मां पर उठा रहे हाथ, जुबान लड़ा रहे टीनएजर्स: MP में 95% पेरेंट्स को नहीं पता पेरेंटल ऐज स्किल, गुस्सैल हो रहे बच्चे

भोपालएक घंटा पहलेलेखक:  संदीप राजवाड़े

मेरी मर्जी मैं चाहे जो करूं… मुझे बार-बार मत टोका करिए… ज्यादा मत बोलिए… आजकल ज्यादातर टीनएजर्स अपने पेरेंट्स या बड़ों से ऐसे बात करते मिल जाएंगे। पेरेंट्स को इसकी वजह सिर्फ मोबाइल और ऑनलाइन गेम की लत और कुछ मामलों में नशा भी लगता है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। बच्चों के बदलते व्यवहार के पीछे पालन-पोषण के तरीकों का भी अहम रोल है।

भोपाल की चाइल्ड साइकेट्रिस्ट की केस स्टडी में यह बात सामने आई है कि 95% पेरेंट्स को ‘ऐज पेरेंटल स्किल’ की जानकारी ही नहीं। यानी वे नहीं जानते कि बच्चों की उम्र के अनुसार उनसे किस तरह और कैसा व्यवहार करना चाहिए। पेरेंट्स टीनएजर्स से भी 5-6 साल के बच्चे जैसा बर्ताव करते हैं, ऐसे में बच्चे गुस्सैल ओर चिड़चिड़े हो रहे हैं।

भोपाल के टीनएजर को लगी नशे की लत
ताजा मामला भोपाल से सामने आया है। जहां 11 जुलाई को शाहजहांनाबाद इलाके में 15 साल के लड़के ने मां पर हाथ उठा दिया। उसे रोक-टोक पसंद नहीं थी। वो नशे का आदी था। बड़े भाई ने उसे कमरे में बंद कर दिया तो उसने तोड़फोड़ की।

बड़े भाई ने उसे बाहर निकाला और घर से कुछ दूर ले गया। नाबालिक ने पत्थर उठाकर हमला कर दिया। गुस्साए बड़े भाई ने पास ही पड़ी कांच की बोतल से उस पर कई वार कर दिए। अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई।

इस तरह के केस को लेकर चाइल्ड साइकेट्रिस्ट का कहना है कि टीनएजर के पेरेंट्स न तो पढ़े-लिखे थे और न ही उनकी तरफ से उसे बेहतर माहौल दिया गया। गलत संगत और नशे की लत ने उसे ऐसा बना दिया।

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बच्चों के बदलते बिहेवियर पर कुछ पेरेंट्स ने साइकेट्रिस्ट की मदद ली। साइकेट्रिस्ट को पेरेंट्स ने क्या कुछ बताया और साइकेट्रिस्ट का क्या कहना है, जानते हैं…

ग्राफिक्स- जितेंद्र कुमार ठाकुर

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