ढाई लाख सरकारी किताबों में राष्ट्रगान से ‘उत्कल बंग’ गायब: कौशांबी में कांग्रेस नेता ने कहा- बंगाल हार का बदला; BSA बोले- प्रिंटिंग मिस्टेक

कौशांबी3 मिनट पहले

यूपी की ढाई लाख सरकारी किताबों के राष्ट्रगान से ‘उत्कल बंग’ शब्द गायब हो गया है। कक्षा-5 की हिंदी की किताब में राष्ट्रगान लिखा है, लेकिन उसमें ‘उत्कल, बंग’ शब्द नहीं है। कांग्रेस नेता ने इसे मुद्दा बनाकर भाजपा के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण विद्यार्थी ने कहा, ”भाजपा बंगाल हार का दर्द भुला नहीं पा रही है। इस कारण उसने राष्ट्रगान की पंक्तियों से उत्कल और बंग राज्य का नाम जान-बूझ कर नहीं छपवाया। हम इस पर आंदोलन चलाएंगे।” वहीं विवाद बढ़ने पर कौशांबी के BSA प्रकाश सिंह ने कहा, ”यह प्रिंटिंग मिस्टेक है। किताब में राष्ट्रगान की लाइन में गलती हुई है। आमतौर पर यह प्रिंट की गड़बड़ी मानी जाती है।

मगर, राष्ट्रगान में ऐसा हुआ है तो इसकी जानकारी अफसरों को दी जाएगी। इसकी जांच कराई जाएगी। ये प्रदेश स्तर की बात है।”

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शासन ने ये किताबें कौशांबी के परिषदीय विद्यालय में भेजी हैं। सिर्फ कौशांबी जिले की बात की जाए, तो 1089 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें 1 से 8वीं तक 1 लाख 82 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।

जिस किताब में गलत राष्ट्रगान छपा है। उनका नाम है “वाटिका”। यह कक्षा-5 में पढ़ाई जाती है। इस किताब के आखिरी पेज पर राष्ट्रगान लिखा है। इसमें पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा-द्राविड़…के बाद उत्कल बंग शब्द नहीं है। फिर सीधे 5वीं लाइन विंध्य-हिमाचल-यमुना-गंगा…से शुरू है। यह गलती एक-दो किताबों में नहीं, बल्कि 5वीं की सभी किताबों में है।

राष्ट्रगान की पंक्ति आधी अधूरी है। इसमें उत्कल बंग शब्द ही नहीं छपा है।

राष्ट्रगान की पंक्ति आधी अधूरी है। इसमें उत्कल बंग शब्द ही नहीं छपा है।

6 स्कूलों का रियलिटी चेक
परिषदीय स्कूल कक्षा-5 में हिंदी के किताब वाटिका का वितरण किया गया। किताब के पीछे राष्ट्रगान में बड़ी गड़बड़ी पाई गई। जिसमें उत्कल और बंग प्रान्त गायब रहा। दैनिक भास्कर ने 6 स्कूल के अध्यापकों और बच्चों से बात की। इसके जवाब में टीचर्स ने कहा कि यह गलती किताब छापने में हुई है। मगर, बेसिक शिक्षा अधिकारियों को किताबें वितरित होने से पहले इस पर ध्यान देना चाहिए था।

स्कूल में बच्चों को जो किताब मिली उनमें राष्ट्रगान गलत छपा है। चिंता की बात यह है कि अधिकारियों ने इस तरफ कोई ध्यान भी नहीं दिया।

स्कूल में बच्चों को जो किताब मिली उनमें राष्ट्रगान गलत छपा है। चिंता की बात यह है कि अधिकारियों ने इस तरफ कोई ध्यान भी नहीं दिया।

अब तक प्रदेश के चार स्कूल में हुआ खुलासा
प्राइमरी स्कूल हिसामपुर परसखी की किताबों में भी राष्ट्रगान से उत्कल और बंग प्रान्त गायब होने वाली किताबें वितरित की गई है। बच्चों ने बताया कि उन्हें अब-तक पता ही नहीं था कि उनकी किताब से दो प्रान्त के नाम गायब हैं। अभी देखा तो पता चला हम राष्ट्रगान गाते हैं, तो याद है। इसलिए उत्कल बंग लगा कर बोलते हैं। स्कूल के अध्यापक का कहना है कि राष्ट्रगान से बंगाल प्रान्त का नाम हटाने का मतलब राष्ट्रगान की मूल भावना को ही खत्म कर देना है।

प्राइमरी स्कूल औधन के बच्चे और टीचर अब तक इस बात से अनजान थे कि उनकी पाठ्य-पुस्तक से राष्ट्रगान की पंक्तियों ने बंग प्रान्त गायब है। टीचर के मुताबिक, यह तो वही बात हुई कि जिस प्रदेश के रचयिता ने राष्ट्रगान रचा। पहली बार जिस भाषा में बोला गया। उसी को गायब कर राष्ट्रगान की आत्मा निकाल ली है। प्राइमरी स्कूल मकदूमपुर के अध्यापक ने बताया, यह गलती मुद्रक की है। इसे उतना तूल नहीं दिया जाना चाहिए।

