झारखंड: यूजीसी गाइडलाइन न मानने वाले निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता होगी रद्द, राज्यपाल ने दिए निर्देश

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झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्यपाल रमेश बैस ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर कोई भी निजी विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं, तो ऐसे विश्वविद्यालयों की मान्यता रदद् कर दी जाए। 

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निर्देश की विज्ञाप्ति जारी
गुरुवार को राज्यपाल के निर्देश की विज्ञाप्ति भी जारी हो गई है। इसके अनुसार राज्यपाल बैस ने राजभवन में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि किसी विश्वविद्यालय को मान्यता दिए जाने से पहले यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि उसके पास पर्याप्त भूमि, भवन और बुनियादी ढांचा है या नहीं। .

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यूजीसी और सरकारी नियमों का पालन नहीं 
राज्यपाल ने कहा है कि कई संस्थान अपर्याप्त संसाधनों के साथ चल रहे थे। वहीं, कुछ मामलों में यूजीसी के मानदंडों और सरकारी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। उप-कुलपतियों को मानदंडों का पालन करने और बुनियादी ढांचा विकसित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि छात्रों के हित में निजी विश्वविद्यालयों को सभी मानकों का पालन करना जरूरी है। बता दें कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के पदेन चांसलर होते हैं। 

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विस्तार

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्यपाल रमेश बैस ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर कोई भी निजी विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं, तो ऐसे विश्वविद्यालयों की मान्यता रदद् कर दी जाए। 

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निर्देश की विज्ञाप्ति जारी

गुरुवार को राज्यपाल के निर्देश की विज्ञाप्ति भी जारी हो गई है। इसके अनुसार राज्यपाल बैस ने राजभवन में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि किसी विश्वविद्यालय को मान्यता दिए जाने से पहले यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि उसके पास पर्याप्त भूमि, भवन और बुनियादी ढांचा है या नहीं। .

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यूजीसी और सरकारी नियमों का पालन नहीं 

राज्यपाल ने कहा है कि कई संस्थान अपर्याप्त संसाधनों के साथ चल रहे थे। वहीं, कुछ मामलों में यूजीसी के मानदंडों और सरकारी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। उप-कुलपतियों को मानदंडों का पालन करने और बुनियादी ढांचा विकसित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि छात्रों के हित में निजी विश्वविद्यालयों को सभी मानकों का पालन करना जरूरी है। बता दें कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के पदेन चांसलर होते हैं। 

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