चंद्रयान-3 मिशन के 3 में से 2 मकसद पूरे: इसरो ने अब तक विक्रम-प्रज्ञान से लिए गए 10 फोटो और 4 वीडियो शेयर किए

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बेंगलुरु10 घंटे पहले

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इसरो ने शनिवार 26 अगस्त को प्रज्ञान रोवर का नया वीडियो शेयर किया। - Dainik Bhaskar

इसरो ने शनिवार 26 अगस्त को प्रज्ञान रोवर का नया वीडियो शेयर किया।

इसरो ने शनिवार को शिव-शक्ति पॉइंट (चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा) पर घूम रहे प्रज्ञान रोवर का दूसरा वीडियो शेयर किया है। इससे पहले इसरो ने 25 अगस्त को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से बाहर निकलते हुए प्रज्ञान रोवर का वीडियो शेयर किया था। लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा था।

इसरो ने बताया कि प्रज्ञान रोवर अगले 11 दिनों में लैंडर के आसपास आधा किमी घूमेगा। ये एक सेमी प्रति सेकेंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। इसरो अब तक मून मिशन की 10 फोटो और 4 वीडियो शेयर कर चुका है।

इसरो ने ये भी कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के 3 उद्देश्य थे, जिनमें से 2 सफलतापूर्वक पूरे हो गए हैं- 1. चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग। 2. चांद की सतह पर रोवर को चलाने में कामयाब रहे। 3. चांद की सतह पर वैज्ञानिक परीक्षण फिलहाल चल रहा है। सभी पेलोड सामान्य तरीके से काम कर रहे हैं।

इन फोटो-वीडियो को नए से पुराने के क्रम में देखिए…

26 अगस्त: चांद की सतह पर चलता दिखा प्रज्ञान रोवर
चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा उसके आस-पास रोवर चक्कर लगा रहा है। लैंडिंग चांद के साउथ पोल पर हुई है। दरअसल, चंद्रमा के पोलर रीजन दूसरे रीजन्स से काफी अलग हैं। यहां कई हिस्से ऐसे हैं जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती और तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक चला जाता है। ऐसे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां बर्फ के फॉर्म में पानी अभी भी मौजूद हो सकता है।

इस वीडियो में रोवर शिव-शक्ति पॉइंट पर घूमते नजर आ रहा है।

इस वीडियो में रोवर शिव-शक्ति पॉइंट पर घूमते नजर आ रहा है।

25 अगस्त : रोवर के बाहर आने का वीडियो, चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ की छाप छोड़ी
प्रज्ञान रोवर के पीछे के दो पहियों पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो के इंडेंट हैं। जैसे ही रोवर चंद्रमा पर उतरा तो उसके पहियों ने चांद की मिट्टी पर इन प्रतीकों की छाप छोड़ी।

इसरो ने 25 अगस्त को यह वीडियो शेयर किया। इसमें प्रज्ञान रोवर लैंडर के रैंप से बाहर निकलता दिख रहा है।

इसरो ने 25 अगस्त को यह वीडियो शेयर किया। इसमें प्रज्ञान रोवर लैंडर के रैंप से बाहर निकलता दिख रहा है।

चंद्रयान-3 ने लैंडिंग करते समय चांद की फोटो भी ली थी। इसरो ने ये चार फोटो शेयर की थीं।

चंद्रयान-3 ने लैंडिंग करते समय चांद की फोटो भी ली थी। इसरो ने ये चार फोटो शेयर की थीं।

25 अगस्त : विक्रम लैंडर का रैंप का वीडियो शेयर किया

इसरो ने रोवर के बाहर आने से पहले विक्रम लैंडर के रैंप का वीडियो शेयर किया था। इसी से रोवर नीचे उतरा। चंद्रयान-3 मिशन के तीन हिस्से है। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। इन पर कुल 7 पेलोड लगे हैं। एक पेलोड जिसका नाम शेप है वो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर लगा है। ये चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर धरती से आने वाले रेडिएशन की जांच कर रहा है।

वहीं लैंडर पर तीन पेलोड लगे हैं। रंभा, चास्टे और इल्सा। प्रज्ञान पर दो पेलोड हैं। एक इंस्ट्रूमेंट अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का भी है जिसका नाम है लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर अरे। ये चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगा हुआ है। ये चंद्रमा से पृथ्वी की दूरी मापने के काम आता है।

