ISRO ने लॉन्च की सिंगापुर की 7 सैटेलाइट: श्रीहरिकोटा से लॉन्चिंग हुई, PSLV-C56 रॉकेट की यह 58वीं उड़ान

श्रीहरिकोटा7 मिनट पहले

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DS-SAR  सैटेलाइट को सिंगापुर डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजेंसी और ST इंजीनियरिंग के सहयोग से तैयार किया गया है। - Dainik Bhaskar

DS-SAR सैटेलाइट को सिंगापुर डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी एजेंसी और ST इंजीनियरिंग के सहयोग से तैयार किया गया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर की सात सैटेलाइट को आज सुबह 6.30 बजे लॉन्च किया गया। यह लॉन्चिंग 44.4 मीटर लंबे PSLV-C56 रॉकेट से की गई है। PSLV की यह 58वीं उड़ान है।

रॉकेट अपने सात सात सैटेलाइट को लेकर गया है। जिसमें सबसे अहम DS-SAR सैटेलाइट है। साथ ही और छह अन्य उपग्रहों को भी छोड़ा गया है।

DS-SAR सैटेलाइट का क्या है काम
DS-SAR उपग्रह को सिंगापुर की रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी (DSTA) और सिंगापुर के ही ST इंजीनियरिंग के बीच साझेदारी के तहत डेवलप किया गया है। सिंगापुर सरकार की विभिन्न एजेंसियों की उपग्रह से प्राप्त होने वाली तस्वीरों संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए इस उपग्रह का उपयोग किया जाएगा।

ST इंजीनियरिंग अपने कमर्शियल कस्टमर्स को मल्टी-मॉडल एवं हाई क्वालिटी वाली तस्वीरें और जियो स्टेशनरी सर्विस मुहैया कराने के लिए इसका उपयोग करेगा। DS-SAR में ‘इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज’ (IAI) के डेवलप किए गए ‘सिंथेटिक अपर्चर रडार’ (SAR) पेलोड हैं। इसकी मदद से DS-SAR हर मौसम में दिन-रात में एक मीटर-रेजॉल्यूशन की तस्वीरें लेने में सक्षम हैं।

ये छह सैटेलाइट भी लॉन्च हुईं…

1. VELOX-AM: यह 23 किलोग्राम का टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर माइक्रोसैटेलाइट है। 2. ARCADE: यह भी एक प्रायोगिक सैटेलाइट है। 3. SCOOB-II: यह एक 3U नैनोसैटेलाइट है, ताकि एक खास तरह के टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन का टेस्ट किया जा सके। 4. NuLIoN: यह एक अत्याधुनिक 3U नैनोसैटेलाइट है। इसके जरिए बिना किसी बाधा के शहरों और सुदूर इलाकों में इंटरनेनट ऑफ थिंग्स की सुविधा प्रदान की जाएगी। 5. Galassia-2: यह भी एक 3U नैनोसैटेलाइट है, जिसे धरती की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। 6. ORB-12 STRIDER: यह इंटरनेशनल कोलैबोरेशन के तहत बनी सैटेलाइट है। इसे सिंगापुर की एलियेना पीटीई लिमिटेड कंपनी ने बनाया है।

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