RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा नागपुर में शुरू: 1500 से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल, 17 मार्च तक चलेगी बैठक; संदेशखाली सबसे बड़ा मुद्दा

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नागपुर11 घंटे पहलेलेखक: संध्या द्विवेदी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक आज से नागपुर में शुरू हो गई है। - Dainik Bhaskar

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक आज से नागपुर में शुरू हो गई है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुक्रवार (15 मार्च) से नागपुर में शुरू हो गई है। ये बैठक 17 मार्च तक होगी। हर 3 साल में होने वाली ये मीटिंग इस बार 6 साल में हो रही है। कोरोना की वजह से 2021 में इसे टाल दिया गया था।

बैठक की शुरुआत सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने की। इन दौरान दोनों ने भारत माता की तस्वीर पर फूल चढ़ाए। यह बैठक नागपुर में रेशिम बाग स्मृति मन्दिर परिसर में हो रही है। इसमें 45 प्रांतों से 1500 से ज्यादा कार्यकर्ता मौजूद हैं।

संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि RSS के पहले सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने कहा था कि संघ सम्पूर्ण समाज का संगठन है। इसका अनुभव हम बीते 99 सालों से कर रहे हैं। साल 2017 से 2024 तक संघ कार्य के विस्तार का आकलन करने से इसकी व्यापकता ध्यान में आती है। देश के 99 प्रतिशत जिलों में संघ का कार्य चल रहा है।

बैठक की तीन तस्वीरें…

भारत माता की तस्वीर पर फूल मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबाले ने फूल चढ़ाए।

भारत माता की तस्वीर पर फूल मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबाले ने फूल चढ़ाए।

बैठक में 45 प्रांतों से 1500 से ज्यादा RSS कार्यकर्ता शामिल हुए हैं।

बैठक में 45 प्रांतों से 1500 से ज्यादा RSS कार्यकर्ता शामिल हुए हैं।

महिलाएं भी इस RSS की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचीं ।

महिलाएं भी इस RSS की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचीं ।

बैठक का एजेंडा संदेशखाली की घटना
कयास लगाए जा रहे हैं कि मीटिंग का मेन एजेंडा लोकसभा चुनाव होगा, लेकिन दैनिक भास्कर के सूत्र बता रहे हैं कि मेन एजेंडा चुनाव नहीं, बल्कि संदेशखाली की घटना है।

RSS के एक और सूत्र ने इस बारे में डिटेल में बताया। वे कहते हैं, ‘RSS दूरगामी योजनाओं पर काम करता है। लोकसभा चुनाव पर 3 साल से चर्चा हो रही है। संघ के स्तर पर चुनाव की प्लानिंग बहुत पहले हो चुकी है और उसे जमीन पर भी उतारा जा चुका है। संघ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक संगठन है। इसलिए ये सिर्फ चुनाव के वक्त एक्टिव नहीं होता। उसे समाज में जो बदलाव लाना होता है, उसकी योजना कई साल पहले बना ली जाती है।’

सूत्र के मुताबिक, संदेशखाली के बाद दूसरा बड़ा एजेंडा राम मंदिर का होगा। इसके अलावा मणिपुर हिंसा और संगठन के प्रचार-प्रसार की योजना पर बात होगी। बैठक में एक और बड़ा फैसला सरकार्यवाह के चुनाव पर होगा। अभी इस पद पर दत्तात्रेय होसबाले हैं।

संदेशखाली पर मंथन, महिलाओं को जोड़ने का प्लान बनेगा

RSS के जानकारों के मुताबिक, ये सिर्फ चुनाव के वक्त एक्टिव नहीं होता। उसे समाज में जो बदलाव लाना होता है, उसकी योजना कई साल पहले बना ली जाती है।

RSS के जानकारों के मुताबिक, ये सिर्फ चुनाव के वक्त एक्टिव नहीं होता। उसे समाज में जो बदलाव लाना होता है, उसकी योजना कई साल पहले बना ली जाती है।

