मालेगांव ब्लास्ट केस, 2 घंटे लेट कोर्ट पहुंची प्रज्ञा ठाकुर: NIA कोर्ट से कहा- सुबह उठने में दिक्कत; अब 3 अक्टूबर को बयान होगा

मुंबई7 मिनट पहले

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प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल से सांसद हैं। वे अपने बयानों के चलते अक्सर विवादों में आ जाती हैं। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल से सांसद हैं। वे अपने बयानों के चलते अक्सर विवादों में आ जाती हैं। (फाइल फोटो)

भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी हैं। प्रज्ञा सोमवार 25 सितंबर को NIA कोर्ट में पेश हुईं। इससे पहले उन्होंने कोर्ट से कहा कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रही हूं। इसके चलते डॉक्टर ने मुझे सुबह जल्दी उठने से मना किया है।

इसके बाद प्रज्ञा करीब दो घंटे लेट दोपहर 2 बजे कोर्ट पहुंचीं। कोर्ट ने कहा कि अब 3 अक्टूबर को बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे। एक बार सबूतों की रिकॉर्डिंग हो जाए, इसके बाद कोर्ट धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान रिकॉर्ड करेगा।

अब किसी भी चश्मदीद से पूछताछ नहीं
प्रॉसीक्यूशन ने 14 सितंबर को कोर्ट को जानकारी दी थी कि सबूतों की रिकॉर्डिंग की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। हमारी तरफ से अब किसी भी चश्मदीद से पूछताछ नहीं होगी।

प्रावधान ये है कि कोर्ट आमतौर पर मामले में अभियुक्तों से सवाल पूछता है, ताकि वह अपना तर्क दे सके।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2019 में भाजपा के टिकट पर पहली बार सांसद चुनी गई थीं। उन्होंने भोपाल से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को हराया था।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2019 में भाजपा के टिकट पर पहली बार सांसद चुनी गई थीं। उन्होंने भोपाल से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को हराया था।

25 सितंबर को 6 आरोपी कोर्ट पहुंचे थे
मालेगांव ब्लास्ट मामले में 7 में से 6 आरोपी प्रज्ञा ठाकुर, ले.कर्नल (रिटायर्ड) प्रसाद पुरोहित, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी कोर्ट पहुंचे थे।

सातवें आरोपी सुधाकर द्विवेदी कोर्ट नहीं पहुंचे। उनके वकील ने कहा कि धार्मिक कारण की वजह से वे पेश नहीं हुए। वकील ने द्विवेदी के लिए छूट देने की मांग की। कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया और द्विवेदी के खिलाफ 5 हजार का जमानती वारंट देने का आदेश दिया।

मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोग मारे गए थे महाराष्ट्र के मालेगांव (मुंबई से करीब 200 किमी दूर) में 29 सितंबर 2008 को ब्लास्ट हुआ था। यहां एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाई गई थी। घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा जख्मी हुए थे।

मामले की जांच पहले महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) कर रही थी, 2011 में इन्वेस्टीगेशन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ट्रांसफर कर दी गई।

मालेगांव ब्लास्ट मामला एनआईए कोर्ट में चल रहा है।

मालेगांव ब्लास्ट मामला एनआईए कोर्ट में चल रहा है।

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