Jharkhand Political Crisis: खतरे में CM सोरेन की कुर्सी, आज सीएम आवास पर महागठबंधन के विधायकों की होगी बैठक

ख़बर सुनें

अवैध खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुश्किल में हैं। उनकी विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। चुनाव आयोग की ओर से राज्यपाल को इस संबंध में अपनी राय भेजने के साथ ही झारखंड में सियासी हलचल बढ़ गई है। इसी बीच झारखंड की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि “हमने (झारखंड कांग्रेस के विधायकों को) झारखंड में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों और अटकलों को ध्यान में रखते हुए सभी विधायकों रांची में उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है। हमें (यूपीए विधायकों को) आज सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास पर एक और बैठक के लिए बुलाया गया है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि हर हाल में कांग्रेस झामुमो के साथ है। महागठबंधन किसी सूरत में नहीं टूटेगा। कांग्रेस का समर्थन जारी रहेगा।

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस के दिल्ली से रांची पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। संभव है कि शीघ्र ही इस फैसले से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत करा दिया जाएगा। भारत के निर्वाचन आयोग ने कहा है कि हेमंत सोरेन मामले में आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को अपना मंतव्य भेज दिया है।

झामुूमो ने कहा- सोरेन को अयोग्य ठहराने पर जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
झामुमो ने गुरुवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाता है तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। हालांकि, पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि उसके पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत है। हालांकि, तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन अचानक सुर्खियों में आ गई हैं। कहा गया है कि सोरेन को चुनाव लड़ने से रोके जाने की स्थिति में उन्हें जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजभवन के सूत्रों ने कहा कि माना जाता है कि चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से कहा है कि सोरेन ने खुद को खनन पट्टा देकर चुनावी मानदंडों का उल्लंघन किया है और इसके लिए विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।

विस्तार

अवैध खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुश्किल में हैं। उनकी विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। चुनाव आयोग की ओर से राज्यपाल को इस संबंध में अपनी राय भेजने के साथ ही झारखंड में सियासी हलचल बढ़ गई है। इसी बीच झारखंड की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि “हमने (झारखंड कांग्रेस के विधायकों को) झारखंड में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों और अटकलों को ध्यान में रखते हुए सभी विधायकों रांची में उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है। हमें (यूपीए विधायकों को) आज सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास पर एक और बैठक के लिए बुलाया गया है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि हर हाल में कांग्रेस झामुमो के साथ है। महागठबंधन किसी सूरत में नहीं टूटेगा। कांग्रेस का समर्थन जारी रहेगा।

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस के दिल्ली से रांची पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। संभव है कि शीघ्र ही इस फैसले से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत करा दिया जाएगा। भारत के निर्वाचन आयोग ने कहा है कि हेमंत सोरेन मामले में आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को अपना मंतव्य भेज दिया है।

झामुूमो ने कहा- सोरेन को अयोग्य ठहराने पर जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

झामुमो ने गुरुवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाता है तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। हालांकि, पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि उसके पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत है। हालांकि, तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन अचानक सुर्खियों में आ गई हैं। कहा गया है कि सोरेन को चुनाव लड़ने से रोके जाने की स्थिति में उन्हें जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजभवन के सूत्रों ने कहा कि माना जाता है कि चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से कहा है कि सोरेन ने खुद को खनन पट्टा देकर चुनावी मानदंडों का उल्लंघन किया है और इसके लिए विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।