ट्रेन ड्राइवर को झपकी आई, AI बेस्ड डिवाइस अलर्ट करेगी: पलक झपकने से पता चलेगा, इमरजेंसी ब्रेक भी लग जाएंगे

नई दिल्ली24 मिनट पहले

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अगर ट्रेन के ड्राइवर को झपकी आ गई तो एक डिवाइस अलर्ट कर देगी। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) एक ऐसी ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड डिवाइस बना रहा है।

रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, डिवाइस ड्राइवर की पलकों के झपकने से नींद आने का (सुस्ती) पता लगा लेगी और अलर्ट साउंड कर देगी। यही नहीं, अगर ड्राइवर किसी वक्त का नियंत्रण खो जाए तो इमरजेंसी ब्रेक भी लग जाएंगे। डिवाइस को रेलवे ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (RDAS) नाम दिया गया है।

कुछ हफतों में तैयार हो जाएगी डिवाइस
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, ये डिवाइस फिलहाल डेवलपमेंट स्टेज पर है। यह ठीक तरह से काम कर रही है, ये ट्रायल्स में पता चलेगा। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे की टेक्नीकल टीम इस पर काम कर रही है। उम्मीद है कि ये कुछ हफ्तों में बनकर तैयार हो जाएगी।

2 अगस्त को रेलवे बोर्ड ने नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे को लैटर लिखा था, जिसमें रेलवे ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (RDAS) तैयार करने की बात कही गई थी।

पहले यह डिवाइस कहां लगेगी
जब यह सिस्टम तैयार हो जाएगा तो पायलट प्रोजेक्ट के तहत 20 मालगाड़ी इंजन (WAG9) और पैसेंजर ट्रेन इंजन (WAP7) में लगाया जाएगा।

रेलवे जोन्स से कहा गया है कि डिवाइस लगने के बाद इसकी वर्किंग को लेकर फीडबैक दें, ताकि इसमें और सुधार किया जा सके।

ट्रेन के इंजन में एक पैडल लगा होता है, जिसे हर एक मिनट में दबाना होता है। ड्राइवर ऐसा ना करे तो इमरजेंसी ब्रेक लग जाते हैं।

ट्रेन के इंजन में एक पैडल लगा होता है, जिसे हर एक मिनट में दबाना होता है। ड्राइवर ऐसा ना करे तो इमरजेंसी ब्रेक लग जाते हैं।

सभी फास्ट ट्रेनों में एक अलर्ट सिस्टम होता है
इंडियन रेलवे लोको रनिंगमैन ऑर्गनाइजेशन (IRLRO) ने बन रही डिवाइस को उपयोगी बताया। ये भी कहा कि सभी फास्ट ट्रेनों में ड्राइवर को अलर्ट करने सिस्टम लगा होता है।

IRLRO के वर्किंग प्रेसिडेंट संजय पांधी के मुताबिक, हर हाईस्पीड ट्रेन में पैर से चलाने वाला एक लीवर (पैडल) लगा होता है, जिसे हर एक मिनट में हिट करना होता है। अगर ड्राइवर ऐसा नहीं करता तो अपने आप इमरजेंसी ब्रेक लग जाते हैं और ट्रेन खड़ी हो जाती है। ये सिस्टम एक तरह से यह सुनिश्चित करता है कि ड्राइवर मुस्तैद रहे।

पांधी ने ये भी कहा कि रेलवे ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (RDAS) एक अच्छी एक्सरसाइज है। अगर रेलवे ट्रेन ऑपरेशंस की सेफ्टी को लेकर गंभीर है तो अन्य चीजों के अलावा ड्राइवर की थकान, उनके रनिंग अवर्स, सुविधाओं और आराम करने के घंटों के बारे में भी सोचना चाहिए।

कई मामलों में ड्राइवरों (महिला-पुरुष दोनों) को 11 घंटे की ड्यूटी में खाना और टॉयलेट जाने का ब्रेक नहीं मिलता। अगर इन चीजों को बेहतर कर लिया जाए तो किसी अलर्ट सिस्टम की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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