हरियाणा के टीचर सत्यपाल को राष्ट्रपति सम्मान: खुद के खर्च से 3 राज्य स्तरीय लैब तैयार कीं, कोविड काल में स्टूडेंट्स के लिए वीडियो बनाए

रेवाड़ी2 घंटे पहले

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सत्यपाल सिंह हरियाणा के एकमात्र ऐसे टीचर है, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया। - Dainik Bhaskar

सत्यपाल सिंह हरियाणा के एकमात्र ऐसे टीचर है, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया।

आज देशभर में टीचर्स-डे मनाया जा रहा है, लेकिन आज का दिन रेवाड़ी जिले के लिए बहुत खास है। क्योंकि गांव बुड़ौली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के साइंस टीचर सत्यपाल सिंह हरियाणा के एकमात्र ऐसे टीचर है, जिन्हें आज राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया गया। इससे पहले उन्हें वर्ष 2021 में राज्य शिक्षक का भी पुरस्कार मिल चुका है।

सत्यपाल सिंह की मेहनत से स्टूडेंट ने छू लिया आसमान
रेवाड़ी के रहने वाले सत्यपाल सिंह एक विज्ञान शिक्षक से कहीं ज्यादा बढ़कर हैं। उनकी पहली पोस्टिंग रेवाड़ी के ही गांव टांकड़ी के राजकीय उच्च स्कूल में बतौर विज्ञान अध्यापक वर्ष 2002 में हुई थी। उस समय स्कूल की प्रयोगशाला जर्जर हालत में थी। उन्होंने अपने प्रयासों से प्रयोगशाला को श्रेष्ठ प्रयोगशाला बनाया और अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर स्टूडेंट को विज्ञान विषय में पारंगत किया। रेवाड़ी के ही गांव प्राणपुरा स्कूल में पोस्टिंग के दौरान भी उन्होंने वहां की लैब को बेहतर बनाया।

सत्यपाल को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित।

सत्यपाल को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित।

किताबें भी लिख चुके सत्यपाल सिंह
टीचर सत्यपाल सिंह कक्षा तीसरी से लेकर 8वीं तक के स्टूडेंट के लिए किताबें भी लिख चुके हैं। कक्षा तीसरी, चौथी व पांचवीं की झरोखा ईवीएस किताब पूरे हरियाणा में पढ़ाई जा रही है। वहीं छठी से आठवीं तक की विज्ञान मॉड्यूल की किताब लिखी जो स्टूडेंट के साथ ही शिक्षकों के लिए भी लाभकारी रही।

विज्ञान प्रयोगशालाएं तैयारी की
इसके अतिरिक्त 10 बार राज्य स्तर पर विज्ञान प्रदर्शनी में व राष्ट्रीय स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में स्टूडेंट के साथ सहभागिता कर चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में 45 विद्यार्थियों का राष्ट्रीय साधन एवं योग्यता छात्रवृत्ति परीक्षा यानी (NMMS) के लिए चयन हुआ है। वहीं खुद के खर्च पर 3 राज्य स्तरीय विज्ञान प्रयोगशालाएं उनके द्वारा तैयार कराई जा चुकी हैं।

चाकलेट ऐप तैयार किया
SCERT में टीचरों व बच्चों के लिए चाकलेट ऐप उनके द्वारा तैयार किया गया। दीक्षा ऐप तथा SCERT के लिए वीडियो मॉड्यूल तैयार किए। इसके अलावा कोविड काल में स्टूडेंट के ई-लर्निंग के लिए यू-ट्यूब चैनल व वीडियो बनाए गए।

वहीं शिक्षकों के लिए आयोजित रंगोत्सव प्रतियोगिता में में वर्ष 2019-20 व 2020-21 में 9 में से 9 प्रतियोगिताओं में भाग लेकर रिकॉर्ड बनाया। पहली बार जिला स्तर पर 6 पुरस्कार और दूसरी बार 5 पुरस्कार जीते। कला उत्सव में स्टूडेंट्स सहित भाग लिया।

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