एयरफोर्स के बेड़े में शामिल होंगे स्वदेशी विमान: विदेश से फाइटर जेट बनाने की टेक्नोलॉजी लेकर, भारत में निर्माण होगा

नई दिल्ली13 घंटे पहलेलेखक: मुकेश कौशिक

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इस डील में अनिवार्यता की स्वीकार्यता यानी एक्सपेंटेंस ऑफ नेसेसिटी (AON) पर रक्षा मंत्रालय की मुहर लगनी बाकी है। - Dainik Bhaskar

इस डील में अनिवार्यता की स्वीकार्यता यानी एक्सपेंटेंस ऑफ नेसेसिटी (AON) पर रक्षा मंत्रालय की मुहर लगनी बाकी है।

भारतीय वायुसेना अब अपने लड़ाकू विमानों के बेड़े में विदेशों में बने जेट शामिल नहीं करेगी। वायुसेना इस वक्त 114 लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया में है।

वायु सेना सूत्रों ने भास्कर को बताया कि इन विमानों को टेक्नोलाॅजी हस्तांतरण के जरिए भारत में ही बनाना होगा। इस डील में अनिवार्यता की स्वीकार्यता यानी एक्सपेंटेंस ऑफ नेसेसिटी (AON) पर रक्षा मंत्रालय की मुहर लगनी बाकी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कई बार आत्मनिर्भरता को लेकर वायुसेना से आग्रह कर चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है कि आने वाले समय में भारत में ही बने फाइटर जेट्स का उपयोग किया जाएगा।

नौसेना स्वदेशी जेट्स इस्तेमाल करने का फैसला पहले ही कर चुकी

यह LAC तेजस विमान है, जो टू-सीटर है और ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि इमरजेंसी में यह फाइटर जेट का काम कर सकता है।

यह LAC तेजस विमान है, जो टू-सीटर है और ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि इमरजेंसी में यह फाइटर जेट का काम कर सकता है।

विदेशी सौदों के लिए मंत्रालय यह तय करता है कि ये प्लेटफॉर्म बाहर से मंगाना जरूरी है या नहीं। वायुसेना के सैद्धांतिक फैसले को देखते हुए अब AON मिलने का रास्ता आसान हो गया है। बता दें नौसेना स्वदेशी जेट्स इस्तेमाल करने का फैसला पहले ही कर चुकी है उसके जंगी पोत भी देश में ही बनाए जाएंगे।

HAL की नागपुर यूनिट में सालाना 24 LCA मार्क-2 बनाने की तैयारी
पिछले सप्ताह मिग-21 के दो स्क्वाड्रन सेवा से बाहर हो गए। इसके बाद वायुसेना ने बेड़े में LCA मार्क-2 के 97 जेट शामिल करना तय किया। इस खरीदी के फैसले में स्पष्ट संकेत हैं कि वायुसेना आत्म निर्भरता के रास्ते पर बढ़ रही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) इस ऑर्डर को जल्द पूरा करने के लिए नागपुर में सालाना 24 विमान बनाने की क्षमता बढ़ा रही है।

इसके अलावा राफेल फाइटर के 2 स्क्वाड्रन के सौदे के बादवायु सेना ने अपनी ही धरती पर बने फाइटर प्लेन उड़ाने का फैसला लिया है। वायु सेना ने 48 हजार करोड़ रु. के सौदे के तहत 83 तेजस मार्क-1 खरीदने के फैसला किया था। उसके बाद 97 LCA खरीदने को मंजूरी दी गई।

भारतीय सेना के पास LCA तेजस का एक एडवांस वर्जन मार्क-1A भी मौजूद है। यह एक फाइटर जेट है। जो 2205 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ता है और 6 तरह की मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है।

भारत के पास फिलहाल 31 तेजस मार्क-1A विमान, कुछ कश्मीर में तैनात
30 जुलाई को एयर फोर्स ने जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा एयरबेस पर हल्के लड़ाकू विमान तेजस MK-1 को तैनात किया है। सेना का कहना है कि उसके पायलट्स घाटी में उड़ान की प्रैक्टिस कर रहे हैं।

कश्मीर, पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान के लिहाज से संवेदनशील है। तेजस MK-1 मल्टीरोल हल्का लड़ाकू विमान है जो वायु सेना को कश्मीर के जंगल और पहाड़ी इलाकों में और मजबूत करेगा।

भारतीय वायु सेना के पास मौजूदा वक्त में 31 तेजस विमान हैं। सेना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अपने विमानों को पहले भी ले जाती रही है, ताकि उन्हें हिमालय की घाटियों में उड़ान भरने का एक्सपीरियंस मिलता रहे।

अपनी 4 खूबियों की वजह से बाकी फाइटर जेट से अलग है तेजस
इस समय भारतीय वायु सेना के बेड़े में जो टॉप फाइटर जेट हैं उनमें सुखोई Su-30MKI, राफेल, मिराज, MiG-29 और तेजस का नाम शामिल है। तेजस अपनी इन खूबियों की वजह से बाकी के चारों फाइटर जेट से अलग और खास है…

  • पहला: इस विमान के 50% कलपुर्जे यानी मशीनरी भारत में ही तैयार हुई है।
  • दूसरा: इसमें इजराइल के EL/M-2052 रडार को लगाया गया है। इससे यह एक साथ 10 लक्ष्यों को ट्रैक कर उन पर निशाना साधने में सक्षम है।
  • तीसरा: बेहद कम जगह यानी 460 मीटर के रनवे पर टेकऑफ करने की क्षमता।
  • चौथा: यह फाइटर जेट सुखोई, राफेल, मिराज और मिग से हल्का है। इसका वजन 6500 किलो है।

आखिर एयरफोर्स को तेजस की जरूरत क्यों पड़ी?
पिछले पांच दशकों में 400 से ज्यादा MiG-21 विमानों के क्रैश होने की वजह से भारत सरकार इसे रिप्लेस करना चाह रही थी। तेजस इसी MiG-21 की जगह लेने में कामयाब हुआ है। इस विमान का वेट कम होने की वजह से यह समुद्री पोतों पर भी आसानी से लैंड और टेक ऑफ कर सकता है। यही नहीं, इसकी हथियार ले जाने की क्षमता MiG-21 से दोगुना है। तेजस की रफ्तार 2205 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो कि राफेल से 300 किलोमीटर प्रति घंटा ज्यादा है।

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भारत के फाइटर जेट को खरीदना चाहता है अमेरिका

1965 की जंग में अचानक किए गए पाकिस्तानी एयरफोर्स के हमले में भारत के 35 फाइटर जेट धराशायी हो गए थे। यही नहीं लड़ाकू विमानों में GPS, रडार नहीं लगे होने की वजह से स्क्वॉड्रन लीडर विलियम ग्रीन भारत के बजाय पाकिस्तान में लैंड कर गए थे। पूरी खबर पढ़ें …

वायु सेना में तेजस मार्क-2 के 6 स्क्वाड्रन बनेंगे

​​​​​​देश में बने फाइटर एयरक्राफ्ट तेजस का एडवांस्ड वर्जन जल्द ही वायु सेना की ताकत बढ़ाएगा। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के एडवांस्ड वर्जन तेजस मार्क-2 के छह स्क्वॉड्रन बनाए जाएंगे। एयरफोर्स इनके लिए जरूरी 108 प्लेन खरीदने का फैसला कर चुकी है। पूरी खबर पढ़ें …

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