5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान: इलेक्शन कमीशन की दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली5 मिनट पहले

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चुनाव आयोग पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीखों का आज ऐलान करने जा रहा है। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, आज दोपहर 12 बजे इलेक्शन कमीशन प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। जिसमें पांचों राज्यों में विधानसभा चुनावों का शेड्यूल जारी होगा।

पिछले विधानसभा चुनावों में 5 राज्यों में पार्टीवार क्या स्थिति थी…

2018 में मध्य प्रदेश में 15 महीने CM रहे कमलनाथ, इस्तीफे के बाद शिवराज बने मुख्यमंत्री
मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद काफी सियासी ड्रामा हुआ था। चुनाव रिजल्ट में कांग्रेस को भाजपा से पांच सीटें ज्यादा मिली थीं। कांग्रेस के पास 114 सीटें थी वहीं बीजेपी के खाते में 109 सीटें आईं थी। बसपा को दो और सपा को एक सीट पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने गठजोड़ करके बहुमत का 116 का आंकड़ा पा लिया और कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बन गए।

कांग्रेस की सरकार 15 महीने ही टिक पाई। दरअसल, कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इसमें 6 मंत्री शामिल थे। स्पीकर ने मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया। मगर फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ ने CM पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में भाजपा ने बागी विधायकों को मिलाकर अपने पास 127 विधायक कर लिए और सरकार बनाई। शिवराज सिंह चौहान चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।

25 सालों से राजस्थान में हर बार बदलती है सरकार, 2018 में गहलोत बने मुख्यमंत्री
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीट हैं। 2018 में यहां 199 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। अलवर की रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह का हार्टअटैक से निधन हो गया था। जिसके चलते एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। 199 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस को 99 सीट मिली थी। रालोद यहां कांग्रेस को समर्थन कर रही है, जिसके खाते में एक सीट आई है। इस तरह कांग्रेस को 100 सीटें मिली और सरकार बनाई।

बाद में 2019 में हुए रामगढ़ सीट के चुनाव में भी कांग्रेस की उम्मीदवार जीती जिससे कांग्रेस के पास 101 सीटें हो गई। कांग्रेस ने अशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया।

छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी, भूपेश बघेल सीएम बने
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की। 90 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव नतीजे में कांग्रेस को दो- तिहाई बहुमत मिला। भाजपा के खाते में जहां सिर्फ 15 सीटें आईं थी वहीं कांग्रेस को 68 सीटें मिली थीं। बाद में कुछ विधायकों ने पार्टी बदली।

मौजूदा वक्त में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 71 विधायक, भाजपा के पास 13 विधायक, बसपा के पास दो, तीन विधायक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी के हैं और एक रिक्त है। राज्य में मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं।

2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव में BJP को मिली थी सिर्फ एक सीट
तेलंगाना में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ एक सीट मिली थी। मौजूदा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी TRS (2022 को पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति से बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया) को सबसे ज्यादा 88 सीट मिली थीं। वहीं कांग्रेस के खाते में 19 सीटें आईं थी।

मौजूदा स्थिति की बात करें तो सत्ताधारी पार्टी के पास इस वक्त 119 विधानसभा सीटों में से 101 विधायक हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के पास 7 विधायक हैं। जबकि कांग्रेस के पास पांच, भाजपा के पास तीन, AIFB के पास एक, एक नॉमिनेटेड और एक निर्दलीय विधायक है।

मिजोरम में 10 साल बाद MNF की वापसी, भाजपा जीत पाई सिर्फ एक सीट
मिजोरम में 2018 विधानसभा चुनाव में 10 साल बाद मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) की वापसी हुई। कुल 40 सीटों पर हुए चुनाव में MNF को 26 सीटें मिलीं वही कांग्रेस के खाते में पांच सीटें आई। इसके अलावा जोरम पीपुल्स मूवमेंट को आठ सीटें मिलीं और एक सीट भाजपा के खाते में आई। सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट पार्टी ने जोरामथांगा को सीएम बनाया।

विधानसभा की मौजूदा स्थिति की बात करें तो मिजो नेशनल फ्रंट के पास इस समय 28 विधायक हैं। कांग्रेस के पास पांच, जोरम पीपुल्स मूवमेंट के पास एक, भाजपा के पास एक और पांच निर्दलीय हैं।

विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार का महिला दांव

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। चर्चा थी कि इस सेशन में वन नेशन-वन इलेक्शन से जुड़ा बिल पेश किया जा सकता है। मगर मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश कर सबको चौंका दिया।

सरकार ने इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया। यह बिल 20 सितंबर को लोकसभा में पेश हुआ जहां पक्ष में 454 वोट पड़े वहीं दो लोगों ने विरोध में वोट किया। वहीं 21 सितंबर को राज्यसभा में पूर्ण बहुमत से पास हुआ। आठ दिन बाद 29 सितंबर को बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई और यह कानून बन गया।

इस बिल के पास होने से मोदी सरकार को पांचों राज्यों में विधानसभा चुनावों में कितना फायदा होगा, यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि पांच राज्यों में से तीन राजस्थान, मध्यप्रदेश और तेलंगाना में महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा है।

INDIA गठबंधन बनने के बावजूद 3 राज्यों में कांग्रेस VS आप
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के खिलाफ AAP चुनाव लड़ रही है। बीजेपी के खिलाफ तैयार हुए विपक्षी गठबंधन INDIA में कांग्रेस और आप दोनों शामिल है। मगर विधानसभा चुनावों में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रही हैं।

2018 में आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में 85 (0.85 वोट प्रतिशत), मध्य प्रदेश में 208 (0.66 वोट प्रतिशत), राजस्थान में 142 (0.38 वोट प्रतिशत), तेलंगाना में 41 (0.06 वोट प्रतिशत) सीटों पर चुनाव लड़ी मगर कहीं भी जीत नहीं मिली। पिछले प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस को इन राज्यों में शायद ही आप से कोई नुकसान हो।