SYL नहर विवाद फिर उभरा: केंद्र का आरोप- पंजाब सहयोग नहीं कर रहा; SC ने एक महीने में मीटिंग कर रिपोर्ट मांगी

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चंडीगढ़6 घंटे पहले

पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद की वजह सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर पर सियासी संग्राम छिड़ना शुरू हो गया है। मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें केंद्र सरकार ने आरोप लगाया कि पंजाब इसमें सहयोग नहीं कर रहा। इस संबंध में अप्रैल महीने में पंजाब के CM को पत्र भेजा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को कहा कि इस मुद्दे पर एक महीने के भीतर पंजाब और हरियाणा से मीटिंग करें। जिसमें मुद्दे के हल पर विचार करें। इसकी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में सौंपे। इसकी अगली सुनवाई 19 जनवरी 2023 को होगी।

फिलहाल SYL नहर का काम बंद पड़ा है।

फिलहाल SYL नहर का काम बंद पड़ा है।

AAP के लिए इम्तिहान की घड़ी
आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए यह बड़े इम्तिहान की घड़ी है। पंजाब में उनकी सरकार है। वहीं हरियाणा में वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनके ही सांसद ने SYL का पानी हरियाणा में लाने का वादा किया था। इस मुद्दे पर अगर AAP सरकार ढीली पड़ी तो पंजाब में विरोध होगा। अगर हरियाणा के हक में खड़े नहीं हुए तो अगले चुनावों में नुकसान होगा। कल AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान हिसार में रहेंगे, जहां इस मुद्दे पर उनके सामने सवाल खड़े होंगे।

ऐसे बढ़ा SYL नहर का विवाद
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी। वहीं केंद्र में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुआई वाली सरकार थी। जिन्होंने यह नहर बना पानी बांटने का फैसला किया। 1982 में विवाद तब बढ़ा जब पटियाला के कपूरी में SYL नहर बनाने का उद्घाटन कर दिया गया।

1985 में राजीव लौंगोवाल समझौता हुआ। उसमें भी ट्रिब्यूनल बना लेकिन मामला हल नहीं हुआ। जब नहर का निर्माण शुरू हुआ तो तब इसके इंजीनियर्स का कत्ल कर दिया गया। जिसके बाद इसका काम रुक गया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।

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