रेप के विरोध से वहशी बनता इंसान: महिला की आंख फोड़ी, बच्ची की जुबान काटी तो किसी का तोड़ा पैर, हत्या कर शव भी जलाया

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नई दिल्ली7 घंटे पहलेलेखक: ऐश्वर्या शर्मा

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कुछ दिन पहले बिहार के कटिहार में 45 साल की महिला के साथ उसके घर पर ही दुष्कर्म करने की कोशिश की गई। जब उसने विरोध किया तो आरोपी पड़ोसी ने महिला की दोनों आंखें फोड़ दी। यह पूरी वारदात उसकी 11 साल की बेटी के सामने हुई।

देश में हर दिन कहीं ना कहीं से रेप की खबर आती है और हर सेकंड कोई महिला छेड़छाड़ का शिकार होती है। लेकिन इस तरह की घटनाएं कई तरह के सवाल उठाती है। क्या महिला का विरोध, मर्द की शान के इतने खिलाफ होता है कि वह वहशी बन जाता है? औरत की न क्या उसे अपनी झूठी मर्दानगी दिखाने पर आमादा कर देती है? क्या ऐसे जघन्य अपराध करते हुए उनकी रूह नहीं कांपती? उन्हें कानून का कोई डर नहीं होता?

अपनी पावर दिखाना चाहते हैं ऐसे मर्द

दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में मनोचिकित्सक डॉक्टर राजीव मेहता ने वुमन भास्कर को बताया कि जो रेपिस्ट होते हैं, उनकी विकृत मानसिकता होती है। यह पर्सनैलिटी डिसऑर्डर उनसे कुछ भी करा सकता है।

आरोपी इस तरह के कुकर्म 2 मकसद से करता है। पहला अपनी पावर दिखाने के लिए और दूसरा आनंद के लिए। वह रेप करके महिला के ऊपर अपनी मर्दानगी साबित करना चाहता है।

पैराफिलियास से ग्रस्त व्यक्ति को दर्द देकर आता है मजा

कुछ लोगों को पैराफिलियास नाम का डिसऑर्डर होता है। इसमें उन्हें अननेचुरल तरीके से सेक्शुअल एक्साइटमेंट मिलती है। इसमें कुछ को पॉर्न देखकर आनंद मिलता है तो कुछ को दूसरे को मारकर या पीड़ा देकर सेक्स करने में मजा आता है।

नेक्रोफिलिया से ग्रस्त व्यक्ति शव के साथ सेक्स करता है। वहीं एग्रिबेशियन में दूसरे के सामने मास्टरबेशन करता है। यह सब मानसिक बीमारी है। जो लोग एंटी सोशल होते हैं उनमें इस तरह की विकृत मानसिकता देखी जाती है लेकिन कौन रेपिस्ट बन जाए, ये कोई नहीं कह सकता।

2 तरह के होते हैं रेपिस्ट, कानून का नहीं होता डर

आरुषि हत्याकांड और निठारी कांड जैसे चर्चित मामलों की जांच कर कर चुके उत्तर प्रदेश पुलिस से रिटायर्ड डीएसपी गजेंद्र सिंह के अनुसार जब कोई व्यक्ति दुष्कर्म करता है तो उसमें और जानवर में कोई अंतर नहीं रहता।

रेपिस्ट 2 तरह के होते हैं। एक होते हैं एक्सीडेंटल रेपिस्ट। उनका दिमाग अचानक खराब हो जाता है और वह पल भर में गलत कर बैठते हैं। इनमें बदले की भी भावना हो सकती है। लेकिन इसके बाद उन्हें गलती का एहसास भी होता है। दूसरी तरह के रेपिस्ट आदत से ही अपराधी होते हैं। वह कितने रेप कर लें, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। इस तरह के लोगों की आत्मा मर चुकी होती है। उन्हें कानून का भी डर नहीं होता। अगर वह पकड़े भी जाएं और बाद में बरी हो जाएं तब भी वह इस तरह के कुकर्म करते हैं।

लड़कों की परवरिश पर देना होगा माता-पिता को ध्यान

रिटायर्ड डीएसपी गजेंद्र सिंह ने बताया कि कोई भी इंसान अपराधी घर वालों का बढ़ावा मिलने से ही बनता है। लड़के की गलती पर अगर मां बचपन में ही उसे डांट दें और सिखा दें कि वह हर लड़की की इज्जत करे तब वह ऐसी हरकत नहीं करेगा। हर माता-पिता को अपने बेटे को सही-गलत की पहचान करानी चाहिए।

