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- Justice Chandrachud On Chamber Sharing Row; Stated “Had 120 Sq Ft Chamber”
नई दिल्ली4 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों वकीलों के चैंबर्स से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई चल रही है। दरअसल, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की एडमिनिस्ट्रेटिव ब्रांच ने ऐसे 468 वकीलों की लिस्ट जारी की है जिन्हें दूसरे वकील के साथ चैंबर शेयर करना होगा।
इस लिस्ट के सामने के बाद से वकीलों मांग कर रहे हैं कि चैंबरों में एक साथ दो जजों के बैठने का प्रावधान खत्म करके सिंगल सिटिंग व्यवस्था लागू की जाए। इस पर सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब वे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल थे तो मुंबई में 120 स्क्वयावर फीट के चैंबर में बैठते थे।
कुछ वकीलों को 40 साल बाद मिला चैंबर- जस्टिस चंद्रचूड़
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा– ‘सच तो यह है कि हम जो भी करेंगे उससे बार की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। लेकिन यह ध्यान देने की जरूरत है कि कुछ ऐसे भी वकील हैं जिन्हें 40 साल के बाद चैंबर मिला है कुछ ऐसे भी हैं जो बहुत लंबे समय से चैंबर मिलने का इंतजार कर रहे हैं।’
जजों के पैनल के सामने अर्जी दाखिल करेंगे वकील
वकीलों ने उनके सामने तर्क दिया है कि उनके चैंबर रूम पहले से ही काफी छोटे हैं और इसमें शेयरिंग की गुंजाइश नहीं है। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुआई वाली एक बेंच ने वकीलों को अनुमति दी है कि वे जजों के पैनल के सामने अर्जी दाखिल करें। यह पैनल ही वकीलों के सिंगल चैंबर को शेयरिंग चैंबर में बदलने की प्रक्रिया की देखरेख कर रहा है।
बेंच ने कहा कि कोर्ट के सबसे सीनियर जज की अगुआई वाली कमिटी ही चैंबरों के बंटवारे की प्रक्रिया देख रही है और अगर बार के किसी भी धड़े को इस प्रक्रिया से एतराज है तो उन्हें पैनल के सामने अपना पक्ष रखने की अनुमति है। इस बेंच में शामिल जस्टिस एएस बोपन्ना ने कहा कि एक चैंबर एक वकील को देना का मतलब होगा कि आधे वकील कमरों में बैठेंगे और आधे बाहर रह जाएंगे।
जस्टिस रमना ने वकीलों से कहा- आप किस्मत वाले हैं
पिछले हफ्ते इस याचिका की अर्जेंट सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा था- हमारे समय में वकालत की प्रैक्टिस करने के लिए जगह मिलना बहुत बड़ी होती थी। हम पेड़ के नीचे खड़े होकर प्रैक्टिस करते थे। आप किस्मत वाले हैं कि आपको चैंबर मिल रहे हैं।