दलेर मेहंदी को राहत नहीं: 15 सितंबर तक जेल में रहना होगा; 2 साल कैद की रिव्यू पिटीशन पर सरकार को नोटिस

चंडीगढ़16 मिनट पहले

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दलेर मेहंदी को 2003 में दर्ज हुए केस में सजा हुई हैै। - Dainik Bhaskar

दलेर मेहंदी को 2003 में दर्ज हुए केस में सजा हुई हैै।

मशहूर पंजाबी गायक दलेर मेहंदी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। दलेर ने कबूतरबाजी केस में 2 साल कैद की सजा के खिलाफ पिटीशन दायर की थी। हाईकोर्ट ने उनकी सुनवाई के दौरान पूछा कि दलेर को जेल में रहते कितना समय हुआ?। इस पर मेहंदी के वकील ने कहा कि अभी थोड़ा समय ही हुआ है। इसके बाद हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

दलेर ने कबूतरबाजी केस में सजा के खिलाफ याचिका दायर की है। जिसमें उन्हें 2 साल कैद की सजा हुई है। इस वक्त पिछले 6 दिन से दलेर पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्हें पूर्व क्रिकेटर और पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के साथ जेल में रखा गया है। जेल जाने के बाद दलेर काफी मायूस हैं। वहीं नवजोत सिद्धू ने उनका हौंसला बढ़ाया। जेल में वह स्पेशल डाइट के बजाय वहीं का रूटीन खाना खा रहे हैं।

पटियाला सेशन कोर्ट के सजा बहाल रखने के बाद दलेर को वहीं से गिरफ्तार कर लिया गया था।

पटियाला सेशन कोर्ट के सजा बहाल रखने के बाद दलेर को वहीं से गिरफ्तार कर लिया गया था।

2003 में भाई पर केस दर्ज हुआ, दलेर का नाम भी आया
दलेर मेहंदी पहले शो करने विदेशों में जाते थे। इसी दौरान आरोप लगा कि उनकी टीम के साथ 10 लोगों को अवैध तरीके से मेंबर बनाकर अमेरिका पहुंचाया गया। जिसके एवज में रुपए लिए गए। इसे कबूतरबाजी यानी मानव तस्करी करार देकर 2003 में दलेर के भाई शमशेर सिंह पर केस दर्ज हुआ। जांच के दौरान इसमें दलेर मेहंदी को भी नामजद कर लिया गया।

ट्रायल कोर्ट की सजा को सेशन कोर्ट ने बहाल रखा
इस मामले में 2018 में पटियाला की ट्रायल कोर्ट ने दलेर मेहंदी को 2 साल कैद की सजा सुना दी। इसके खिलाफ दलेर ने पटियाला सेशन कोर्ट में अपील कर दी। 5 दिन पहले पटियाला की सेशन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। जिसके बाद दलेर को गिरफ्तार कर सजा काटने पटियाला जेल भेज दिया गया।

जेल में क्लर्क सिद्धू संग मुंशी बने दलेर
दलेर मेहंदी को पटियाला जेल में नवजोत सिद्धू वाली बैरक में रखा हुआ है। जहां उन्हें जेल मुंशी का काम सौंपा गया है। जेल कर्मचारी रोजाना उन्हें रजिस्टर देंगे, जिनका काम कर वह वापस लौटाएंगे। सिद्धू की तरह वह भी बैरक के अंदर से ही काम करेंगे।

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