लेकिन हमारे समाज में लड़कों को गलत कामों पर डांटने की बजाय उसकी मर्दानगी याद दिलाई जाती है। एक ही छत के नीचे माता-पिता बेटियों पर सारी बंदिशें लगा देते हैं और लड़कों को हर चीज की छूट होती है। सही पेरेंटिंग और संस्कार ही लड़कों को गलत दिशा में कदम बढ़ाने से रोक सकते हैं।

दिल्ली में 2020 में जहां 580 रेप केस दर्ज हुए। वहीं, साल 2021 में यह रेट बढ़कर 63.3% हुआ और 883 मामले सामने आए।

दिल्ली में 2020 में जहां 580 रेप केस दर्ज हुए। वहीं, साल 2021 में यह रेट बढ़कर 63.3% हुआ और 883 मामले सामने आए।

देश में हुई इन रेप की घटनाओं से कांपी रूह

जहन से नहीं निकलता निर्भया कांड

16 दिसंबर 2012 की सर्द रात थी। दिल्ली में रहने वाली 23 साल की निर्भया (बदला हुआ नाम) अपने दोस्त के साथ फिल्म देखकर वापस घर जाने के लिए निकली। वह और उसका दोस्त ऑटो का इंतजार कर रहा था। उन्हें द्वारका जाना था लेकिन कोई साधन नहीं मिल रहा था। वह ऑटो लेकर मुनिरका बस स्टैंड तक पहुंचे। रात का अंधेरा गहरा होता जा रहा था। इस बीच वहां एक बस रुकी जो द्वारका जा रही थी। इसमें पहले से 6 लोग बैठे थे। निर्भया और उसका दोस्त बस में चढ़ गए। रात के 10 भी नहीं बजे थे कि दिल्ली की सड़कें सुनसुन पड़ी थी। इसी बीच बस में निर्भया के साथ कुकर्म शुरू हुआ और उसके दोस्त को भी खूब मारा-पीटा गया। इसके बाद दोनों को बीच सड़क पर फेंक दिया। बलात्कारियों ने रॉड से पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स के साथ उसकी आंत भी बाहर निकाल दी थी। 29 दिसंबर को निर्भया ने आखिरी सांस ली।

बदायूं में महिला के साथ गैंगरेप

6 जनवरी 2021 की शाम को 50 साल की महिला मंदिर में पूजा करने गई। लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटी। रात साढ़े 11 बजे मंदिर का पुजारी महिला को उसके घर लेकर पहुंचा लेकिन शरीर से इतना खून बह रहा था कि उसकी मौत हो गई। घरवालों ने पुलिस को सूचना दी। पोस्टमार्टम किया गया तब सामने आया कि महिला के साथ गैंगरेप हुआ और जघन्य तरीके से हत्या की गई। इसका आरोप मंदिर के पुजारी और उसके 2 साथियों पर लगा। महिला के प्राइवेट पार्ट में कई चोटें और फ्रैक्चर थे। पैर में भी फ्रैक्चर मिला।

हर 15 मिनट में भारत में एक बच्चा दुष्कर्म का शिकार होता है। सोर्स: CRY

हर 15 मिनट में भारत में एक बच्चा दुष्कर्म का शिकार होता है। सोर्स: CRY

वेटनरी डॉक्टर को रेप करने के बाद जलाया

27 नवंबर 2019 को हैदराबाद में 27 साल की वेटनरी डॉक्टर दिशा (बदला हुआ नाम) की स्कूटी खराब हो गई थी। उस समय वह शमशादबाद में टोल प्लाजा के पास थीं। तभी 4 लड़के उनकी मदद के बहाने आए। इसके बाद जो हुआ उससे देश में सनसनी मच गई। दिशा के साथ गैंगरेप करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को शव जलाया गया। पुलिस ने शव को शादनगर के एक पुल के नीचे से बरामद किया।

लखीमपुर खीरी गैंगरेप में 13 साल की बच्ची बनी शिकार

अगस्त 2020 की बात है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के पकरिया गांव में रहने वाली 13 साल की बच्ची घर से शौच के लिए खेत गई थी। वहां 2 युवकों ने उसके साथ न सिर्फ रेप किया बल्कि उसकी आंख फोड़ी, जुबान काट दी और गले में फंदा डालकर हत्या कर दी। बच्ची का शव खेत से बरामद हुआ।

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