सोनाली फोगाट के PA सुधीर की हिस्ट्री: 2019 में पहली मुलाकात; चुनाव कैंपेन में करीब आया, फ्लैट की चाबी-मोबाइल और ATM कार्ड तक खुद रखता

सनमीत सिंह थिंद, हिसारएक मिनट पहले

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हरियाणा की BJP नेता सोनाली फोगाट की हत्या के आरोप में गिरफ्तार उनका PA सुधीर सांगवान सोनीपत के नूरनखेड़ा गांव का रहने वाला है। गोहाना एरिया का नूरनखेड़ा गांव BJP के पूर्व सांसद किशन सिंह सांगवान का गांव है।

सुधीर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पहली बार सोनाली के संपर्क में आया और धीरे-धीरे उसकी हर चीज पर कब्जा जमाता चला गया। सोनाली के फ्लैट-फार्म हाउस की चाबियों से लेकर उसके ATM कार्ड तक सुधीर ही रखता था। सोनाली किससे मिलेगी? उसके फार्म हाउस पर किसे एंट्री मिलेगी? ये भी सुधीर ही तय करता था।

सुधीर सांगवान की सोनाली से पहली मुलाकात 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हुई। यह मुलाकात भिवानी जिले के गागडवास गांव के एक शख्स ने कराई जिसके कई फिल्मी कलाकारों से लिंक है। वह सोनाली का पहले से परिचित था, क्योंकि टिक-टॉक स्टार होने के नाते सोनाली एक्टिंग की दुनिया में एक्टिव थी।

सोनाली को परिवार से दूर किया

सोनाली से जुड़े एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘एक दिन सोनाली का फोन मुझे फोन आया। वह बोली कि घर पर आॅस्ट्रेलिया से एक गेस्ट आए हैं। वो वकील है और मैं उनसे जाकर मिलूं। जब मैं सोनाली के घर पहुंचा तो सुधीर कैपरी में घूम रहा था। एक दिन रहने के बाद वह चला गया। एक हफ्ते बाद सुधीर दोबारा आया और 7 दिन सोनाली के घर ही रुका। धीरे-धीरे उसने सोनाली के घर परमानेंट ठिकाना बना लिया। एक महीने में ही सुधीर ने यह समझ लिया कि घर-परिवार में कौन-कौन सोनाली के करीब हैं।’

धीरे-धीरे वह सबकुछ अपने कब्जे में लेता चला गया। सोनाली के भाई रिंकू ढाका व जीजा अमन पूनिया कह चुके हैं कि सोनाली के परिवार के लोगों को भी सुधीर उससे बातचीत नहीं करने देता था। सोनाली के मोबाइल फोन सुधीर ही रखता था। परिवार के सदस्य जब भी कॉल करते, सुधीर ही फोन उठाता और अपनी मर्जी होने पर ही सोनाली से बात कराता।

विधानसभा चुनाव में खुलकर सामने आया

सोनाली से मिलने के शुरुआती चार-पांच महीने तक सुधीर पर्दे के पीछे रहकर काम करता रहा। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में सोनाली को BJP ने आदमपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा। वह सोनाली का पहला चुनाव था। सोनाली को BJP की टिकट मिलने के बाद सुधीर खुलकर पब्लिक के बीच आया। सोनाली की चुनावी कैंपेन में भी ज्यादातर चीजें वही तय करता था।

प्रचार में गाड़ियों का इंतजाम किया

सोनाली के परिवार से जुड़े लोगों के अनुसार, 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP का टिकट मिलने के बाद सोनाली के पास इलेक्शन लड़ने लायक फंड नहीं था। आलम ये था कि सोनाली के पास एक फॉर्च्यूनर गाड़ी होती थी, जो किसी ने गिफ्ट की थी। टिकट मिलते ही वो शख्स अपनी गाड़ी वापस ले गया। उसके बाद सुधीर एक मर्सीडीज गाड़ी लाया जो लगभग 10 दिन सोनाली के पास रही। सोनाली ने इस गाड़ी के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर फोटो भी अपलोड की।

चुनाव प्रचार के दौरान उस गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। तब गाड़ी में सुधीर और सोनाली ही थे। एक्सीडेंट के बाद सुधीर वह गाड़ी वापस ले गया और एक काले रंग की मर्सीडीज ले आया। सोनाली ने इस गाड़ी के साथ भी फोटो अपलोड की। इसके बाद सुधीर काले रंग की एंडेवयर एसयूवी लाया जो मतदान तक आदमपुर हलके में ही रही। इलेक्शन कैंपेन में इसी तरह की हेल्प करके सुधीर ने सोनाली से नजदीकियां बढ़ा लीं।

गाड़ी में नहीं चढ़ने देता था किसी को

सोनाली के मुंहबोले भाई ऋषभ बेनीवाल बताते हैं, ‘हम लोग सोनाली मैडल के लिए विधानसभा चुनाव में प्रचार करते थे। पूरे प्रचार के दौरान सुधीर ने अपनी गाड़ी में किसी वर्कर या नेता को नहीं चढ़ने दिया। गाड़ी में ड्राइवर, सोनाली, सुधीर और बॉडीगार्ड ही बैठते थे। सुधीर ने सोनाली मैडम को पूरी तरह अपने वश में कर लिया था। मैंने कई बार सोनाली बहन से कहा कि इसकी बातें न माना करे। मैंने यहां तक कह दिया था कि जब तक सुधीर रहेगा, मैं उनके फार्म हाउस पर नहीं आऊंगा।’

सुधीर के 3 बच्चे, पत्नी जेबीटी टीचर

ऋषभ बेनीवाल ने बताया कि ‘सुधीर सांगवान के 3 बच्चे हैं। उसकी पत्नी रोहतक में जेबीटी टीचर है। मां भी सरकारी सर्विस में है। एक साल पहले हम सुधीर के भाई की शादी में गए थे। सुधीर से पैसे मांगने वाले जब भी रोहतक में उसकी पत्नी के पास जाते तो वह उन्हें ये कहकर लौटा देती कि सुधीर हिसार रहता है। वहीं जाकर उससे पैसे ले लो।’

सरकार से अपने काम कराए

ऋषभ बेनीवाल के अनुसार, सुधीर जानता था कि सोनाली की BJP सरकार और नेताओं में चलती है। इसी का फायदा उठाकर उसने सोनाली के जरये अपने और चहेतों के कई काम करवा लिए और पैसे भी कमाए।

सोनाली के पुराने वफादारों को निकाला

सोनाली के ढंढूर फार्म हाउस पर ड्राइवर का काम कर चुके उमेद और माली का काम कर चुके नारायण ने बताया, ‘सुधीर सबको अपनी मर्जी से चलाना चाहता था। वह हर किसी से अलग-अलग बात करता था। हमने कई बार ये बातें सोनाली मैडम को बताईं मगर मैडम उसे मना नहीं कर पाती थीं। सुधीर काम कराने के बाद पूरे पैसे भी नहीं देता था। इसे लेकर उससे झड़प भी हुई। उसके बाद हमने काम ही छोड़ दिया। सुधीर ने धीरे-धीरे फार्म हाउस में काम करने वाले सारे पुराने लोगों को निकाल दिया।’

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