ममता बोलीं- महुआ का निष्कासन प्लान किया जा रहा: यह अगले चुनाव में उन्हें फायदा पहुंचाएगा; BJP सांसद बोले- ये चोरी और सीनाजोरी जैसा मामला

नई दिल्ली5 घंटे पहले

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TMC सांसद महुआ मोइत्रा के 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में फंसने के बाद से यह पहली बार है जब ममता ने महुआ की सांसदी को लेकर बयान दिया है। - Dainik Bhaskar

TMC सांसद महुआ मोइत्रा के ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में फंसने के बाद से यह पहली बार है जब ममता ने महुआ की सांसदी को लेकर बयान दिया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने का प्लान बनाया जा रहा है। चुनाव से पहले इस कदम से उन्हें (महुआ) मदद मिलेगी। यह अगले चुनाव में उन्हें फायदा पहुंचाएगा।

TMC सांसद महुआ मोइत्रा के कैश फॉर क्वेरी मामले में फंसने के बाद से यह पहली बार है जब ममता ने महुआ की सांसदी को लेकर बयान दिया है। ममता ने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही है।

इधर, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर महुआ पर निशाना साधा है। उन्होंने X पर लोकसभा की एक डॉक्यूमेंट शेयर करते हुए लिखा महुआ ने संसद की गोपनीयता का उल्लंघन किया है। ये चोरी और सीनाजोरी जैसा मामला है।

निशिकांत बोले- संसद में पूछे गए सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डालते हैं
निशिकांत ने आगे लिखा कि- ‘यह है लोकसभा का आदेश, जो साफ कहता है कि गोपनीयता का मतलब सूचना केवल और केवल सांसद तक सीमित रहे। क्योंकि सांसद जब प्रश्न पूछते हैं तो संसद शुरू होने के एक घंटा पहले उत्तर सांसद को मिलता है, इससे शेयर मार्केट, कम्पनी की स्थिति में उतार चढ़ाव, देश की सुरक्षा में सेंध, दूसरे देशों के साथ अपने सम्बन्धों पर समय से पहले जानकारी मिल जाने पर आर्थिक, सुरक्षा से खिलवाड़ हो सकता है। आरोपी भ्रष्टाचारी सांसद को शायद हीरानंदानी जैसे PA ने यह पढ़कर नहीं बताया?’

एथिक्स कमेटी ने लोकसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट भेजी
कैश फॉर क्वेरी के मामले की जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने 10 नवंबर को अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भेज दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिपोर्ट में लिखा है कि महुआ का अकाउंट विदेश से 47 बार लॉगिन हुआ। TMC सांसद की ओर से संसद में पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल बिजनेमसमैन दर्शन हीरानंदानी की पसंद के थे।

अब यह रिपोर्ट 4 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के विंटर सेशन में लोकसभा में पेश की जाएगी। इसमें महुआ के निष्कासन की सिफारिश को लेकर वोटिंग हो सकती है।

BJP सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में कमेटी ने 9 नवंबर को बैठक की थी और 479 पन्नों की रिपोर्ट को स्वीकार किया था। सोनकर के मुताबिक, महुआ को 6:4 के बहुमत से ID लॉगिन आईडी और पासवर्ड दूसरों के साथ साझा करने के ‘अनैतिक आचरण’ का दोषी पाया गया। कमेटी के 10 में से 6 मेंबर्स ने महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने के पक्ष में वोट दिया था।

4 मेंबर्स ने विपक्ष में वोट डाला था। कमेटी के जिन 4 सदस्यों ने महुआ के निष्कासन का विरोध किया था, उन्होंने रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और गलत बताया। उन्होंने कहा था कि दर्शन हीरानंदानी को पैनल के सामने पेश होने का मौका नहीं दिया गया। दर्शन सिर्फ हलफनामा ही दाखिल कर पाए हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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5 पॉइंट में पूरा मामला समझें…

  1. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया।
  2. निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसों के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।
  3. उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वे कथित सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC और विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।
  4. एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को महुआ को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। महुआ ने इसी दिन एथिक्स कमेटी को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही मौजूद हो पाएंगी। 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को पेश होने को कहा।
  5. 6 नवंबर को महुआ ने दावा किया कि 7 नवंबर को होने वाली लोकसभा की एथिक्स कमेटी की बैठक इसलिए स्थगित की गई ताकि कमेटी के मेंबर कांग्रेस सांसदों को कार्यवाही से दूर रखा जा सके।

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केस का दूसरा पहलू: डॉग हेनरी की कस्टडी को लेकर महुआ और देहाद्राई के बीच विवाद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देहाद्राई और महुआ कथित तौर पर रिलेशनशिप में थे। उस दौरान वो पालतू कुत्‍ते हेनरी को घर लाए थे। दोनों के अलग होने के बाद से उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। दोनों के बीच हेनरी की कस्टडी को कोर्ट में लड़ाई चल रही है।

हेनरी फिलहाल महुआ के पास है। देहाद्रई उसकी कस्टडी अपने पास चाहते हैं। 20 अक्टूबर को उन्होंने आरोप लगाया था कि महुआ ने कहा है कि वो हेनरी को उन्हें लौटा देंगी, अगर वो संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के मामले में अपनी शिकायत वापल ले लें।

एडवोकेट देहाद्राई का दावा- महुआ मेरे घर में जबरन घुसीं, स्टाफ को डराया-धमकाया

देहाद्राई ने तीन हफ्ते पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को भी एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा होने की बात कही थी।

देहाद्राई ने तीन हफ्ते पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को भी एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा होने की बात कही थी।

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई ने मंगलवार को महुआ पर जबरन उनके घर में घुसने और स्टाफ को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। देहाद्राई ने इसे लेकर दिल्ली के हौज खास पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर को पत्र लिखकर शिकायत भी की है।

देहाद्राई वही वकील हैं जिन्होंने 14 अक्टूबर को महुआ पर संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने तीन हफ्ते पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को भी एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा होने की बात कही थी।

आरोप सही साबित हुए तो महुआ को सजा क्या मिलेगी
जिस भी सांसद पर ऐसे आरोप लगते हैं, उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। कमेटी जांच करेगी कि क्या ये किसी खास के हित में या उसके बिजनेस को लाभ पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। पूरी जांच कर एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देगी।

अगर इसमें किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है तो संसद में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। वहीं स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो तो कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकते हैं।

18 साल पहले भी सांसदों के निष्कासन का मामला सामने आया था
12 दिसंबर 2005 में राज्य 11 सांसदों का सवाल के बदले पैसे मामले में निष्कासन का मामला सामने आया था। इसकी सिफारिश राज्यसभा एथिक्स कमेटी ने की थी। 23 दिसंबर को इन सांसदों को निष्कासित कर दिया गया था।

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