प्रज्ञान रोवर कुछ इस तरह रैंप से नीचे उतरा।

प्रज्ञान रोवर कुछ इस तरह रैंप से नीचे उतरा।

24 अगस्त : लैंडिंग का वीडियो
चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। 23 जुलाई को चंद्रयान-3 के लैंडर की चांद की सतह पर लैंडिंग हुई। यानी इसे धरती से चांद तक पहुंचने में 41 दिन लगे। 24 जुलाई को जारी हुए इस वीडियो में चांद की सतह पर शुरुआत में लहरों जैसा नजारा दिखा, पास पहुंचते ही वहां काफी सारे बड़े और छोटे गड्‌ढे नजर आए।

2 मिनट 17 सेकेंड का लैंडिंग का ये वीडियो इसरो ने 24 अगस्त को शेयर किया।

2 मिनट 17 सेकेंड का लैंडिंग का ये वीडियो इसरो ने 24 अगस्त को शेयर किया।

21 अगस्त : चांद पर यान के लैंडिंग पॉइंट की तस्वीर शेयर की
चंद्रयान-3 ने लॉन्च होने के 41वें दिन चंद्रमा पर लैंडिंग की। भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश है। लैंडिंग से 2 दिन पहले चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल की कुछ तस्वीरें जारी की थीं। ये तस्वीरें सेफ लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए ली गई थीं।

इन तस्वीरों के जरिए चांद के साउथ पोल पर बिना गड्‌ढे वाला एरिया ढूंढने की कोशिश की गई थी। जिससे लैंडिंग में कोई दिक्कत न आए।

इन तस्वीरों के जरिए चांद के साउथ पोल पर बिना गड्‌ढे वाला एरिया ढूंढने की कोशिश की गई थी। जिससे लैंडिंग में कोई दिक्कत न आए।

17 अगस्त : प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर अलग हुए थे, दूसरी बार चांद की फोटो भेजी थी
17 अगस्त को दोपहर 1:15 बजे चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया गया था। इसरो ने बताया कि था कि सेपरेशन के बाद विक्रम लैंडर ने प्रोपल्शन मॉड्यूल से कहा- थैक्स फॉर द राइड मेट। इस दौरान लैंडर पर लगे कैमरे ने चंद्रमा की भी तस्वीरें खींचीं थीं।

17 अगस्त को लैंडर और प्रोपल्शन के अलग होने के बाद लैंडर पर लगे कैमरे ने प्रोपल्शन मॉड्यूल की फोटो के साथ चंद्रमा की ये तस्वीर भी खींची थी।

17 अगस्त को लैंडर और प्रोपल्शन के अलग होने के बाद लैंडर पर लगे कैमरे ने प्रोपल्शन मॉड्यूल की फोटो के साथ चंद्रमा की ये तस्वीर भी खींची थी।

5 अगस्त : चंद्रमा की कक्षा में पहुंचते ही चंद्रयान-3 ने चांद की पहली फोटो भेजी थी
लॉन्चिंग से 22 दिन के बाद यानी 5 अगस्त को चंद्रयान-3 जब चांद की कक्षा में प्रवेश कर रहा था तो ऑनबोर्ड कैमरे ने चांद की पहली तस्वीर कैप्चर की थी। मिशन की जानकारी देते हुए इसरो ने X पोस्ट में चंद्रयान के भेजे मैसेज को लिखा था- मैं चंद्रयान-3 हूं… मुझे चांद की ग्रैविटी महसूस हो रही है।

इस तस्वीर में चंद्रमा के क्रेटर्स साफ-साफ दिख रहे हैं।

इस तस्वीर में चंद्रमा के क्रेटर्स साफ-साफ दिख रहे हैं।

14 जुलाई को लॉन्चिंग के साथ चंद्रमा की ओर सफर शुरू हुआ था
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान को स्पेस में भेजा गया।

14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को स्पेस में भेजा गया था।

14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को स्पेस में भेजा गया था।

PM मोदी ने लैंडिंग पॉइंट को शिव-शक्ति नाम दिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार सुबह ISRO के कमांड सेंटर में चंद्रयान-3 टीम के वैज्ञानिकों से मिले। यहां उन्होंने 3 घोषणाएं कीं। पहली- 23 अगस्त को हर साल भारत नेशनल स्पेस डे मनाएगा। दूसरा- चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा, वह जगह शिव-शक्ति पॉइंट कहलाएगी। तीसरी- चांद पर जिस जगह चंद्रयान-2 के पद चिन्ह हैं, उस पॉइंट का नाम ‘तिरंगा’ होगा।

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