महाराष्ट्र में प्रसाद खाने के बाद 300 से ज्यादा बीमार: अस्पताल के बाहर सड़क पर हुआ इलाज, सलाइन की बोतलें पेड़ों से लटकाई गईं

मुंबई12 मिनट पहले

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बेड की कमी को देखते हुए ज्यादातर मरीजों का इलाज अस्पताल के बाहर सड़क पर करना पड़ा। - Dainik Bhaskar

बेड की कमी को देखते हुए ज्यादातर मरीजों का इलाज अस्पताल के बाहर सड़क पर करना पड़ा।

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान प्रसाद खाने के बाद 300 से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

मामले का वीडियो भी सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि एक अस्पताल के बाहर सड़क पर कई मरीजों का इलाज किया जा रहा है। सलाइन की बोतलें पेड़ों से बंधी रस्सियों से लटकाई गई हैं।

जिला कलेक्टर किरण पाटिल ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि यह घटना मंगलवार की है। सोमथाना गांव में ‘हरिनाम’ नाम का एक सप्ताह तक धार्मिक आयोजन हुआ था।

अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीजों का इलाज किया गया।

अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीजों का इलाज किया गया।

मंदिर में 500 श्रद्धालु थे, 300 बीमार
मंगलवार की रात 10 बजे सोमथाना और खापरखेड़ गांवों से करीब 500 श्रद्धालु प्रसाद लेने के लिए मंदिर आए। प्रसाद खाने के बाद उन्हें पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। बीमार पड़े लोगों को बीबी गांव के एक अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन बेड की कमी को देखते हुए ज्यादातर मरीजों का इलाज अस्पताल के बाहर सड़क पर करना पड़ा। पेड़ों से बांधी गई रस्सियों पर सलाइन की बोतलें लगाई गईं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल के अंदर जगह नहीं थी और मरीज ज्यादा थे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल के अंदर जगह नहीं थी और मरीज ज्यादा थे।

कुछ मरीजों का अस्तपाल के अंदर इलाज किया गया।

कुछ मरीजों का अस्तपाल के अंदर इलाज किया गया।

प्रसाद के नमूने की जांच होगी
जिला कलेक्टर पाटिल ने कहा कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और उनमें से ज्यादातर को बुधवार को छुट्टी दे दी गई। उन्होंने आगे कहा कि मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति होने पर डॉक्टरों की एक टीम को एम्बुलेंस और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रसाद के नमूने की जांच की जाएगी।

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