मशहूर शेफ कुणाल कपूर को तलाक की इजाजत मिली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्नी की क्रूरता के आधार पर तलाक अर्जी को मंजूरी दी

नई दिल्ली13 घंटे पहले

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कुणाल की शादी 2008 में हुई थी। 2012 में उनके बेटे का जन्म हुआ। वे 2015 से अपनी पत्नी के साथ नहीं रह रहे हैं। उनके बेटे की कस्टडी उनकी पत्नी को मिली हुई है। - Dainik Bhaskar

कुणाल की शादी 2008 में हुई थी। 2012 में उनके बेटे का जन्म हुआ। वे 2015 से अपनी पत्नी के साथ नहीं रह रहे हैं। उनके बेटे की कस्टडी उनकी पत्नी को मिली हुई है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मशहूर शेफ कुणाल कपूर को तलाक की इजाजत दे दी है। जस्टिस सरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की डिविजन बेंच ने मंगलवार (2 अप्रैल) शेफ कुनाल को पत्नी की क्रूरता के आधार पर तलाक की याचिका मंजूर की।

कोर्ट ने कहा कि कुणाल की पत्नी ने पब्लिक में सबके सामने कुणाल का अपमान किया है और सार्वजनिक तौर पर ऐसा करना क्रूरता के बराबर होता है। बेंच ने कहा कि कुणाल के प्रति उनकी पत्नी के आचरण में गरिमा और सहानुभूति नहीं है। जब भी दो में से एक पार्टनर का ऐसा व्यवहार होता है, तो इसका फर्क उनके रिश्तों पर पड़ता है। ऐसे में उन्हें साथ रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

दरअसल, कुणाल ने तलाक की याचिका पहले फैमिली कोर्ट में लगाई थी। वहां से याचिका के खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि पत्नी का आचरण का मामला हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1) के दायरे में आता है और पारिवारिक अदालत ने तलाक के लिए कपूर की याचिका को अनुमति नहीं देकर गलती की है।

कुणाल की शादी 2008 में हुई थी। 2012 में उनके बेटे का जन्म हुआ। वे 2015 से अपनी पत्नी के साथ नहीं रह रहे हैं। उनके बेटे की कस्टडी उनकी पत्नी को मिली हुई है।

कुणाल की शादी 2008 में हुई थी। 2012 में उनके बेटे का जन्म हुआ। वे 2015 से अपनी पत्नी के साथ नहीं रह रहे हैं। उनके बेटे की कस्टडी उनकी पत्नी को मिली हुई है।

कोर्ट ने किस आधार पर पत्नी के बिहेवियर को क्रूरता माना?

  1. बेंच ने माना कि पत्नी से अलग होने के बाद भी कुणाल अपने बेटे की शिक्षा और अन्य खर्चों के लिए उनकी पत्नी की आर्थिक सहायता करते थे। उनकी पत्नी कुणाल पर पब्लिक में चिल्लाती भी थीं। कोर्ट ने माना कि कानून के मुताबिक पब्लिक में किसी भी पति या पत्नी के खिलाफ अपमानजनक और निराधार आरोप लगाना क्रूरता के बराबर होता है।
  2. बेंच ने दोनों के बीच हुई वॉट्सऐप मैसेज भी देखे। कोर्ट ने कहा- मैसेज देखकर लगता है कि कुणाल अपने बेटे से मिलना चाहते थे, लेकिन उनकी पत्नी बार-बार बेटे को कुणाल से मिलाने की बात को टालती रहीं। दूसरी ओर वो पति कुणाल से आर्थिक सहायता लेती रहीं। ऐसा करने से पिता-बेटे के बीच दूरी बढ़ती है। इससे पिता में तनाव पैदा हो सकता है।
  3. कोर्ट ने माना कि कुणाल और उनके परिवार को समाज में सम्मान नहीं मिला, फिर भी उन्होंने अपने वैवाहिक जीवन को बचाने की कोशिश की। अलग होने के बाद भी कुणाल ने अपनी पत्नी के साथ फिर से रहने और जीवन बिताने का प्रयास किया।
  4. कोर्ट ने माना कि कुणाल की पत्नी कुणाल से अपने बेटे के सामने जोर-जोर से चिल्लाकर लड़ाई करती थीं। कुणाल मना करते थे कि बच्चे के सामने लड़ाई नहीं की जानी चाहिए, लेकिन वह नहीं मानती थीं। कोर्ट ने कहा- इस तरह का बिहेवियर निसंदेह गंभीर क्रूरता का विषय बनता है।

पत्नी ने क्रूरता के आरोपों को गलत बताया
कुणाल की पत्नी ने कोर्ट में क्रूरता के आरोपों को गलत बताते हुए कहा था- परिवार और पति की मदद के लिए मैंने अपने करियर से समझौता किया। ससुराल वाले नियमित रूप से मुझे घर का काम करने के बजाय नौकरी करने के लिए ताना मारते थे। छोटे-छोटे कारणों से बार-बार मुझे अपमानित करते थे। ससुरालवाले ऐसा इसलिए करते थे, क्योंकि मैं एक आदर्श बहू की उनकी रूढ़िवादी परिभाषा में फिट नहीं बैठती हूं।

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