राहुल ने कहा- मोदी INDIA को गाली दे रहे: मणिपुर जल रहा है, लेकिन बीजेपी-आरएसएस को सिर्फ सत्ता की भूख

नई दिल्ली19 मिनट पहले

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गुरुवार को राहुल गांधी ने युवा कांग्रेस के वर्चुअल कार्यक्रम में बीजेपी-आरएसएस को सत्ता का भूखा बताया। - Dainik Bhaskar

गुरुवार को राहुल गांधी ने युवा कांग्रेस के वर्चुअल कार्यक्रम में बीजेपी-आरएसएस को सत्ता का भूखा बताया।

मणिपुर हिंसा को लेकर गुरुवार को राहुल गांधी ने युवा कांग्रेस के वर्चुअल कार्यक्रम में बीजेपी-आरएसएस को सत्ता का भूखा बताया। उन्होंने कहा कि मणिपुर जल रहा है, लेकिन इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा। प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा के बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं, क्योंकि उनकी विचारधारा की वजह से ही मणिपुर जल रहा है।

मोदी दे रहे I.N.D.I.A को गाली: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने I.N.D.I.A. नाम चुना, यह हमारे दिल से निकला है। नरेंद्र मोदी को इतना घमंड है कि उन्होंने पवित्र शब्द INDIA को भी गाली देना शुरू कर दिया है।

मणिपुर में कैसे भड़की हिंसा की चिंगारी

मणिपुर में दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था। इसके बाद से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। विपक्ष लगातार सरकार से सवाल पूछ रहा है।

मैतेई ट्राइब यूनियन पिछले एक दशक से मैतेई को आदिवासी दर्जा देने की मांग भी कर रही थी। इसी सिलसिले में उन्होंने मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इस सिफारिश में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने के लिए कहा गया है।

इसके अलावा मणिपुर सरकार फॉरेस्ट लैंड सर्वे कर रही है, जिसमें अवैध रूप से कब्जा जमाए लोगों को हटाया जा रहा था। इन दोनों वजहों से कुकी आदिवासियों में नाराजगी थी। इसके विरोध में 28 अप्रैल को द इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुराचांदपुर में 8 घंटे बंद का ऐलान किया था। इसकी वजह से मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को अपना पहले से प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

मैतेई और कुकी समुदाय कर रहे मणिपुर में हिंसा।

मैतेई और कुकी समुदाय कर रहे मणिपुर में हिंसा।

मणिपुर में हिंसा की शुरुआत चुराचांदपुर जिले से हुई, जो राजधानी इंफाल के दक्षिण में करीब 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 28 अप्रैल को देर रात तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प होती रही। उसी रात तुइबोंग एरिया में उपद्रवियों ने फॉरेस्ट रेंज ऑफिस को आग के हवाले कर दिया। 27-28 अप्रैल की हिंसा में मुख्य तौर पर पुलिस और कुकी आदिवासी आमने सामने थे।

3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला। ये मैतेई समुदाय को ST दर्जा देने के विरोध में था। इसी मार्च के दौरान स्थिति बिगड़ गई और इसने जातीय संघर्ष का रूप ले लिया। एक तरफ मैतेई समुदाय के लोग, तो दूसरी तरफ कुकी समुदाय के लोग।

महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो 4 मई का है। यानी हिंसा भड़कने के अगले ही दिन का। भीड़ इतनी उग्र थी कि दूसरे समुदाय की महिलाओं के साथ ऐसा सलूक किया गया। तब से करीब 80 दिन बीत चुके हैं। मणिपुर की हवा में आगजनी की दुर्गंध और मार-दो, जला-दो के नारे गूंजते रहते हैं।
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