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- Shivraj Chouhan Kamal Nath; MP Municipal Election End result 2022 LIVE Counting Replace | (BJP Congress) Ratlam Morena Rewa Katni Dewas
भोपाल6 घंटे पहले
नगरीय निकाय चुनाव की तस्वीर साफ हो गई और यह भाजपा के लिए एक हद तक सुकूनभरा पल है। उसके लिए जश्न का मौका बन गया है। उसने 347 निकायों में से 256 (सक्सेस रेट 74%) में बढ़त दर्ज की है। पर सात बड़े शहरों में हार ने इस उत्साह को थोड़ा फीका कर दिया है। कांग्रेस ने 58 निकाय में बढ़त ली है। उसका सक्सेस रेट 18% ही रहा।
भाजपा ने 16 नगर निगमों में से 9 जीत लिए हैं। कांग्रेस के खाते में 5 गए हैं। आम आदमी पार्टी ने 1 और 1 निर्दलीय महापौर बने हैं। पिछली बार उसने शहरों में कांग्रेस का सुपड़ा साफ किया था, एक भी सीट नहीं जीतने दी थी। विधानसभा चुनाव से पहले बड़े शहरों में जीत कांग्रेस का कम बैक कहा जा रहा है।
नगर पालिका में भाजपा का 76 में से 57 पर कब्जा
नगर पालिका की बात करें तो उसने 76 में से 57 पर कब्जा जमाने का मौका है जो कि पिछली बार से 4 सीट ज्यादा है। कांग्रेस के लिए कोई चेंज नहीं रहा। वह पहले भी 18 नगर पालिकाएं जीती थीं, इस बार भी यही आंकड़ा रहा। निर्दलीयों और तीसरे मोर्चे को इस बार सिर्फ 1 नगर पालिका में बहुमत मिला है। इनमें कई सीटें अभी भी फंसी हुई हैं क्योंकि अधिकतर जगह निर्दलीय ही निर्णायक हैं। वे जिसके साथ जाएंगे, अध्यक्ष उसका होगा।
नगर परिषदों में 255 में से 190 पर भाजपा का कब्जा
नगर परिषदों में 255 में से 190 पर भाजपा का कब्जा है। यह पिछली बार से 43 ज्यादा है। यह आंकड़ा इतना बड़ा होने की एक वजह 29 नई नगर परिषदें जुड़ना भी है। इनमें भी अधिकतर पर भाजपा की जीत हुई है। कांग्रेस नगर परिषदों में 60 से घटकर 35 पर आ गई है। निर्दलीय और तीसरे मोर्चे का बहुमत 30 सीटों पर दिखा है, यह पहले 45 हुआ करता था। यहां भी कई सीटें अभी भी फंसी हुई हैं क्योंकि अधिकतर जगह निर्दलीय ही निर्णायक हैं। वे जिसके साथ जाएंगे, अध्यक्ष उसका ही होगा।
क्या कहते हैं यह नतीजे
बड़े शहरों ने जरूर उसे अलॉर्म देकर चौंकाया है। यहां उसका सक्सेस रेट 100% था जो घटकर 56% पर आ गया है।
विंध्य से रीवा, ग्वालियर, चंबल में मुरैना जैसे शहरों में बड़े शहर भाजपा गंवा बैठी तो मालवा-निमाड़ के उज्जैन, बुरहानपुर जैसे शहरों में जैसे-तैसे जीत सकी है।
कस्बों में भाजपा की लोकप्रियता बरकरार है और बढ़ी भी है। नगर परिषद में सक्सेस रेट 75% तक पहुंच गया है। यह पिछले चुनाव में 65% ही था।
छोटे शहरों की नगर पालिकाओं में भी सक्सेस रेट 75% तक पहुंच गया है। यह पिछले चुनाव में 71% था।
सबसे चौंकाने वाला नतीजा सिंगरौली और कटनी का
मध्यप्रदेश में ‘शहर सरकार’ की तस्वीर साफ हो गई है। 16 नगर निगमों में बीजेपी के 9, कांग्रेस के 5 महापौर प्रत्याशी जीते हैं। सबसे चौंकाने वाला नतीजा सिंगरौली और कटनी का रहा। सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की मेयर बनीं। कटनी में जनता ने बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ीं प्रत्याशी को मेयर चुना।
इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ है। पिछली बार से भाजपा को इस बार 7 सीट गंवाना पड़ी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने गढ़ नहीं बचा पाए। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। CM शिवराज सिंह चौहान के दो सभा करने के बाद भी रीवा में कांग्रेस का मेयर बन गया। हालांकि, निगम बोर्ड में भाजपा का ही दबदबा है। 16 में 14 निगम बोर्ड में भाजपा के बनने तय हैं, 2 में कांग्रेस बोर्ड बना सकती है, लेकिन भाजपा जोड़तोड़ कर बोर्ड बनाने की कोशिश में है।
मेयर चुनाव में कांग्रेस के तीन वर्तमान विधायकों को भी हार का सामना करना पड़ा।
खबर में आगे बढ़ने से पहले जानिए, कहां से कौन कितने वोट से जीता…
नगर निगम |
कौन जीता (कितने वोट मिले) |
पार्टी | कितने वोट से जीते | किसे हराया (कितने वोट मिले) | पार्टी |
भोपाल | मालती राय (461335) | भाजपा | 98847 | विभा पटेल (362488) | कांग्रेस |
इंदौर | पुष्यमित्र भार्गव (593856) | भाजपा | 133497 | संजय शुक्ला (460359) | कांग्रेस |
जबलपुर | जगत बहादुर सिंह (293192) | कांग्रेस | 44339 | डॉ. जितेंद्र जामदार (248853) | भाजपा |
