मिजोरम पुल हादसे की जांच हाई लेवल कमेटी करेगी: रेलवे ने एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी; 23 अगस्त को ब्रिज गिरा था, 22 शव मिले

नई दिल्ली10 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
मिजोरम की राजधानी आइजोल से 21 किमी दूर यह पुल बैराबी को सायरांग से जोड़ने वाली कुरूंग नदी पर बन रहा था। - Dainik Bhaskar

मिजोरम की राजधानी आइजोल से 21 किमी दूर यह पुल बैराबी को सायरांग से जोड़ने वाली कुरूंग नदी पर बन रहा था।

रेल मंत्रालय ने मिजोरम रेलवे पुल हादसे की जांच के लिए चार सदस्यीय हाई लेवल कमेटी बनाई है। रेलवे ने गुरुवार को एक आदेश जारी एक महीने के भीतर कमेटी से जांच रिपोर्ट मांगी है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि इस कमेटी में RDSO के बीपी अवस्थी, IIT दिल्ली के डॉ दीप्ति रंजन साहू, IRICEN के शरद कुमार अग्रवाल और NF रेलवे के चीफ ब्रिज इंजीनियर संदीप शर्मा शामिल हैं।

23 अगस्त को पुल गिरा था, 22 लोगों का शव मिला
मिजोरम की राजधानी आइजोल से 20 किलोमीटर दूर सायरांग में 23 अगस्त की सुबह 10 बजे कुरूंग नदी पर निर्माणाधीन रेलवे पुल गिरा था। घटना के समय पुल पर पश्चिम बंगाल के 26 मजदूर मौजूद थे। इनमें से 22 मजदूरों का शव मिला है।

तीन जख्मी लोगों का हॉस्पीटल में इलाज चल रहा है। एक मजदूर की तलाश अब भी जारी है। रेलवे ने बताया कि गैन्ट्री ढहने के कारण यह हादसा हुआ था।

हादसे के बाद NDRF और क्विक रिस्पांस टीम रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पहुंची थी।

हादसे के बाद NDRF और क्विक रिस्पांस टीम रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पहुंची थी।

PM और रेल मंत्रालय ने मुआवजे की घोषणा की थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से पीड़ित परिजनों को 2 लाख और रेलवे ने 10 लाख रुपए देने की घोषणा की है।

इसके अलावा PMO की ओर से घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। वहीं, रेलवे ने गंभीर घायलों को 2 लाख रुपए और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।

निर्माणाधीन पुल की ऊंचाई कुतुब मिनार से भी ज्यादा
हादसे के बाद सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में देखा गया कि पुल में कुल 4 पिलर हैं। तीसरे और चौथे पिलर के बीच का गर्डर टूटकर गिरा हुआ है। सभी मजदूर इसी गर्डर पर काम कर रहे थे। जमीन से पुल की ऊंचाई 104 मीटर यानी 341 फीट है। यानी पुल की ऊंचाई कुतुब मिनार से भी ज्यादा है।

ये खबर भी पढ़ें…

ओडिशा रेल हादसे की वजह बिना अप्रूवल पटरी रिपेयरिंग:CBI ने कहा- सर्किट डायग्राम भी पास नहीं कराया था

बालासोर ट्रेन हादसे में 296 लोगों की मौत हुई थी। 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

बालासोर ट्रेन हादसे में 296 लोगों की मौत हुई थी। 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

CBI ने कहा है कि 2 जून को ओडिशा के ​बालासोर में ट्रेन हादसा पटरी पर बिना अप्रूवल हो रहे मरम्मत कार्य के कारण हुआ था। हादसे से पहले बहनागा बाजार स्टेशन के लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 पर बिना मंजूरी के मरम्मत का काम किया गया था। इस रेल हादसे में 296 लोगों की मौत हुई थी और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।​​​​​​​ पूरी खबर यहां पढ़ें…

कुल्लू में 30 सेकेंड में 7 इमारतें एक-एक कर गिरीं:24 घंटे में 12 लोगों की मौत​​​​​​​

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में 24 अगस्त की सुबह 30 सेकेंड के अंदर 7 इमारतें गिर गईं। हालांकि, हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। प्रशासन ने इन इमारतों को तीन दिन पहले ही खाली करवा लिया था। राज्य में पिछले 24 घंटे में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 7 मौतें मंडी और शिमला में लैंडस्लाइड की वजह से हुईं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

खबरें और भी हैं…