता मामले मंत्री, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री
2004 राज्य सभा के लिए फिर से निर्वाचित (द्वितीय कार्यकाल); सदस्य-व्यापार सलाहकार समिति, सदस्य-जल संसाधन समिति, सदस्य-सामान्य प्रयोजन समिति, सदस्य-सलाहकार समिति, गृह मंत्रालय
2009 15 वीं लोकसभा (7 वीं अवधि) के लिए फिर से निर्वाचित
31 अगस्त 2009 अध्यक्ष, शहरी विकास समिति
2014 राज्य सभा के लिए फिर से निर्वाचित (तीसरी अवधि)
शरद यादव के परिवार व आंदोलन की तस्वीरें।

शरद यादव के परिवार व आंदोलन की तस्वीरें।

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पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का MP कनेक्शन…

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का 75 वर्ष की उम्र में गुरुवार रात दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने रात पौने 11 बजे सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी। शरद यादव मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित बाबई (माखननगर) के आंखमऊ गांव के रहने वाले थे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

शरद यादव को अमित शाह-राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि दी, भावुक लालू बोले- ऐसे अलविदा नहीं कहना था भाई

JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का पार्थिव शरीर 13 जनवरी को अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के छतरपुर में उनके आवास पर रखा गया। यहां गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने सिंगापुर से शरद यादव को भावुक विदाई दी। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि ऐसे अलविदा नहीं कहना था भाई। पढ़ें पूरी खबर…

आपातकाल के दौरान 6 महीने नरसिंहगढ़ जेल में काटे

शरद यादव की कुछ यादें मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से भी जुड़ी हैं। जून 1975 में जब देश में तत्कालीन सरकार द्वारा आपालकाल लगाया गया था, उस समय शरद यादव राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ जेल में करीब 5 से 6 माह मीसाबंदी के रूप में बंद रहे थे। जेल की दीवार पर आज भी मीसा बंदियों की सूची में 6वें नंबर पर शरद यादव का नाम लिखा हुआ है। पढ़िए पूरी खबर

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