सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड: सरेंडर करना चाहते थे शार्पशूटर रूपा और मन्नू, मीडिया बुलाने को कहा था; अचानक फायरिंग शुरू की और मारे गए

चंडीगढ़एक मिनट पहले

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पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कातिल शार्पशूटर जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू सरेंडर करना चाहते थे। उन्होंने मीडिया को बुलाने के लिए कहा था। हालांकि अचानक उन्होंने ख्याल बदल दिया और फिर फायरिंग शुरू कर दी। यह खुलासा रूपा और मन्नू के एनकाउंटर में शामिल एक अफसर ने किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस टीम की दोनों के साथ कुछ देर बात भी हुई लेकिन फिर वह सरेंडर करने से पीछे हट गए। रूपा और मन्नू को पुलिस ने अमृतसर में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से 10 किलोमीटर दूर अटारी के नजदीक मार गिराया था।

फायरिंग के एक घंटे बाद हुई बातचीत
पुलिस अफसर के मुताबिक करीब एक घंटे तक शार्पशूटर्स और पुलिस के बीच जोरदार फायरिंग हुई। इसके बाद अचानक शूटर्स ने फायरिंग कम कर दी। उन्होंने कहा कि दोनों सरेंडर करना चाहते हैं। उनकी पुलिस वालों के साथ छत से बातचीत हुई। दोनों ने कहा कि वह प्रेस के सामने सरेंडर करेंगे। पुलिस इसके लिए राजी हो गई। हमने उन्हें कहा कि 15 मिनट तक वह फायरिंग न करें। वह सिर्फ 5 मिनट चुप रहे और फिर उसके बाद तेज फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद उनसे कोई बातचीत नहीं हुई। पुलिस लगातार उनसे सरेंडर की अपील करती रही।

इसी घर के भीतर दोनों शूटर्स को मार गिराया गया।

इसी घर के भीतर दोनों शूटर्स को मार गिराया गया।

किसी ने फोन पर रोका?
इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या उन्हें सरेंडर करने से किसी ने रोका। उनकी फायरिंग के दौरान किसी से बात हुई। पुलिस को उनसे एक टूटा मोबाइल मिला है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस को शक है कि किसी दूसरे गैंगस्टर ने उन्हें सरेंडर न करने को कहा, जिस वजह से उन्होंने इरादा बदल दिया।

एनकाउंटर में मारे गए शूटर जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू।

एनकाउंटर में मारे गए शूटर जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू।

पंजाब में ही छुपे रहे, नशा बना मजबूरी
मूसेवाला के कत्ल के बाद शार्पशूटर मन्नू और रूपा पंजाब से बाहर नहीं भागे। कनाडा बैठे लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने उन्हें बाहर जाने को कहा था। वह पंजाब में ही छुपते रहे। इसकी बड़ी वजह उनका नशेड़ी होना रहा। बाहर चले जाते तो उन्हें नशा न मिलता, इसलिए वह यही रहें। इसकी लीड पुलिस को तिहाड़ जेल से लाए गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया से मिली।

पुलिस ने CCTV खंगालने शुरू किए तो यह दोनों 21 जून की सुबह करीब 6 बजे मोगा के समालसर में चोरी की बाइक पर नजर आ गए। इसके बाद मोहाली पुलिस ने गैंगस्टर परमदलीप पम्मा को लूट के केस में पकड़ा। वह रूपा का साथी था। उसके जरिए पुलिस को इनके अमृतसर में होने की भनक लग गई।

सेरसा के बाद फौजी भी बोला- गोल्डी धोखेबाज है
शार्पशूटर अंकित सेरसा के बाद प्रियवर्त फौजी ने भी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को धोखेबाज बताया है। पुलिस पूछताछ में दोनों ने कहा कि गोल्डी ने उन्हें कत्ल के बाद मुंहमांगे रुपए देने का वादा किया था। कत्ल के बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया। उन्हें कत्ल से पहले और बाद में रहने-खाने का खर्च जरूर भेजा गया। उनके छुपने के ठिकाने का भी इंतजाम किया गया लेकिन बाकी रुपए नहीं दिए गए।

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