रामबन लैंडस्लाइड- अबतक 30 घर टूटे, 55 परिवारों का रेस्क्यू: एक किमी के इलाके में जमीन धंसी; रामबन से ही निकलती है अमरनाथ यात्रा

रामबन14 मिनट पहले

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रामबन इलाके में लैंड स्लाइड शनिवार को भी जारी है। इसका वीडियो न्यूज एजेंसी ANI ने शेयर किया है। - Dainik Bhaskar

रामबन इलाके में लैंड स्लाइड शनिवार को भी जारी है। इसका वीडियो न्यूज एजेंसी ANI ने शेयर किया है।

जम्मू में रामबन-गूल रोड पर गुरुवार (26 अप्रैल) की शाम से लैंड स्लाइड हो रहा है। करीब 1 किलोमीटर तक की जमीन धंसने के बाद रामबन से 6 किलोमीटर दूर पेरनोट गांव में करीब 30 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लैंड स्लाइड के बाद स्थानीय प्रशासन ने 55 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। लेकिन इलाके में हाे रही बारिश के कारण हालात खतरनाक होते जा रहे हैं।

इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होने जा रही है। ऐसे में रामबन में लैंड स्लाइड की घटना यात्रा पर असर डाल सकती है। काफिला जम्मू के भगवती नगर बेसकैंप से उधमपुर, पटनीटॉप से रामबन होते हुए अनंतनाग तक जाता है।

फसलें चौपट, बिजली भी नहीं, NH 44 पर ट्रैफिक पर असर पड़ा
घटना के कारण इलाके में बिजली सप्लाई ठप हो गई और 60 हजार से ज्यादा लोगों का मुख्य शहर से संपर्क टूट गया है। मकानों में दरारें आने के बाद लोगों का रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। रामबन के डीसी बसीर-उल-हक चौधरी ने बताया है कि ग्रिड स्टेशन के लैंड स्लाइड में ढह जाने के बाद से जिले में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है।

रामबन-गूल मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। परनोट गांव के लोगों का कहना है कि जमीन धंसने के कारण फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।

लैंड स्लाइड से जुड़ी तस्वीरें…

शनिवार को लैंड स्लाइड के कारण डैमेज हुआ टीवी टावर।

शनिवार को लैंड स्लाइड के कारण डैमेज हुआ टीवी टावर।

लैंड स्लाइड के बाद परनोट गांव के घरों में पड़ी दरारें।

लैंड स्लाइड के बाद परनोट गांव के घरों में पड़ी दरारें।

गांव से विस्थापित किए गए 55 परिवारों को पंचायत घर में शेल्टर दिया गया है।

गांव से विस्थापित किए गए 55 परिवारों को पंचायत घर में शेल्टर दिया गया है।

प्रशासन ने यहीं पर इनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की है।

प्रशासन ने यहीं पर इनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की है।

बारिश में बेकार हाे गया शेल्टर
रामबन के एडीशनल डिप्टी कमिश्नर वरुणजीत सिंह चरक ने बताया कि परिवारों का रेस्क्यू करने में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनजीओ और स्थानीय लोग हमारी मदद कर रहे हैं। एक टेम्परेरी शेल्टर बनाया था, लेकिन लगातार बारिश के कारण यह बेकार हो गया है। हमने संबंधित विभागों से अपील की है कि वे यहां आएं और इस आपदा के कारणों पर रिसर्च करें।

2023 में डोडा में जमीन धंसने से 21 घरों में दरारें आई थी
साल 2023 में जम्मू के डोडा में जमीन धंसने से 21 घरों में दरारें आ गई थीं। आपदा पीड़ितों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया। घटना के कारणों की जांच के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम पहुंची और मामले की जांच की। हालांकि, अभी तक कोई जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है।

उत्तराखंड के जोशीमठ में भी हुआ था लैंड स्लाइड

उत्तराखंड के चमौली जिले में भी जनवरी 2023 में जमीन और पहाड़ धंसने की घटना हुई थी। सबसे ज्यादा असर जोशीमठ में रहा। यहां 561 घरों में दरारें आईं थीं। 100 से ज्यादा परिवारों ने पलायन किया था और 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। जांच में यह सामने आया था कि जोशीमठ मोरेन पर बसाया गया था, जो कंस्ट्रक्शन के लिए किए जा रहे ब्लास्ट से कमजोर हो चुका है।

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