ग्वालियर | शोभा सिकरवार (235154) | कांग्रेस | 28805 | सुमन शर्मा (206349) | भाजपा |
उज्जैन | मुकेश टटवाल (134094) | भाजपा | 736 | महेश परमार (133358) | कांग्रेस |
छिंदवाड़ा | विक्रम अहाके (64363) | कांग्रेस | 3786 | अनंत धुर्वे (60577) | भाजपा |
सागर | संगीता तिवारी (70653) | भाजपा | 12714 | निधि जैन (57939) | कांग्रेस |
सिंगरौली | रानी अग्रवाल (34585) | आप | 9352 | चंद्रप्रताप विश्वकर्ता (25233) | भाजपा |
सतना | योगेश ताम्रकार (63292) | भाजपा | 24916 | सिद्धार्थ कुशवाहा (38376) | कांग्रेस |
खंडवा | अमृता यादव (51916) | भाजपा | 19763 | आशा मिश्रा (32153) | कांग्रेस |
बुरहानपुर | माधुरी पटेल (52823) | भाजपा | 542 | शहनाज अंसारी (52281) | कांग्रेस |
रीवा | अजय मिश्रा (48011) | कांग्रेस | 10301 | प्रबोध व्यास (37710) | भाजपा |
रतलाम | प्रहलाद पटेल (76237) | भाजपा | 8591 | मयंक सिंह जाट(67646) | कांग्रेस |
मुरैना | शारदा सोलंकी (54,277) | कांग्रेस | 12874 | मीना जाटव (41403) | भाजपा |
देवास | गीता अग्रवाल (89502) | भाजपा | 45884 | विनोदनी व्यास (43618) | कांग्रेस |
कटनी | प्रीति सूरी (45648) | निर्दलीय | 5287 | ज्योति दीक्षित (40361) | भाजपा |
मध्य प्रदेश में 16 नगर निगमों के लिए दो चरणों में 6 जुलाई और 13 जुलाई चुनाव हुए थे। पहले चरण (11 निगम) के नतीजे 17 जुलाई को आए थे। आज दूसरे चरण (5 निगम) के नतीजे आए। जानते हैं …
4 महानगरों में 2-2 मेयर सीट भाजपा-कांग्रेस को
चारों महानगर भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में पहले चरण में वोट डाले गए थे। भोपाल से दो बार पार्षद का चुनाव हार चुकीं बीजेपी की मालती राय ने कांग्रेस की पूर्व महापौर विभा पटेल को हराया। इंदौर से पुष्यमित्र भार्गव जीते। मालती राय ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में जनता ने 56 साल बाद कांग्रेस का मेयर (शोभा सिकरवार) चुना। जबलपुर से भी कांग्रेस कैंडिडेट जगत बहादुर सिंह को जीत मिली।
सबसे छोटी और सबसे बड़ी जीत
इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव ने 133497 वोटों से जीत दर्ज की। सबसे छोटी जीत बुरहानपुर में बीजेपी की माधुरी पटेल ने 542 मतों से दर्ज की, जबकि यहां नोटा पर ही 677 वोट पड़े। भोपाल में नोटा पर सबसे ज्यादा 8295 वोट पड़े। बुरहानपुर में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। यहां कांग्रेस की हार का बड़ा फैक्टर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM है। AIMIM कैंडिडेट को बुरहानपुर से 10 हजार से ज्यादा वोट मिले।
छिंदवाड़ा के मेयर सबसे कम पैसे वाले
सबसे कम पैसे वाले मेयर में छिंदवाड़ा नगर निगम से कांग्रेस के महापौर विक्रम अहाके हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति 3 लाख रुपए बताई थी। 50 हजार का कर्ज भी था। इंदौर नगर निगम में कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला सबसे अमीर हैं, लेकिन वे चुनाव हार गए। उन्होंने नामांकन-पत्र में अपनी संपत्ति 170 करोड़ रुपए बताई थी।
आज यहां के नतीजे आए…
कटनी – सिंगरौली के नतीजों ने चौंकाया
निमम चुनाव में कटनी, सिंगरौली और बुरहानपुर के नतीजों ने चौंकाया है। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र कटनी में बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय मेयर चुनाव लड़ने वाली प्रीति सुरी को जनता ने चुना। यहां बीजेपी दूसरे, कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। सिंगरौली से आप ने एमपी में एंट्री की। सिंगरौली नगर निगम में ‘आप’ प्रत्याशी रानी से जीत गईं। भाजपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। सामान्य वर्ग की इस सीट पर भाजपा ने चंद्रप्रताप विश्वकर्मा को उम्मीदवार बनाकर ओबीसी कार्ड खेला था, जो फेल हो गया। यही एकमात्र सीट भी है, जहां आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल प्रचार के लिए पहुंचे थे।
कांग्रेस के तीन विधायक हारे
मेयर चुनाव में कांग्रेस ने तीन वर्तमान विधायकों को उतारा था। तीनों हार गए। इंदौर से संजय शुक्ला 133497 वोट से हारे। उज्जैन से महेश परमार 736 वोट से हार गए। सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा 24916 वोट से चुनाव हार गए।
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