केंद्र की MSP कमेटी पर घमासान: SKM नेता बोले- पंजाब, हरियाणा और UP सरकार का प्रतिनिधि नहीं; आंदोलन में यहीं से ज्यादा किसान थे

चंडीगढ़एक घंटा पहले

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केंद्र सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कमेटी पर घमासान छिड़ गया है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कमेटी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसमें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं। इन्हीं राज्यों में सबसे ज्यादा खेती होती है। आंदोलन में सबसे ज्यादा किसान यहीं से थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह कमेटी MSP के लिए नहीं है। पहले से मिल रही MSP को और प्रभावशाली बनाने के लिए बनाई गई है। इस कमेटी के पास MSP को कानूनी गारंटी देने की भी पावर नहीं है। स्वामीनाथन की तरह यह कमेटी भी सिर्फ कागजी साबित होगी। किसानों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है।

कमेटी सिर्फ कागजों में रह जाएगी : लक्खोवाल
किसान नेता हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि हमने ऐसी कमेटी की मांग नहीं की थी। हमने सिर्फ MSP पर आधारित कमेटी मांगी थी। कमेटी का समय क्या होगा?, क्या अधिकार होंगे? इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया। यह कमेटी MSP पर कोई काम नहीं कर पाएगी। यह कमेटी सिर्फ कागजों में रह जाएगी। आने वाले दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) की मीटिंग बुलाकर कमेटी में जाने या न जाने के बारे में फैसला लेंगे।

सरकार रिपोर्ट लागू करेगी या नहीं, इसका पता नहीं : योगेंद्र यादव
SKM नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने कहा था कि MSP पर अलग कमेटी बनाने को कहा था। नई कमेटी में एमएसपी, कुदरती खेती और फसली विभिन्नताकरण को भी जोड़ दिया गया है। कुदरती खेती के लिए पहले से कमेटी बनी है। इस नोटिफिकेशन में कहीं नहीं लिखा कि कमेटी कितने समय में रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट लागू करना अनिवार्य होगा या नहीं, इसके बारे में कोई चर्चा नहीं है।

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