राम रहीम की याचिका पर HC में सुनवाई: डेरा मुखी के वकील ने 2 घंटे तक पक्ष रखा; बेअदबी की CBI जांच की मांग

चंडीगढ़3 घंटे पहले

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डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम। - Dainik Bhaskar

डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम।

डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम की याचिका पर आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान डेरा मुखी के वकील ने करीब 2 घंटे तक अपना पक्ष रखा। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि पंजाब सरकार को इस तरह विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केस की जांच CBI से वापस लेने का अधिकार नहीं है। बेअदबी की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी। डेरा मुखी इस वक्त कई संगीन केस में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।

हाल ही में पंजाब पुलिस की नई एसआईटी ने बेअदबी के सभी केसों में डेरा मुखी को मास्टरमाइंड करार दिया। CM भगवंत मान ने हाल ही में सिख नेताओं को 467 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें दावा किया गया कि राम रहीम की MSG मूवी रिलीज नहीं हुई तो बदला लेने के लिए पूरी साजिश रची गई।

CM भगवंत मान ने कुछ दिन पहले सिख नेताओं को SIT जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम को बेअदबी केसों का मास्टरमाइंड बताया गया है।

CM भगवंत मान ने कुछ दिन पहले सिख नेताओं को SIT जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम को बेअदबी केसों का मास्टरमाइंड बताया गया है।

पहले SIT के पास थी जांच
पंजाब में साल 2015 में श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के कई केस हुए थे। जिनकी जांच के लिए तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(SIT) बनाई थी। इसके बाद यह जांच CBI के पास चली गई। बाद में सरकार बदली तो विधानसभा में प्रस्ताव पास कर जांच CBI से वापस ले ली गई।

सरकार ने बताया कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग
पंजाब सरकार ने पिछली सुनवाई में इसे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया। सरकार ने कहा कि विधानसभा के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की भी मुहर लग चुकी है। इस याचिका को खारिज किया जाए।

राम रहीम ने दी थी यह दलीलें
राम रहीम ने हाईकोर्ट में दलील दी कि एक आरोपी के बयान पर उन्हें बेअदबी केस में नामजद कर लिया गया। फिर उनके प्रोडक्शन वारंट भी जारी कर दिए गए। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस की नई SIT ने सुनारिया जेल जाकर उनसे पूछताछ की। डेरा मुखी ने कहा कि उसे जानबूझकर इस केस में फंसाया जा रहा है। इसलिए केस की CBI जांच होनी जरूरी है। राजनीतिक हित के लिए जांच को सीबीआई से लेकर वापस एसआईटी को दिया गया।

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