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हैदराबाद23 मिनट पहले
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अमित शाह ने कहा कि पिछले 75 सालों में किसी सरकार ने ‘हैदराबाद लिबरेशन डे’ नहीं मनाया।
अमित शाह रविवार को ‘हैदराबाद लिबरेशन डे’ कार्यक्रम में शामिल हुए। हैदराबाद के परेड ग्राउंड में हुए कार्यक्रम में अमित शाह ने लिबरेशन डे नहीं मनाने के लिए पुरानी सरकारों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि पिछले 75 सालों में किसी सरकार ने ‘हैदराबाद लिबरेशन डे’ नहीं मनाया। तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति के चलते पुरानी सरकारें इसका जश्न मनाने से डरती रहीं। इतिहास से मुंह मोड़ने वालों से देश की जनता भी मुंह मोड़ लेगी।
शाह बोले- सरदार पटेल और केएम मुंशी ने आजादी दिलाई
अमित शाह ने कहा- सरदार पटेल और केएम मुंशी जैसे नेता हैदराबाद की आजादी के लिए जिम्मेदार हैं। अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद 399 दिनों तक हैदराबाद पर क्रूर निजाम ने राज किया। ये दिन लोगों के लिए परेशानियों से भरे थे।
सरदार पटेल ने 400वें दिन राज्य को आजादी दिलाने में मदद की। इसके लिए कई संगठनों ने भी संघर्ष किया। तेलंगाना, मराठावाड़ और कर्नाटक के लोगों को शहीदों के बलिदान को याद रखना चाहिए।
हैदराबाद लिबरेशन डे पर CRPF और CISF के जवानों ने परेड की।
75 साल पहले भारत में शामिल हुआ था हैदराबाद
17 सितंबर 1948 के दिन भारतीय सेना से 5 दिन जंग के बाद हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान ने सरेंडर कर दिया था। इसके बाद हैदराबाद भारत का हिस्सा हो गया। आज हैदराबाद के भारत में शामिल होने के 75 साल पूरे हो गए हैं।
भाजपा और केंद्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय आज ‘हैदराबाद लिबरेशन डे’ (मुक्ति दिवस) मना रहा है। इसके अलावा कांग्रेस ‘विलय दिवस’, BRS ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ‘कौमी एकता दिन’ मना रही है।
निजाम के शासन में हैदराबाद राज्य में आज के तेलंगाना के अलावा महाराष्ट्र में मराठवाड़ा के 8 जिले और आज के कर्नाटक के 7 जिले शामिल थे। इसलिए महाराष्ट्र और कर्नाटक की राज्य सरकारें भी 17 सितंबर को मुक्ति दिवस मनाती हैं।
2022 में हुई हैदराबाद लिबरेशन डे मनाने की शुरुआत
तेलंगाना की भोंगिर सीट से सांसद और BJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नाल्लू इंद्रसेन रेड्डी बताते हैं कि 2022 में पहली बार केंद्र सरकार ने हैदराबाद डे सेलिब्रेट करने का फैसला लिया। इसके बाद राज्य सरकार भी एक्टिव हुई है।