लद्दाख में सेना की टुकड़ी एवलांच की चपेट में आई: एक सैनिक की मौत, 3 लापता; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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एक मिनट पहले

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हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) और सेना की आर्मी एडवेंचर विंग के करीब 40 सैन्य कर्मियों की एक टुकड़ी की लद्दाख में माउंट कुन के पास ट्रेनिंग चल रही थी। इसी दौरान हिमस्खलन हो गया। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) और सेना की आर्मी एडवेंचर विंग के करीब 40 सैन्य कर्मियों की एक टुकड़ी की लद्दाख में माउंट कुन के पास ट्रेनिंग चल रही थी। इसी दौरान हिमस्खलन हो गया। (फाइल फोटो)

लद्दाख के माउंट कुन के पास सोमवार यानी 9 अक्टूबर को सेना की एक टुकड़ी एवलांच (हिमस्खलन)की चपेट में आ गई। इससे एक सैनिक की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लापता हैं।

अधिकारियों के अनुसार हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) और सेना की आर्मी एडवेंचर विंग के करीब 40 सैन्य कर्मियों की एक टुकड़ी की लद्दाख में माउंट कुन के पास ट्रेनिंग चल रही थी। इसी दौरान हिमस्खलन हो गया।

हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जो अभी भी जारी है। दमकल की टीम ने एक जवान का शव बरामद कर लिया है। 3 लापता लोगों की तलाश जारी है।

एवलांच की खबर लगते ही रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। इसमें 11 सैलानियों के गंभीर घायल होने की खबर है।

एवलांच की खबर लगते ही रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। इसमें 11 सैलानियों के गंभीर घायल होने की खबर है।

4 अप्रैल 2023 को सिक्किम की राजधानी गंगटोक में एवलांच (हिमस्खलन) हुआ था। इसमें 7 टूरिस्ट की मौत हो गई। मरने वालों में चार पुरुष, दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल था। यह घटना सुबह 11.30 बजे गंगटोक को नाथु ला दर्रे से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हुई।

सेना ने बयान जारी कर बताया था- बर्फ के नीचे पांच-छह वाहन फंस गए, जिनमें लगभग 30 लोग थे। शाम चार बजे तक बर्फ से सात शव निकाले जा चुके थे और छह पर्यटकों सहित 23 लोगों को बचा लिया गया था। इनमें 11 की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें गंगटोक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। PM नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिक्किम में एवलांच में पर्यटकों की मौत पर शोक जताया।

हिमस्खलन क्या होता है?
बर्फ या पत्थर के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन या एवलांच कहते हैं। हिमस्खलन के दौरान बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य चीजें किसी पहाड़ से नीचे की ओर तेजी से फिसलती हैं।

हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती हैं। इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की और गिरने लगती हैं। चट्टानों या मिट्टी के स्खलन को भूस्खलन कहते हैं। पूरा एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें

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