सांसद संजय सिंह 13 अक्टूबर तक ED की रिमांड में: एजेंसी ने कोर्ट से कहा- शराब घोटाले में उनके खिलाफ घूस मांगने के सबूत

नई दिल्ली23 मिनट पहले

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AAP नेता संजय सिंह को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। यहां उन्होंने 5 अक्टूबर को मीडिया से कहा था कि मोदी जी, चुनाव हारेंगे। - Dainik Bhaskar

AAP नेता संजय सिंह को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। यहां उन्होंने 5 अक्टूबर को मीडिया से कहा था कि मोदी जी, चुनाव हारेंगे।

शराब नीति घोटाला मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में AAP सांसद संजय सिंह को पेश किया। कोर्ट ने AAP नेता को ED की 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।

जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि संजय सिंह के खिलाफ घूस मांगने के सबूत हैं। वे हिरासत में सवालों के सही जवाब नहीं दे रहे। जांच में भी सहयोग नहीं कर रहे। जब उनसे फोन के डेटा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

कोर्ट ले जाते समय AAP सांसद ने कहा कि ईमानदार लोग हमारे साथ हैं, जबकि बेईमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं।

जांच एजेंसी ने 4 अक्टूबर को संजय सिंह के घर पर छापेमारी की थी। 10 घंटे तक चली इस छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आबकारी नीति केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। इसी केस में मनीष सिसोदिया जेल में हैं।

4 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने घर के बाहर से हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। कार में बैठकर भी वह हाथ हिलाते हुए निकले।

4 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने घर के बाहर से हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। कार में बैठकर भी वह हाथ हिलाते हुए निकले।

कोर्ट रूम लाइव…

ED- संजय सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

कोर्ट- आखिर 5 दिन बाद भी मोबाइल डेटा क्यों नहीं मिला है?
ED- वे पुराने फोन के बारे में नहीं बता रहे हैं। इसी वजह से कॉल डेटा रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है।

कोर्ट- आपने कहां-कहां छापेमारी की थी?
ED- कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। हमारे पास उन लोगों के बयान भी हैं, जिनके यहां तलाशी ली गई। कई लोगों ने संजय सिंह का नाम लिया है। एक शराब कारोबारी से 4 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।

कोर्ट- क्या यह रिश्वत दिल्ली और पंजाब में शराब के लाइसेंस को लेकर थी?
ED- सिर्फ रिश्वत मांगी गई थी। पेमेंट नहीं हुआ।

कोर्ट ने संजय सिंह को मीडिया से बात न करने के निर्देश दिए
राउज एवेन्यू कोर्ट ने संजय सिंह को पेशी के दौरान मीडिया से बात नहीं करने का निर्देश दिया। स्पेशल जज एमके. नागपाल ने कहा कि इससे सुरक्षा में समस्या पैदा होती है। कोर्ट ने पत्रकारों से भी संजय सिंह से सवाल न पूछने के लिए कहा।

जनवरी में ED की चार्जशीट में जुड़ा था संजय सिंह का नाम
इसी साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। दरअसल मई में संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। जिस पर ED ने जवाब दिया कि हमारी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है। इनमें से तीन जगह नाम सही लिखा गया है। सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी।

जिसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है।

संजय सिंह पर क्या है आरोप
ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र है। इसको लेकर ही ED बुधवार को उनके घर पहुंची और उनसे पूछताछ कर रही है। दिल्ली शराब नीति केस में ED की दूसरी सप्लिमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी। जिसमें आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

CBI ने 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था।

CBI ने 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था।

केजरीवाल बोले- जितने छापे करा लें, कुछ नहीं मिलेगा
संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा- ईमानदारी का रास्ता बहुत कठिन रास्ता होता है। इन लोगों ने हमें बदनाम करने की कोशिश की। कहते हैं 100 करोड़ का घोटाला है। 1000 से ज्यादा रेड मार चुके हैं, लेकिन अब तक एक चवन्नी तक नहीं मिली है।

केंद्र सरकार सिर से पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी है। कल जब इनकी सरकार नहीं रहेगी और इनके कारनामों की जांच की जाएगी तब पता चलेगा कि इन्होंने कितना भ्रष्टाचार किया है। उस भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर संजय सिंह की आवाज थी जो मोदी जी को बर्दाश्त नहीं हो रही थी।

अब 5 पॉइंट्स में सिलसिलेवार शराब नीति घोटाला के बारे में जानिए…

1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाला का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

19 अगस्त को CBI की टीम ने डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा था। उस दिन एक साथ 7 राज्यों में 21 जगह पर कार्रवाई की गई थी।

19 अगस्त को CBI की टीम ने डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा था। उस दिन एक साथ 7 राज्यों में 21 जगह पर कार्रवाई की गई थी।

4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

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