लोकसभा-विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्र कम करने का सुझाव: संसदीय समिति ने संसद में रिपोर्ट की पेश; कहा- उम्र सीमा 25 से घटाकर 18 की जाए

नई दिल्ली5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
अभी कानून के मुताबिक, लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 25 साल है। जबकि, राज्यसभा और विधान परिषदों के सदस्यों का चुनाव लड़ने के लिए यह 30 साल तय की गई है।है। - Dainik Bhaskar

अभी कानून के मुताबिक, लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 25 साल है। जबकि, राज्यसभा और विधान परिषदों के सदस्यों का चुनाव लड़ने के लिए यह 30 साल तय की गई है।है।

कानून और कार्मिक संबंधी समिति ने शुक्रवार को लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा को घटाने का सुझाव दिया है। समिति ने इसे लेकर संसद में एक रिपोर्ट पेश की है। उनका कहना है कि इससे युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने का बराबर मौका मिलेगा।

अभी कानून के मुताबिक, लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 25 साल है। जबकि, राज्यसभा और विधान परिषदों के सदस्यों का चुनाव लड़ने के लिए यह 30 साल तय की गई है। वहीं वोट देने के लिए 18 साल की उम्र तय की गई है।

समिति का कहना है कि उम्र सीमा घटाने से युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने का बराबर मौका मिलेगा।

समिति का कहना है कि उम्र सीमा घटाने से युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने का बराबर मौका मिलेगा।

लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल की जाए
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की अगुवाई वाले पैनल ने अपनी रिपोर्ट में लोकसभा चुनावों के लिए न्यूनतम उम्र को 25 साल से घटाकर 18 साल करने की सिफारिश की है। उन्होंने कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की व्यवस्था की पड़ताल करने के बाद इस उम्र सीमा का सुझाव दिया है।

समिति का कहना है कि इन देशों के उदाहरण दिखाते हैं कि युवा विश्वसनीय और जिम्मेदार राजनीतिक भागीदार हो सकते हैं। समिति ने विधानसभा चुनावों के लिए भी उम्मीदवारी की न्यूनतम उम्र सीमा घटाने का सुझाव दिया है।

समिति का सुझाव- हलफनामे में गलत जानकारी दी तो 2 साल की जेल हो
संसदीय समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी भरने पर दो साल तक की जेल हो सकती है। हालांकि समिति ने ये भी सिफारिश की कि जुर्माना कुछ खास मामलों में लगाया जाना चाहिए, छोटे-मोटे या गैर-इरादतन गलतियों में नहीं।

रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट के सेक्शन 125ए के मुताबिक, अभी चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने पर जेल हो सकती है, जिसे 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माने या दोनों का प्रावधान है।

समिति अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हमारा मकसद साफ-सुथरे चुनाव कराना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है। सेक्शन 125 के तहत जेल की सजा को दो साल तक बढ़ाना चाहिए और जुर्माना भी लगाना चाहिए।

इलेक्शन कमीशन चुनाव लड़ने की उम्र घटाने के पक्ष में नहीं
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इलेक्शन कमीशन वोटिंग के लिए और संसद, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम उम्र को एक समान करने के मुद्दे पर पहले ही विचार कर चुका है।

उनका मानना है कि 18 साल के लोग इन जिम्मेदारियों के लिए जरूरी एक्सपीरिएंस और मैचुएरिटी नहीं रखते हैं। इसलिए, वोटिंग और चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र सही है।

यह खबर भी पढ़ें….

चुनाव लड़ने की उम्र घटाने पर विचार कर रही सरकार, कांग्रेस समेत कई पार्टी पक्ष में

देश की 65% युवा आबादी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी की आयु सीमा घटाने पर विचार कर रही है। कई राजनीतिक दल इसके पक्ष में हैं। ये दल तर्क दे रहे हैं कि अगर नगर निगम-परिषद में चुनाव लड़ने के लिए उम्र सीमा 21 साल है तो फिर विधानसभा और लोकसभा के लिए यह उम्र सीमा 25 साल क्यों होनी चाहिए। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…