मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे का विरोध मार्च: कहा- रैली रोकी तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे; डिप्टी CM अजित से पूछा-रिजर्वेशन में देरी क्यों

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मुंबई17 मिनट पहले

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मनोज जरांगे की यात्रा 20 जनवरी से शुरू हुई। यह 26 जनवरी को मुंबई पहुंचेगी। - Dainik Bhaskar

मनोज जरांगे की यात्रा 20 जनवरी से शुरू हुई। यह 26 जनवरी को मुंबई पहुंचेगी।

मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे मराठाओं के आरक्षण के लिए जालना से मुंबई तक विरोध मार्च निकाल रहे हैं। शनिवार (20 जनवरी) से शुरू हुआ उनका मार्च आज (22 जनवरी) को अहमदनगर पहुंचा। यहां उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर आंदोलन को नजरअंदाज करने के आरोप लगाया।

उन्होंने कहा- डिप्टी CM अजित पवार को इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार से पूछना चाहिए कि आरक्षण में इतनी देरी क्यों हो रही है। मैं सरकार के साथ बात करने के लिए तैयार हूं।

उन्होंने आगे कहा- अगर हमारी रैली को रोकने की कोशिश की तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे। इस आंदोलन को खत्म करने का प्रयास अब नहीं हो सकता है। एक लोकतांत्रिक देश में हमें रैली निकालने का पूरा अधिकार है। मैं मुंबई में धरने पर बैठने की मंजूरी भी ले चुका हूं।

मनोज जरांगे की यह रैली गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन मुंबई पहुंचेगी। उनके मुताबिक, अगर सरकार आंदोलन को नजरअंदाज करती रही तो वे मुंबई में भूख हड़ताल करेंगे। जरांगे की मांग राज्य के मराठाओं को कुनबी समाज में शामिल कराने की है। इससे पूरी कम्युनिटी OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) की श्रेणी में आजाएगी और आरक्षण का लाभ ले सकेगी।

उधर, CM शिंदे ने मामले को लेकर शनिवार (20 जनवरी) को कहा था कि राज्य पिछड़ा आयोग 23 जनवरी से एक सर्वे शुरू कर रहा है। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि मराठा कम्युनिटी के लोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से कितने पिछड़े हैं।

मनोज जारंगे जब 21 जनवरी को बीड पहुंचे तो फूल बरसाकर उनका स्वागत किया गया।

मनोज जारंगे जब 21 जनवरी को बीड पहुंचे तो फूल बरसाकर उनका स्वागत किया गया।

मनोज जारंगे को जेसीबी से 50 किलो का हार पहनाया गया।

मनोज जारंगे को जेसीबी से 50 किलो का हार पहनाया गया।

मनोज जारंगे के साथ हजारों की संख्या में लोग इस मार्च में हिस्सा ले रहे हैं।

मनोज जारंगे के साथ हजारों की संख्या में लोग इस मार्च में हिस्सा ले रहे हैं।

मनोज ने 20 जनवरी को महाराष्ट्र के जालना से पैदल मार्च निकाला है। वे 26 जनवरी को मुंबई पहुंचेंगे।

मनोज ने 20 जनवरी को महाराष्ट्र के जालना से पैदल मार्च निकाला है। वे 26 जनवरी को मुंबई पहुंचेंगे।

बीड में 51 जेसीबी से तैयार रखे गए थे, जिनसे मनोज जरांगे पर फूल बरसाए गए।

बीड में 51 जेसीबी से तैयार रखे गए थे, जिनसे मनोज जरांगे पर फूल बरसाए गए।

ग्राफिक्स के जरिए जरांगे के विरोध प्रदर्शन का रूट समझिए ….

पिछले आंदोलन में 29 लोगों ने सुसाइड की थी
इससे पहले 25 अक्टूबर 2023 को मनोज जरांगे ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल शुरू की थी। मांग वही, मराठा समुदाय को OBC का दर्जा देकर आरक्षण दिया जाए। 9 दिनों में आंदोलन से जुड़े 29 लोगों ने सुसाइड कर लिया।

इसके बाद राज्य सरकार के 4 मंत्रियों धनंजय मुंडे, संदीपान भुमरे, अतुल सावे, उदय सामंत ने जरांगे से मुलाकात कर भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की। उन्होंने स्थायी मराठा आरक्षण देने का वादा किया। इसके बाद 2 नवंबर 2023 को मनोज जरांगे ने अनशन खत्म कर दिया। साथ ही सरकार को 2 जनवरी 2024 तक का समय दिया।

2 नवंबर 2023 को राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते मनोज जरांगे।

2 नवंबर 2023 को राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते मनोज जरांगे।

मंत्रियों ने आरक्षण देने का वादा किया था
कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने 2 नवंबर 2023 को कहा था कि विधानमंडल सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा। इस सत्र में 8 दिसंबर को मराठा आरक्षण पर चर्चा की जाएगी। जरांगे ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण देने का वादा किया है। उन्होंने इसके लिए कुछ समय मांगा है। हम सबकी दिवाली मीठी बनाने के लिए सरकार को समय देंगे। अगर सरकार तय समय में आरक्षण नहीं देगी तो 2024 में हम फिर मुंबई में आंदोलन करेंगे।

सर्वदलीय बैठक में फैसला- मराठा आरक्षण मिलना चाहिए
महाराष्ट्र में CM एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में 1 नवंबर 2023 को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सहमति जताई कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना ही चाहिए। इस बैठक में शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे।

बैठक के बाद CM शिंदे ने कहा था- यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से अपील है कि वो अनशन खत्म करें। हिंसा ठीक नहीं है।

ओबीसी समुदाय मराठाओं को कुनबी सर्टिफिकेट देने के खिलाफ
मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। इसके बाद मनोज जरांगे पाटिल समेत कई लोग दावा कर रहे हैं कि मराठा समाज मूल रूप से कुनबी जाति से है। यानी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाता है तो आरक्षण मिलने पर उसे ओबीसी कोटे से लाभ मिल जाएगा।

फिलहाल राज्य में ओबीसी कोटे से आरक्षण 19 फीसदी है। ओबीसी समुदाय के संगठनों का मानना ​​है कि अगर इसमें मराठा समुदाय को भी शामिल किया गया तो आरक्षण का फायदा नए लोगों को मिलेगा। हमारा विरोध मराठा आरक्षण से नहीं बल्कि उन्हें ओबीसी से आरक्षण देने को लेकर है।

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