SC की ED को फटकार-बदला लेने की नीयत न रखें: आपसे निष्पक्षता की उम्मीद; कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में दो अरेस्ट कैंसिल कीं

नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) को फटकार लगाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामलों में अरेस्ट को कैंसिल कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी को पूरी निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए और बदला लेने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने ये बात मंगलवार को गुरुग्राम के एक रियल्टी ग्रुप M3M के डायरेक्टर्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। बसंत बंसल और पंकज बंसल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके अपने अरेस्ट को चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

ED ने एक केस में पूछताछ की, दूसरे में गिरफ्तार किया
कोर्ट के आदेश की कॉपी बुधवार को जारी की गई। इसके मुताबिक, कोर्ट ने टिप्पणी की कि बसंत और पंकज बंसल को 14 जून को पूछताछ के लिए ED दफ्तर बुलाया गया था, जबकि ED की तरफ से रजिस्टर किए गए किसी और केस में दोनों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि ED का हर एक्शन पारदर्शी, ईमानदार और कार्रवाई के सबसे ऊंचे और पुराने स्तर के मुताबिक होगा। लेकिन, इस केस में तथ्य बताते हैं कि एजेंसी अपनी जिम्मेदारी निभाने और अपनी शक्ति का सही इस्तेमाल करने में नाकाम रही है।

जजों ने कहा कि ईडी से ये उम्मीद नहीं की जाती है कि वह अपने आचरण में बदले की भावना रखेगा, बल्कि ये उम्मीद रखी जाती है कि वह हमेशा सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता से काम करेगा।

आरोपी अगर जवाब न दे पाए, तो ये गिरफ्तार करने के लिए काफी नहीं है
आरोपियों से जो सवाल पूछे गए, अगर वे उनका जवाब नहीं दे पाते हैं, तो ये उन्हें गिरफ्तार करने के लिए काफी नहीं है। जिस व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुलाया गया है, उससे ये उम्मीद रखना कि वह गुनाह कबूल लेगा, इसका ED को कोई अधिकार नहीं है।