सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन: मुंबई में ली आखिरी सांस; कई दिनों से बीमार थे, कल पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा

6 मिनट पहले

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मशहूर बिजनेसमैन सुब्रत रॉय सहारा का मुंबई में मंगलवार देर रात निधन हो गया है। सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। कल उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जायेगा, जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी।

जमानत पर बाहर थे सुब्रत रॉय
पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ लोगों के पैसों का कई सालों से भुगतान नहीं करने का एक मामला चल रहा है। लोगों ने ये पैसे कंपनी की कई स्कीमों में लगाए थे लेकिन बाद में सहाराश्री को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई थी।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर तत्काल सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी। साथ ही उनके खिलाफ आगे किसी तरह की कार्रवाई को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। सुब्रत रॉय के खिलाफ इसी तरह का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहले से चल रहा है। वह जमानत पर बाहर थे। वहीं, निवेशकों के पैसे लौटाने को लेकर सहारा इंडिया का दावा है कि वह सारी रकम सेबी के पास जमा करा चुके हैं।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर तत्काल सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर तत्काल सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी।

रॉय ने अपना पहला कारोबार गोरखपुर से किया था
सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ। उनके पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि रॉय था। कोलकाता में शुरुआती शिक्षा-दीक्षा लेने के बाद उन्होंने गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। सुब्रत रॉय ने अपना पहला कारोबार गोरखपुर से ही शुरू किया।

सुब्रत को जानने वाले बताते हैं कि वह शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर थे। उनका मन पढ़ने से ज्यादा अन्य बातों में लगता था। एक छोटे से शहर से बिजनेस शुरू करने वाले इस शख्स ने 36 सालों में दुनिया भर में अपना कारोबार फैला लिया। 1978 में सहारा की शुरुआत के समय सुब्रत रॉय की जेब में महज 2000 रुपए ही थे।

सुब्रत को 70 के दशक से जानने वाले लोग बताते हैं कि तब वह गोरखपुर में एक स्कूटर से चलते थे। तब दिन में 100 रुपए कमाने वाले लोग उनके पास 20 रुपए जमा करते थे। सुब्रत रॉय ने स्वप्ना रॉय से प्रेम विवाह किया है। सुब्रत रॉय के साथ उनके स्कूल, कॉलेज में साथ पढ़े करीब 100 दोस्त भी काम करते हैं।

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