विभाग को किताब के वितरण से पहले एक बार जांच कराई जानी चाहिए थी। बच्चों ने बताया कि उन्हें 2 प्रान्त के बिना राष्ट्रगान बोलने में दिक्कत होती है। अब तक बंग के बिना कभी राष्ट्रगान के बारे में सोचा भी नहीं है।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष अरुण विद्यार्थी।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष अरुण विद्यार्थी।

प्रमोद प्रिंटर के यहां छपा मुख्य पेज
क्लास 5 की हिंदी की वाटिका नामक यह किताब मथुरा के प्रमोद प्रिंटर के यहां पब्लिश हुई। इसका विवरण किताब पर दर्ज है। दैनिक भास्कर की टीम ने जब इस प्रिंटिंग प्रेस की तलाश की तो यह प्रेस मथुरा के मसानी इलाके में स्थित मोक्ष धाम के नजदीक मिली। यहां इसके मालिक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा केवल इसका कवर पेज छापा गया है।

स्कूल में बच्चों को किताबें मिल चुकी हैं। वो इन किताबों को पढ़ने भी लगे हैं। जिसमें इतनी बड़ी गलती पाई गई।

स्कूल में बच्चों को किताबें मिल चुकी हैं। वो इन किताबों को पढ़ने भी लगे हैं। जिसमें इतनी बड़ी गलती पाई गई।

प्रिंटर बोले- हमें विभाग ने नहीं बल्कि दूसरे प्रिंटर ने दिया था ऑर्डर
प्रमोद प्रिंटर्स के मालिक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने पूरी किताब नहीं छापी केवल कवर पेज छापा था। प्रमोद गुप्ता ने बताया कि यह ऑर्डर उनको बेसिक शिक्षा विभाग से नहीं, बल्कि मथुरा के ही हाईटेक प्रिंटर ने दिया था। इसके बाद वहां से प्लेट आई, जिसे छाप दिया गया। इसके बाद दैनिक भास्कर की टीम हाईटेक प्रिंटर के यहां पहुंची।

वहां पता चला कि प्रिंटिंग प्रेस के मालिक राम प्रकाश हैं, जो फैक्ट्री पर नहीं थे। फोन कर मामले को जानने का प्रयास किया, तो फोन किसी महिला ने उठाया। इसलिए बात नहीं हो पाई।

किताब में राष्ट्रगान छापा गया। लेकिन राष्ट्रगान की पंक्तियों ने बंग प्रान्त गायब मिले। वही अब स्कूल के बच्चे पढ़ रहे हैं।

किताब में राष्ट्रगान छापा गया। लेकिन राष्ट्रगान की पंक्तियों ने बंग प्रान्त गायब मिले। वही अब स्कूल के बच्चे पढ़ रहे हैं।

उत्कल बंग लिखे छापे जा रहे स्टीकर
किताब में हुई गलती को दूर करने के लिए अब उत्कल बंग लिखे शब्द के स्टीकर छापे जा रहे हैं। इनको उस जगह लगा दिया जाएगा, जहां मिस प्रिंट है। प्रिंटिंग प्रेस के मालिक प्रमोद गुप्ता ने बताया, यह हो सकता है कि हाई टेक प्रिंटर वालों के यहां कोई मानवीय भूल हो गई हो। बाकी इस शब्द को न छापने का ऐसा कोई भी उद्देश्य नहीं था।

किताब में हुई गलती की जगह अब उन शब्दों को पूरा करने के लिए स्टीकर छापे जा रहे हैं।

किताब में हुई गलती की जगह अब उन शब्दों को पूरा करने के लिए स्टीकर छापे जा रहे हैं।

15 लाख में से ढाई लाख किताबों में हुआ मिस प्रिंट
मथुरा में विभाग ने 15 लाख किताब छापने का ऑर्डर दिया। इसमें से ढाई लाख किताब में यह मिस प्रिंटिंग हुई है। जब इस गलती की जानकारी हुई। तब पता किया गया कि यह गलती कितनी किताबों में हुई? जांच में पता चला कि यह मिस प्रिंट ढाई लाख किताबों में हुआ है। फिलहाल इस गलती को दूर करने के लिए प्रिंटिंग प्रेस के लोग उस शब्द के स्टीकर छाप रहे हैं, जिसकी वजह से यह बखेड़ा खड़ा हुआ है।

प्रिंटिंग प्रेस के मालिक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने केवल इसका कवर पेज छापा है।

प्रिंटिंग प्रेस के मालिक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने केवल इसका कवर पेज छापा है।

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