सूत्र के मुताबिक, RSS संदेशखाली और आसपास के इलाके में महिलाओं तक सीधे पहुंचने के लिए संघ की विचारधारा पर काम करने वाले महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति को एक्टिव कर सकता है।

वहां जिस तरह महिलाओं के खिलाफ रेप-गैंगरेप के मामले सामने आए, उसे देखते हुए संदेशखाली ही नहीं, बल्कि बंगाल के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में महिला शाखा लगाने का प्रस्ताव भी आ सकता है।

इसका मकसद है कि महिलाएं रोज न सही तो कम से कम हफ्ते में एक बार एक जगह मिलें और किसी समस्या पर बात कर सकें। संघ के कैरीकुलम में महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग की भी प्लानिंग की जा सकती है। इसमें लाठी चलाना और व्यायाम प्रमुख होगा।

संघ में इस बात की चर्चा है कि संदेशखाली सिर्फ एक मामला है, जो ED की रेड की वजह से सामने आ गया। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली जैसे दूरदराज वाले इलाकों में ऐसे मामले और हो सकते हैं। शहर से कटे एरिया में संदेशखाली की तरह कई गैंग एक्टिव होंगे, जो ऐसे काम कर रहे होंगे। वहां लोग डर की वजह से चुप हैं। इसलिए बंगाल में महिला शाखा, विश्व हिंदू परिषद और उसके कुछ और संगठन एक्टिव होंगे।

बैठक में आने वाले बड़े प्रस्ताव
1. राम मंदिर जैसे धार्मिक आंदोलनों को राजनीतिक बनाने से रोकने पर चर्चा
बैठक का दूसरा बड़ा एजेंडा राम मंदिर होगा। कार्यक्रम शुरू होने से पहले भी संघ ने प्रेस ब्रीफिंग में इसकी चर्चा की थी। दरअसल, राम मंदिर दशकों से संघ के प्रमुख एजेंडे में था। उसके संगठन विश्व हिंदू परिषद की राममंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका रही। लिहाजा राम मंदिर आंदोलन के परिणाम और उसके पूरा होने पर चर्चा होगी।

इस पर एक प्रस्ताव भी लाया जाएगा। सूत्र के मुताबिक, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के सामाजिक-धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक बनने की वजह से संघ का एक धड़ा नाराज है। ये नाराजगी आयोजन के दौरान राजनीतिक हस्तियों के केंद्र में आने को लेकर भी है।

इस बात पर चर्चा के साथ ही, ये भी तय किया जाएगा कि भविष्य में दोबारा ऐसा न हो, क्योंकि मथुरा और काशी पर फैसला आना बाकी है। धार्मिक-सामाजिक आंदोलनों को राजनीतिक बनने से रोकने के लिए चर्चा होगी और इस पर प्रस्ताव भी लाया जाएगा।

इसी में मंदिर मुक्ति आंदोलन तेज करने का प्रस्ताव भी शामिल किया जा सकता है। दरअसल देशभर में मंदिर सरकारी कब्जे में हैं। इस पर दक्षिण के राज्यों में हिंदू संगठन आंदोलन चला रहे हैं। इस आंदोलन को योजना बनाकर आगे बढ़ाने की की रणनीति बनेगी।

संघ की बैठक में धार्मिक-सामाजिक आंदोलनों को राजनीतिक बनने से रोकने के लिए चर्चा होगी और इस पर प्रस्ताव भी लाया जाएगा।

संघ की बैठक में धार्मिक-सामाजिक आंदोलनों को राजनीतिक बनने से रोकने के लिए चर्चा होगी और इस पर प्रस्ताव भी लाया जाएगा।

2. VHP और RSS के बीच कोऑर्डिनेशन को और मजबूत बनाने का प्लान
सूत्र के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद और संघ के बीच कोआर्डिनेशन का काम सुरेश भैयाजी जोशी के जिम्मे है। अब कोऑर्डिनेशन को और मजबूत करने के लिए किसी एक पदाधिकारी की नियुक्ति होगी। वो विश्व हिंदू परिषद की हर बैठक और आयोजन में ऑब्जर्वर की तरह शामिल होगा।

