हेमंत सोरेन ने विश्वास मत जीता: झारखंड विधानसभा में बोले- आंदोलनकारी का बेटा, डरने वाला नहीं; भाजपा ने किया वॉकआउट

रांची3 घंटे पहलेलेखक: शंभू नाथ

झारखंड विधानसभा में सोरेन सरकार ने विश्वासमत हासिल किया है। 81 मेंबर्स वाली विधानसभा में सरकार के पक्ष में 48 वोट पड़े। इस दौरान भाजपा ने वॉक आउट किया। विश्वासमत पर वोटिंग को बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सोरेन ने ट्वीट कर लिखा है कि जीते हैं हम शान से। विपक्ष जलते रहे हमारे काम से।

सोरेन सोमवार सुबह छत्तीसगढ़ से लौटे अपने सभी विधायकों को खुद बस से लेकर विधानसभा आए थे। इस दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। वे सोरेन के विधायकों के छत्तीसगढ़ जाने और दुमका हत्याकांड का मुद्दा उठा रहे थे।

सीएम हेमंत सोरेन एक बार फिर से सभी विधायकों के साथ बस में सवार होकर सर्किट हाउस के लिए निकले। मुख्यमंत्री विधायकों के साथ लंच किया। विधायक फिलहाल सर्किट हाउस में ही हैं।

फिलहाल रांची के सर्किट हाउस में ही हैं यूपीए के विधायक।

फिलहाल रांची के सर्किट हाउस में ही हैं यूपीए के विधायक।

सोरेन बोले- सब्जी-राशन खरीदने की बात सुनी थी, भाजपा तो विधायक खरीद रही

सदन में सोरेन ने कहा कि हमने सब्जी, राशन और कपड़ा खरीदने की बातें सुनी थीं। भाजपा तो विधायक खरीद रही है। भाजपा के वॉकआउट पर कहा कि विपक्ष इस प्रस्ताव को पूरा सुने। मैदान छोड़कर बाहर न जाए। मैं आंदोलनकारी का बेटा हूं। इनसे डरने वाला नहीं हूं। न डरा हूं और ना ही किसी को डराऊंगा।

सोरेन ने कहा- भाजपा राज्यों में गृहयुद्ध के हालात बना रही झारखंड सरकार राज्य में 1932 का खतियान लागू करने की तैयारी में हैं। सोरेन ने कहा- 1932 का खतियान और ओबीसी के मामले में जल्द सरकार आगे बढ़ने वाली है। 1985 की स्थानीयता इन्होंने परिभाषित की। जब 85 की स्थानीयता घोषित हुई तो ताली बजाकर कह रहे थे कि 85 का ही खतियान बेस्ट है।

सदन में हेमंत सोरेन ने कहा- विपक्ष ने तंत्र को खत्म कर दिया है सिर्फ लोक बचा है। लोकतंत्र को बचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। बीजेपी देश के आधे राज्यों में गृह युद्ध की स्थिति बना रही है। कपड़ा, सब्जी और राशन को खरीदना सुना था, बीजेपी विधायक खरीद रही है।

मुस्लिम तुष्टिकरण में सरकार जुटी है- नीलकंठ सिंह

सदन में बीजेपी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा- ना ही कोर्ट की ओर से, ना ही राज्यपाल ने बहुमत साबित करने को कहा, फिर सरकार विश्वासमत क्यों लाना चाहती है। बीते दिनों से सीएम विधायकों को लेकर जिस तरह से घूम रहे हैं। उससे लगता है कि उन्हें अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है। सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण में लगी है। राज्य की बेटियों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है।

इधर बीजेपी विधायक सीपी सिंह सदन में सीएम के व्यवहार पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सीएम ने सदन में प्रवेश के साथ ही बीजेपी पर हमला बोल दिया। साथ ही कहा कि मैं खुद भी स्पीकर रह चुका हूं, ऐसे में कोई विधानसभा अध्यक्ष गलत करेंगे तो मैं चुप नहीं बैठूंगा।

विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों का हंगामा।

विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायकों का हंगामा।

सदन में गूंजी 1932 के खतियान की मांग

JMM विधायक सुदिव्य ने कहा 1932 के खतियान को आधार बनाकर स्थानीयता लागू की जाए। 32 की आग को जो छूएगा जलकर राख हो जाएगा। झारखंडियों की एक ही पहचान 1932 की खतियान। 1985 की स्थानीयता बनाकर ये लोग झारखंडियों और बाहरियों को एक साथ खड़ा कर दिया। झारखंडी नौजवान आज चाहता है कि स्थानीयता का कट ऑफ मार्क 1932 लागू हो।

सीएनटी-एसपीटी और विल्किंसन एक्ट देकर हमारे अधिकार को सुरक्षित रखा गया है। सीएनटी-एसपीटी एक्ट के बावजूद झारखंडियों की जमीनों को बेचा गया। 21 सालों में इनलोगों ने झारखंड की डेमोग्राफी को बदल दिया।

