UPSC एग्जाम नहीं करवाना चाहती मणिपुर सरकार:: दिल्ली हाईकोर्ट से कहा- सेंटर राज्य से बाहर बनाए जाएं; राज्य में माहौल अभी शांत नहीं

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नई दिल्ली6 मिनट पहले

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मणिपुर सरकार ने कहा है कि वह परीक्षा देने जाने वाले कैंडिडेट्स को सेंटर तक आने-जाने में लगने वाला खर्च देने को तैयार है। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

मणिपुर सरकार ने कहा है कि वह परीक्षा देने जाने वाले कैंडिडेट्स को सेंटर तक आने-जाने में लगने वाला खर्च देने को तैयार है। (फाइल फोटो)

मणिपुर सरकार 2024 में होने वाली UPSC की परीक्षा अपने राज्य के बाहर करवाना चाहती है। राज्य सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि वह 26 मई को होने वाली UPSC प्री एग्जाम राज्य से बाहर रखने के पक्ष में है।

मणिपुर सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार परीक्षा देने जाने वाले कैंडिडेट्स को एग्जाम सेंटर तक आने-जाने का खर्च मुहैया कराएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।

स्टूडेंट्स फेडरेशन की मांग : राज्य में ही हो परीक्षा

जोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने भी पिछले हफ्ते हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें राज्य के चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में एग्जाम कराने की मांग की गई थी। साथ ही सिविल सर्विसेज के उम्मीदवारों को अपनी पसंद का सेंटर चुनने के लिए ऐप्लीकेशन विंडो को फिर से खोलने की मांग की गई थी।

आर्थिक मदद भी करेगी सरकार
मणिपुर सरकार के वकील ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव ने उन्हें एक लेटर लिखा था। जिसमें कहा गया है कि राज्य के हालात को देखते हुए और परीक्षा की गरिमा बनाए रखने के लिए एग्जाम सेंटर बाहर होना चाहिए। लेटर में यह भी सुझाव दिया गया था कि मणिपुर में जिन छात्रों को सिविल सर्विसेज की परीक्षा देनी है, उन्हें राज्य के बाहर सेंटर और आर्थिक मदद दी जाए।

तीन लेटर लिखने के बाद भी नहीं मिला कोई जवाब
UPSC के वकील ने कोर्ट को बताया था कि आयोग तीन जिलों (चुराचांदपुर, कांगपोकपी और उखरुल) में एग्जाम सेंटर बनाने के लिए मणिपुर के मुख्य सचिव को पहले ही तीन लेटर लिख चुका है। हालांकि मुख्य सचिव ने इसका कोई भी जवाब नहीं दिया है।

मई 2023 से मणिपुर में हिंसा जारी
दरअसल, मणिपुर हाईकोर्ट के 27 मार्च 2023 के एक आदेश के बाद मई में राज्य में हिंसा शुरू हुई, जो अब भी जारी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को ST का दर्जा देने पर विचार करने की सलाह दी थी। हालांकि 22 फरवरी 2024 में हाईकोर्ट ने अपने आदेश से वह पैरा हटा दिया, जिसमें मैतेई समुदाय को ST का दर्जा देने की सलाह दी गई थी।

राज्य में 3 मई 2023 से शुरू हुई हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

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