इस बात की भी चर्चा होगी कि राम मंदिर आंदोलन का पॉजिटिव रिजल्ट आ चुका है। विश्व हिंदू परिषद को ही इसका श्रेय जाता है, क्योंकि आंदोलन की शुरुआत VHP ने ही की थी। लगातार आंदोलन को चलाए रखा। अब ये काम पूरा हो गया है। लिहाजा अब VHP के लिए किसी नए और बड़े टारगेट की योजना पर भी काम हो सकता है। हो सकता है मंदिर मुक्ति आंदोलन इस श्रेणी में रखा जाए।

3. मणिपुर में ग्राउंड जीरो पर काम की रणनीति बनेगी
नॉर्थ ईस्ट में संघ कई दशकों से एक्टिव है। मणिपुर भी इसमें शामिल है। संघ इस पर काम कर रहा है कि मणिपुर में दो समुदायों के बीच में चल रही हिंसा और बॉर्डर पार से गैरकानूनी आवाजाही पर कैसे रोक लगे।

दत्तात्रेय होसबाले फिर बन सकते हैं सरकार्यवाह

दत्तात्रेय होसबाले संघ के सरकार्यवाह हैं।

दत्तात्रेय होसबाले संघ के सरकार्यवाह हैं।

RSS की बैठक में सरकार्यवाह का चुनाव भी होना है। ये पद 3 साल के लिए होता है। सूत्र के मुताबिक, इस पर चर्चा हो चुकी है। उम्मीद है कि दत्तात्रेय होसबाले ही दोबारा इस पद के लिए चुने जाएंगे।

क्या कुछ और बड़े नाम भी लिस्ट में है? सूत्र बताते हैं, ‘ये चुनावी साल है। लिहाजा किसी और दूसरे नाम को लेकर फिलहाल चर्चा नहीं हुई है। दत्तात्रेय होसबाले की उम्र अभी 69 साल है। लिहाजा दत्तात्रेय को ये पद दोबारा मिल सकता है।

संगठन और शाखा का विस्तार
RSS ने 2023 में देशभर में 68 हजार शाखाएं लगाने का लक्ष्य रखा था। मीटिंग में शाखाओं की समीक्षा और आगे की रणनीति पर योजना बनेगी। शाखाओं की संख्या बढ़ाकर एक लाख की जानी है। समाज के हर स्तर तक जाकर शाखा के विस्तार की योजना बनेगी।

महिलाओं की सक्रिय भूमिका और उनकी शाखाओं की प्लानिंग पर भी चर्चा होगी। महिलाओं के बीच संघ की पहुंच मजबूत करने के लिए भी शाखाओं को विस्तार देने की योजना पर कई साल से काम हो रहा है।

इसके अलावा अहिल्याबाई होल्कर की जन्मशती के 300 साल पूरे होने पर मई, 2024 से अप्रैल 2025 तक कार्यक्रम किए जाएंगे। संघ के 100 साल 2025 में विजयदशमी पर पूरे हो जाएंगे। शताब्दी वर्ष मनाने की योजना पर भी रणनीति बनेगी।

बैठक में 1500 से ज्यादा लोग शामिल होंगे
RSS की बैठक में 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। पिछली बार भी इतने ही लोग शामिल हुए थे। इनमें प्रांत स्तर के पदाधिकारी और संघ के 36 आनुषांगिक संगठनों के मुखिया शामिल होंगे। VHP, मजदूर संघ, BJP, वनवासी कल्याण समिति समेत अन्य संगठनों के अध्यक्ष और उनके समकक्ष लोग शामिल होंगे। BJP से अध्यक्ष जेपी नड्‌डा और संगठन मंत्री बैठक में रहेंगे।

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