माले विधायक बिनोद सिंह ने अपनी ही सरकार पर हमला किया। स्थानीय नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपने जो नियोजन नीति बनाई है, उससे यहां के युवाओं को ही नुकसान हो रहा है। इसे सही करें।

हमने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की- कांग्रेस विधायक

कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने कहा झारखंड सरकार में अस्थिरता पैदा करने वाले असमंजस में हैं। महामहिम हफ्ते भर से दिल्ली में क्या कर रहे हैं। आज वापसी हो रही है तो आगे क्या होगा। केंद्र और राज्य के भाजपा के नेता हैं वो राजनीति षडयंत्र करने में व्यस्त हैं। हमारी सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का काम किया। 1.5 लाख कर्मचारियों के हितों की रक्षा की।

सोरेन के विधायक रविवार को रांची लौटे, भाजपा ने उठाया सवाल

भाजपा विधायकों ने सत्ताधारी विधायकों के छत्तीसगढ़ जाने पर सवाल उठाए हैं। बता दें कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग की चिट्ठी मिलने के 11 दिन बाद भी राज्यपाल का कोई आदेश नहीं आया है,लेकिन राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। हेमंत सोरेन ने अपने 32 विधायकों को एकजुट करने के लिए 30 अगस्त को रायपुर भेजा था। सभी रविवार को रांची लौट आए थे। सभी सर्किट हाउस से बस में सवार होकर विधानसभा पहुंचे।

बस में विधायकों के साथ सीएम सोरेन। विधानसभा के लिए निकलने से पहले सीएम ने विधायकों के साथ बैठक भी की।

बस में विधायकों के साथ सीएम सोरेन। विधानसभा के लिए निकलने से पहले सीएम ने विधायकों के साथ बैठक भी की।

अपने विधायकों पर हेमंत को नहीं भरोसा- भाजपा

विधानसभा के बाहर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करके विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। वह सदन में इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि बस में बैठकर खुद सीएम सोरेन विधायकों को एयरपोर्ट तक ले गए। वहां से डायरेक्टर प्लेन तक गए। रायपुर में भी विधायकों को कड़ी सुरक्षा में कैदियों की तरह रखा। वापस आने पर भी सर्किट हाउस में कड़ी सुरक्षा में रखा। हेमंत सोरेन ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, मानो उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है।

सदन में सबसे बड़ा दांव चल सकती है सोरेन सरकार

चर्चा है कि संकट में घिरी सोरेन सरकार सदन में अपना मास्टर स्ट्रोक चल सकती है। राज्य गठन के बाद से अब तक सबसे विवादित मुद्दा रहा स्थानीयता नीति को सदन में हेमंत सोरेन पेश कर सकती है अगर ऐसा होता है राज्य की सियासत में एक नया उबाल तय माना जा रहा है। झारखंड विधानसभा के स्पीकर ने भी यह बात स्वीकार की है कि सदन में विश्वास मत पेश हो सकता है । इसके अलावा अन्य एजेंडों पर फिलहाल स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

रविवार को भी सोरेन ने कहा था कि विपक्ष अपनी षड्यंत्रकारी नीतियों में खुद ही फंस जाएगा। सत्र शुरू होने में कुछ घंटे बाकी है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है।

जानिए, विश्वास मत पेश करने के पीछे की पूरी कहानी

दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार के सामने भी झारखंड जैसा ही संकट था। कहा जा रहा था कि उनके कुछ विधायकों को भी तोड़ने का प्रयास किया जा रहा था। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दावा किया था कि इसके लिए 20-20 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी।ऐसें में केजरीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव लाकर सदन में AAP के भीतर एकजुटता का संदेश दिया था। अब यही एकजुटता का संदेश हेमंत सोरेन झारखंड में देना चाहते हैं।

कोलकाता कैश कांड के बाद बिगड़ा खेल

RPN सिंह की प्लानिंग लगभग पूरी तरह लागू भी हो गई थी, लेकिन इससे ठीक पहले कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी कैश के साथ कोलकाता में धरे गए। इसके बाद टूट का खेल बिगड़ गया। कांग्रेस के प्रभारी ने उन्हें इस पूरे खेल का खुलासा करने के लिए कहा, लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो अब पार्टी उनके खिलाफ एक्शन लेने के मोड में है। उनकी विधायकी पर भी तलवार लटक सकती है।

क्या है खनन पट्टे का मामला?

10 फरवरी को पूर्व CM रघुवर दास के नेतृत्व में BJP के एक डेलिगेशन ने गवर्नर से मुलाकात की थी। BJP ने राज्यपाल से CM सोरेन की सदस्यता रद्द करने कि मांग की थी। BJP ने आरोप लगाया था कि CM सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। BJP का आरोप है कि यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। गवर्नर ने BJP की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी।

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